सम-सामयिक

मंदिरों से हटाई जा रहीं साईं बाबा प्रतिमा

(मनोज कुमार अग्रवाल-हिफी फीचर)
यूपी की पवित्र नगरी वाराणसी में हिन्दू मंदिरों से साईं बाबा की मूर्ति को विस्थापित करने का सिलसिला शुरू किया गया है। वाराणसी में सनातन रक्षक दल ने मंगलवार, 1 अक्टूबर को बिना किसी विरोध या प्रतिक्रिया के 14 मंदिरों से साईं बाबा की मूर्तियां हटा दीं। सनातन रक्षक दल के प्रदेश अध्यक्ष का कहना है कि सनातन मंदिर में सनातन देवी-देवता होने चाहिए। समाजवादी पार्टी ने कहा- ये लोग काशी का माहौल खराब कर रहे हैं।हाल ही में शंकराचार्य ने साईं की मूर्ति लगाने और पूजा करने पर हिन्दुओं को चेताया और इसे सनातन के विपरीत करार देते हुए घोर आपत्ति जताई।
पिछले दो दशकों में मुस्लिम फकीर साईबाबा का व्यापक प्रचार-प्रसार किया गया आरोप है कि एक सोची समझी साजिश के तहत एक समुदाय विशेष के सनाढ्य लोगों और विदेशी फंड से न्यूज चैनलों पर साईं की महिमा का बखान करने वाले समाचार विडियो प्रसारण कराए गए साईं की पत्थर की प्रतिमा से आंसू निकलने के मनगढंत न्यूज विडियो बनाकर बाकायदा न्यूज चौनलों को पैसा देकर बार बार प्रसारित कराया गया। इसके अलावा समुदाय विशेष की माफिया लाबी द्वारा सनातन धर्म वैष्णो देवी व चार धाम तथा द्वादश शिवलिंग पूजा पर लगातार भक्ति गीत संगीत बनाकर टीसीरीज कंपनी से धार्मिक आस्था व श्रद्धा का अभियान चला रहे गुलशन कुमार की सरेआम विधर्मी माफियाओं के गुर्गों ने मुंबई की सड़कों पर दिनदहाड़े हत्या कर दी थी बताया जाता है कि इस के पीछे भी माता वैष्णो देवी में बढ़ते तीर्थयात्रियों सनातन के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए कुछ लोगों के दिल पर सांप लोट रहा था और वह अन्य का प्रचार प्रसार करने के लिए मशहूर गायक और उस की कंपनी को डरा धमका रहे थे। उनकी योजना साईं ट्रस्ट को देश व्यापी बना कर हर मंदिर में साईं की मूर्ति प्लांट करने की थी। गुलशन कुमार की हत्या के बाद इस षडयंत्र को बल मिला और भारत के धर्मभीरू हिन्दुओं के बीच साईं महिमा का साहित्य बांट कर गुरुवार को साईं व्रत के लिए उकसाया गया और स्थान स्थान पर साईं मंदिर व पुराने मंदिरों में साईं प्रतिमा स्थापित करायी गयी। देखते ही देखते शिरडी के सांई मंदिर पर तीर्थ जैसी भीड़ लगने लगी और देश भर के मंदिरों में साईं की मूर्ति लगाने का काम शुरू हो गया। हजारों मंदिरों में साईं मूर्ति लगा दी गई। इतना ही नहीं साईं बाबा को अखंड ब्रम्हांड नायक व साई राम जैसे नाम व विशेषणों से भी नवाजा जाने लगा।
साईं के विरोधी और कट्टर हिन्दुओं का तर्क है कि ऐसे कई सूफी संत हुए हैं जिन्होंने राम-कृष्ण की भक्ति के
माध्यम से हिन्दुओं को धीरे-धीरे इस्लाम के प्रति श्रद्धावान बनाया और अंततः उन्हें इस्लाम की ओर मोड़ दिया। आज भी ऐसे कई संत सक्रिय हैं। साईं बाबा भी इसी साजिश का एक हिस्सा है।
साईं के बारे में ऐसे लोगों का तर्क है कि साई अपना ज्यादातर वक्त मुस्लिम फकीरों के संग बिताते थे। वे कुछ महीनों तक अजमेर में भी रहे थे। साई पूर्णतः एक मुस्लिम फकीर थे और मुसलमानों की तरह ही उन्होंने अपना संपूर्ण जीवन-यापन किया। आओ जानते हैं कि साईं विरोधियों का साईं के बारे में तर्क है कि साईं शब्द फारसी का है जिसका अर्थ होता है ‘संत’। उस काल में आमतौर पर भारत के पाकिस्तानी हिस्से में मुस्लिम संन्यासियों के लिए इस शब्द का प्रयोग होता था। शिर्डी में साईं सबसे पहले जिस मंदिर के बाहर आकर रुके थे उसके पुजारी ने उन्हें साईं कहकर ही संबोधित किया था। आरोप है कि साईं को हिन्दू धर्म ग्रंथों शास्त्र पुराणों का कोई ज्ञान नहीं था। वह लगातार अल्लाह मालिक का जाप करते थे। वह एक मस्जिद में रहते थे वह इस निवास को द्वारकामाई कहते थे, आज ऐसा करने की कोशिश करो तो तुम्हारे खिलाफ फतवा जारी कर दिया जाएगा और तुम्हें शहर से बाहर निकाल दिया जाएगा। वह इस्लामी सिद्धांतों पर विचार करने में समय बिताते थे और उनके साथी अब्दुल उन्हें कुरान की आयतें पढ़ा करते थे, गीता क्यों नहीं? साईं बाबा की गैर-हिंदू विचारधारा की बढ़ती आलोचनाओं का मुकाबला करने के लिए, अनुयायियों ने यह दावा करते हुए सिद्धांत गढ़े कि उनका जन्म ब्राह्मण के रूप में हुआ था, लेकिन उन्हें त्याग दिया गया और बाद में मुसलमानों ने उन्हें गोद ले लिया।
ध्यान रहे, मुसलमान उन्हे कोई महत्व नहीं देते तथा उसे विधर्मी और गैर- इस्लामी बताकर उसकी निंदा करते हैं। केवल जादुई सोच से भ्रमित कमजोर इच्छाशक्ति वाले व्यक्ति ही अपने जीवन में चमत्कार होने की आशा में साईं की पूजा करते हैं। ऐसा भी बताया जाता है कि वह शाकाहारी भी नहीं थे।
बहरहाल इन दिनों यूपी के वाराणसी से मंदिर में बैठाकर पूजे जा रहे साईं बाबा को बेदखल करने का सिलसिला शुरू किया गया है। गत दिनों सांई की कुछ मूर्तियों को गंगा में विसर्जित किया गया और कुछ को उनके मंदिरों में पहुंचाया जा रहा है। सनातन रक्षक दल ने अभी 100 और मंदिरों की लिस्ट बनाई है।
तीन दिन पहले वाराणसी शहर के सबसे प्रमुख बड़ा गणेश मंदिर से साईं बाबा की मूर्ति को हटाकर गंगा में विसर्जित किया गया था। पुरुषोत्तम मंदिर से भी मूर्ति हटाई जा चुकी है। इसके अलावा कई मंदिरों में मूर्तियों को सफेद कपड़े में लपेट कर रख दिया गया है।
इस अभियान का आगाज शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने किया था। अब सनातन रक्षक दल इस अभियान को आगे बढ़ा रहा है। बड़ा गणेश मंदिर के पास रहने वाले बुजुर्गों से भास्कर ने बात की। उन्होंने कहा, आज हमने देखा साईं बाबा की मूर्ति यहां से हटा दी गई थी। अगर सनातन मंदिर में साईं की मूर्ति से आपत्ति थी तो उसे लगाना ही नहीं चाहिए था, अगर लगा दिया तो उसे सम्मान से हटाते। इस तरह गलियों में मूर्ति के टुकड़े फेंक देना उचित नहीं है। हालांकि टुकड़े मूर्ति के नहीं, बल्कि सिंहासन से जुड़े हैं। एक और बुजुर्ग ने कहा- इस तरह मूर्तियों को लगाकर उन्हें हटा देना गलत है।
गत रविवार को बड़ी संख्या में सनातन रक्षक दल के सदस्य लोहटिया स्थित बड़ा गणेश मंदिर पहुंचे थे। यह ऐतिहासिक मंदिर है, यहां रोज हजारों भक्तों की भीड़ रहती है। मंदिर परिसर में 5 फीट की साईं मूर्ति भी स्थापित थी। सनातन रक्षक दल के सदस्य यहां से साईं की मूर्ति को कपड़े में लपेटकर ले गए और गंगा में विसर्जित कर दिया
विधान परिषद सदस्य और सपा नेता आशुतोष सिन्हा ने कहा, बनारस आस्था का केंद्र है। आजकल नई-नई बातें सुनने को मिल रही हैं। इससे पहले लगातार पूजा होती रही है। मैं किसी धर्म या भगवान पर टिप्पणी नहीं कर रहा। समझ नहीं आ रहा कि इसकी जरूरत क्यों पड़ी। आज बनारस की मुख्य समस्या सीवर-पानी है। गंगा के प्रदूषण पर बात नहीं हो रही। विकास के नाम पर यहां 50 से ज्यादा मंदिर तोड़े गए। इस पर चर्चा नहीं हुई। आखिर कब तक ऐसे मंदिर, मस्जिद, भगवान और साईं बाबा पर बात होगी। पढ़ाई-लिखाई, बनारस की तरक्की और रोजगार पर बात होनी चाहिए। वहीं इस मुद्दे पर पुजारी बोले- जानकारी के अभाव में पूजा होती रही।
बड़ा गणेश मंदिर के महंत रम्मू गुरु ने कहा, जानकारी के अभाव में साईं की पूजा हो रही थी। शास्त्र के अनुसार इनकी पूजा वर्जित है। जानकारी होने के बाद स्वेच्छा से प्रतिमा हटवा दी गई। अन्नपूर्णा मंदिर के महंत शंकर पुरी ने कहा- शास्त्रों में कहीं भी साईं की पूजा का वर्णन नहीं मिलता है। इसलिए अब मंदिर में स्थापित मूर्ति हटाई जा रही है। (हिफी)

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