सैनी और सिन्हा की परीक्षा

चुनाव आयोग ने जम्मू-कश्मीर और हरियाणा मंे विधानसभा चुनावों की तारीखें घोषित कर दी हैं। अनुमान था जम्मू-कश्मीर, हरियाणा, झारखण्ड और महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव एक साथ कराए जाएंगे। जम्मू-कश्मीर मंे तो 10 साल से विधानसभा चुनाव लम्बित थे। इसी बीच 5 अगस्त 2019 को जम्मू-कश्मीर को दो केन्द्र शासित राज्यों में विभाजित कर अनुच्छेद 370 को निष्प्रभावी कर दिया गया। वहां के राज्यपाल मनोज सिन्हा को उपराज्यपाल बनाया गया है और एक तरह से सरकार के मुखिया वही हैं। इसी प्रकार हरियाणा में मनोहर लाल खट्टर को हटाकर नायब सिंह सैनी को मुख्यमंत्री बनाया गया था। उन्हीं के नेतृत्व मंे लोकसभा के चुनाव हुए जिसके नतीजे भाजपा के लिए अच्छे नहीं कहे जा सकते। उस समय यह कहा जा रहा था कि लोकसभा चुनाव का मुद्दा दूसरा होता है और विधानसभा चुनाव को जनता दूसरी नजर से देखती है। इसलिए अब हरियाणा में नायब सिंह सैनी की और जम्मू-कश्मीर में उपराज्यपाल मनोज सिन्हा की परीक्षा होनी है। जम्मू-कश्मीर मंे 90 सीटों के लिए तीन चरणों मंे मतदान कराया जाएगा, जबकि हरियाणा में एक ही चरण मंे 90 सीटों पर मतदान होगा। दोनों राज्यों के चुनाव नतीजे 4 अक्टूबर को सुनाए जाएंगे। जम्मू-कश्मीर में 2022 में हुआ विधानसभा का परिसीमन महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
जम्मू-कश्मीर और हरियाणा में विधानसभा चुनावों का ऐलान कर दिया गया है। चुनाव आयोग ने 16 अगस्त को दोनों प्रदेशों में होने वाले चुनावों का ऐलान किया है। मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने बताया कि हरियाणा में एक फेज में चुनाव कराए जाएंगे। वहीं, तकरीबन एक दशक के बाद जम्मू-कश्मीर में तीन चरणों में चुनाव कराए जाएंगे। जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटने के बाद और इसे केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा मिलने के बाद पहली बार विधानसभा चुनाव कराए जा रहे हैं। मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने तिथियों का ऐलान करते हुए बताया कि जम्मू-कश्मीर में 18 सितंबर, 25 सितंबर और 1 अक्टूबर को वोट डाले जाएंगे। मतों की गिनती 4 अक्टूबर को होगी। मतलब यह है कि इस दिन यह तय हो जाएगा कि जम्मू-कश्मीर में किसकी सरकार बनेगी। जम्मू-कश्मीर में पहले फेज के लिए 20 अगस्त, दूसरे के लिए 29 अगस्त और तीसरे चरण के चुनाव के लिए 5 सितंबर को अधिसूचना जारी की जाएगी। वहीं, पहले चरण के लिए 27 अगस्त, दूसरे के लिए 5 सितंबर और तीसरे फेज के लिए पर्चा दाखिल करने की अंतिम तिथि 12 सितंबर 2024 होगी। इसके अलावा प्रत्याशी 30 अगस्त, 9 सितंबर और 17 सितंबर तक नामांकन वापस ले सकेंगे। हरियाणा में भी विधानसभा चुनाव का मंच अब पूरी तरह से सज चुका है। चुनाव आयोग ने विधानसभा चुनाव की तिथियों का ऐलान कर दिया है। हरियाणा में सभी सीटों के लिए एक चरण में 1 अक्टूबर को वोट डाले जाएंगे, जबकि मतगणना 4 अक्टूबर को होगी। इस बार का हरियाणा का विधानसभा चुनाव काफी दिलचस्प होने की संभावना है। सत्तारूढ़ भाजपा और कांग्रेस दोनों ने अपनी तरफ से चुनाव की पूरी तैयारी होने का दावा किया है। मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कहा कि हरियाणा में 90 विधानसभा सीटों पर 2.01 करोड़ मतदाता हैं। चुनाव आयोग ने बताया कि 27 अगस्त को मतदाता सूची जारी की जाएगी। हरियाणा में एक बदलाव किया गया है। इस बार मल्टी हाउसिंग सोसाइटी में भी पोलिंग स्टेशन बनाए जाएंगे। मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कहा कि जम्मू कश्मीर और हरियाणा के चुनाव का जायजा लेने आयोग गया था। दोनों जगहों पर लोकतंत्र में शामिल होने की लालसा दिखाई दी। मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि उम्मीद और जम्हूरियत की झलक लोकसभा चुनाव में बता रही थी कि बुलेट पर बैलेट की जीत हुई। जनता ने बुलेट और बॉयकॉट के बदले बैलेट को चुना। जम्मू-कश्मीर में 90 सीटें हैं। उन्होंने बताया कि जम्मू-कश्मीर में 87.09 लाख मतदाता होंगे। मतदाता सूची 20 अगस्त को प्रकाशित होगा। वहीं, हरियाणा में 27 अगस्त को मतदाता सूची का प्रकाशन किया जाएगा।
चुनाव आयोग की घोषणा के अनुसार, हरियाणा की 90 विधानसभा सीटों पर एक ही चरण में चुनाव होंगे। खास बात यह है कि इस बार सोनीपत, गुरुग्राम और फरीदाबाद में मल्टीस्टोरी सोसाइटियों में पोलिंग बूथ बनाए जाएंगे। इसकी व्यवस्था चुनाव आयोग की तरफ से की गई है। राज्यों में सभी पोलिंग बूथ 100 फीसदी सीसीटीवी से लैस होंगे। कहीं से भी कोई शिकायत मिलेगी तो कार्रवाई की जाएगी। मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार, चुनाव आयुक्त एसएस संधु और ज्ञानेश कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में इसका ऐलान किया। राजीव कुमार के अनुसार, राज्य में 2.01 करोड़ मतदाता पंजीकृत हैं, जिनमें लगभग 1.06 करोड़ पुरुष और 95 लाख महिला मतदाता हैं। राज्य में 4.52 लाख युवा पहली बार अपने मतदान अधिकार का प्रयोग करेंगे। इसके अलावा 2.54 लाख 85 वर्ष से अधिक वरिष्ठ नागरिक और 1.5 लाख दिव्यांग मतदाता पंजीकृत हैं। 10,381 से अधिक मतदाता 100 साल से अधिक उम्र के हैं। इन चुनावों के लिए 20629 पोलिंग स्टेशन बनाए जाएंगे, जिनमें 7000 शहरी तो 13000 के करीब गांव देहात के क्षेत्रों में होंगे।
हरियाणा विधानसभा का कार्यकाल 3 नवंबर को समाप्त होने वाला है। आयोग की दो दिन की समीक्षा यात्रा के दौरान, आम आदमी पार्टी, भारतीय जनता पार्टी, सीपीआई (एम), कांग्रेस, भारतीय राष्ट्रीय लोक दल और जननायक जनता पार्टी के प्रतिनिधियों ने आयोग से मुलाकात की थी। चुनाव आयुक्त से मुलाकात के दौरान राजनीतिक पार्टियों ने स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनावों का आयोजन, सरकारी मशीनरी के दुरुपयोग के खिलाफ कड़ी कार्रवाई और संवेदनशील मतदान केंद्रों पर पर्याप्त केंद्रीय बलों की तैनाती का मुद्दा उठाया था। चुनाव आयोग ने जम्मू और कश्मीर को लेकर गठित परिसीमन आयोग की रिपोर्ट के बाद विधानसभा और लोकसभा सीटों को लेकर नोटिफिकेशन जारी किया है। मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा ने बताया है कि जम्मू और कश्मीर में 90 विधानसभा सीटें और पाँच संसदीय सीटें होंगी। विधानसभा सीटों में से 43 जम्मू क्षेत्र में और 47 सीटें कश्मीर घाटी में होंगी। सात सीटें अनुसूचित जाति और नौ सीटें अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित होंगी। पहले ये होता था कि विधानसभा क्षेत्र कई जिलों में बँट जाते थे। सरकार ने आयोग का गठन मार्च 2020 में किया था। जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम, 2019 में विधानसभा सीटें बढ़ाने के बाद परिसीमन जरूरी हो गया था। इससे पहले जम्मू-कश्मीर में 111 सीटें थीं- 46 कश्मीर में, 37 जम्मू में और चार लद्दाख में। इसके अलावा 24 सीटें पाकिस्तान प्रशासित कश्मीर (पीएके) में थीं। जब लद्दाख को जम्मू-कश्मीर से अलग कर दिया गया तब यहाँ सिर्फ 107 सीटें रह गईं। पुनर्गठन अधिनियम में इन सीटों को बढ़ाकर 114 कर दिया गया है। इनमें 90 सीटें जम्मू-कश्मीर के लिए और 24 पीएके के लिए हैं। (हिफी)
(अशोक त्रिपाठी-हिफी फीचर)