संत के सिर आध्यात्मिक ताज

(अशोक त्रिपाठी-हिफी फीचर)
राजनीति को लेकर लोगों की सोच अलग-अलग हो सकती है। आमतौर पर इसे जनसेवा का माध्यम बताया जाता है लेकिन ज्यादातर लोग सत्ता की मलाई खाने के लिए राजनीति का सहारा लेते हैं। कितने ही बाहुबलियों को राजनीति से रक्षाकवच मिल जाता है लेकिन उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सोच कुछ अलग तरह की है। पिछले दिनों उन्हांेने कहा संत के लिए सत्ता अभीष्ट नहीं होती अर्थात् योगी के सिर पर पहले से ही आध्यामिक ताज रहता है। उसको सत्ता के ताज की न तो परवाह रहती है और न जरूरत। वह मानते हैं कि आध्यात्मिक दुनिया मंे जिसका कोई अस्तित्व नहीं होता, उसे नष्ट कर दिया जाना चाहिए। विभाजन दिवस (14 अगस्त) पर योगी ने कहा था कि हमें जाति, क्षेत्र और भाषाई विभाजन के ऊपर उठकर राष्ट्र प्रथम की भावना के साथ काम करना चाहिए। बीते 2 सितम्बर को संत कीनाराम की जयंती पर योगी ने कहा कि कोई संत और योगी कभी सत्ता का गुलाम नहीं हो सकता। योगी का यह संदेश भाजपा के उन लोगों के लिए भी है जो उनकी सरकार के खिलाफ शीत युद्ध कर रहे थे। योगी आदित्यनाथ अध्यात्म के रथ पर सवार होकर उत्तर प्रदेश के प्रति अपनी जिम्मदारियों का निर्वहन भी कर रहे हैं। देश के अन्य राज्यों की तरह उत्तर प्रदेश मंे भी बेरोजगारी बड़ी समस्या है। योगी आदित्यनाथ ने बड़ी संख्या में युवाओं को नौकरी और रोजगार देने की व्यवस्था कर दी है। पुलिस मंे ही एक लाख युवाआंे की भर्ती हो रही है। इस तरह संत अपना लौकिक दायित्व भी बखूबी निभा रहा है।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कोई संत, महात्मा और योगी कभी सत्ता का गुलाम नहीं हो सकता। चंदौली में 1 सितम्बर को अघोराचार्य बाबा कीनाराम की जन्मस्थली पर आयोजित 425वें अवतरण समारोह को संबोधित करते हुए सीएम योगी ने कहा, ‘कोई संत, महात्मा और योगी कभी भी सत्ता का गुलाम नहीं हो सकता। बल्कि वह अपने कदमों पर समाज को चलने के लिए प्रेरित करता है। यही काम बाबा कीनाराम ने आज से 425 साल पहले जन्म लेकर दिव्य साधना के माध्यम से सबसे सामने प्रस्तुत किया था।’ संत कीनाराम की जीवनी के बारे में बात करते हुए सीएम योगी ने कहा, ‘एक कुलीन परिवार में उनका जन्म हुआ। साधना के जरिए उन्होंने सिद्धि प्राप्त की, सिद्धि प्राप्त करने के बाद अक्सर होता है कि व्यक्ति मद में कुछ नहीं देखता, किसी को कुछ नहीं समझता लेकिन, बाबा ने अपनी साधना व सिद्धि का उपयोग राष्ट्र व लोक कल्याण के लिए किया।’ सीएम योगी ने कहा कि एक तरफ उन्होंने दलितों, आदिवासियों और समाज के अलग-अलग तबकों को जोड़ने का काम किया तो बिना भेदभाव के एक ऐसे समाज की उन्होंने अलख जगाई, जो किसी संत, अघोराचार्य या योगी के द्वारा ही संभव था।
14 अगस्त को विभाजन भयावह स्मृति दिवस के मौके पर सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि पाकिस्तान या तो भारत में मिलेगा या फिर उसका अस्तित्व समाप्त हो जाएगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सुझाव दिया कि पाकिस्तान का अस्तित्व समाप्त हो सकता है क्योंकि उसका “आध्यात्मिक दुनिया में कोई अस्तित्व नहीं” है। महर्षि अरबिंदो के विचारों का हवाला देते हुए सीएम योगी ने कहा कि अरबिंदो के अनुसार, 1947 से पहले पाकिस्तान की आध्यात्मिक क्षेत्र में कोई वास्तविकता नहीं थी और वह या तो भारत में विलय कर लेगा या अस्तित्व समाप्त कर देगा। सीएम योगी ने कहा, “आध्यात्मिक दुनिया में जिसका कोई वास्तविक अस्तित्व नहीं है, उसे नष्ट कर दिया जाना चाहिए। हमें जाति, क्षेत्रीय और भाषाई विभाजन से ऊपर उठकर ‘राष्ट्र प्रथम’ की भावना के साथ काम करना चाहिए।
उत्तर प्रदेश में युवाओं के लिए अच्छी खबर है। अगले एक दो साल में यूपी पुलिस में एक लाख भर्तियां होने जा रही हैं। इस बात का ऐलान खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किया है। उन्होंने वाराणसी में भाजपा युवा मोर्चा के एक कार्यक्रम में इसकी घोषणा की। उन्होंने कहा कि यूपी पुलिस में अगले दो साल में एक लाख पुलिस जवान भर्ती करेंगे। उन्होंने पिछली सरकारों पर निशाना साधते हुए यह भी कहा कि इन भर्तियों में अब पिछली सरकारों की तरह भेदभाव नहीं होगा। यूपी पुलिस में 60 हजार से अधिक पदों पर भर्तियां चल रही हैं। इसके लिए लगभग 50 लाख आवदेन आए थे, हालांकि काफी परीक्षार्थियों ने परीक्षा नहीं दी। खास बात यह है कि इन आवेदकों में से 6 लाख से अधिक आवेदक दूसरे राज्यों से थे। ऐसे में अगर यूपी पुलिस की भर्तियां आगे भी निकलती हैं तो उसमें दूसरे राज्यों के अभ्यर्थी भी आवेदन कर सकेंगे। यूपी पुलिस भर्ती की लिखित परीक्षाएं 31 अगस्त तक चलीं। अब लिखित परीक्षा के बाद शारीरिक दक्षता परीक्षा होनी हैं। इसके बाद फाइनल सेलेक्शन होगा। अभी यह प्रक्रिया चल ही रही है कि इसी बीच सीएम योगी आदित्यनाथ के इस ऐलान ने उन युवाओं को खुश कर दिया है, जो यूपी पुलिस में नौकरी करना चाहते हैं। यूपी पुलिस की लिखित परीक्षा के बाद यूपी के डीजीपी प्रशांत कुमार ने भी इसको लेकर एक बयान दिया था। यूपी पुलिस की लिखित परीक्षा संपन्न होने के बाद प्रशांत कुमार ने मीडिया से बातचीत में बताया था कि अभी तो 60 हजार से अधिक पदों पर यह भर्तियां हो रही हैं। इसके बाद 40 हजार और भर्तियां होनी हैं यानि कि पुलिस में एक साल में एक लाख भर्तियां होंगी। उन्होंने यह भी कहा था कि समय से ट्रेनिंग पूरी होने के बाद यूपी पुलिस के पास अगले डेढ़ से दो साल के भीतर एक लाख से अधिक कांस्टेबल होंगे।
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने युवाओं के लिए नौकरियों का पिटारा खोल दिया है। यूपी पुलिस भर्ती परीक्षा अब तक की सबसे बड़ी पुलिस भर्ती है जिसमें युवाओं की उम्मीदों को नए पंख मिले हैं। इसके साथ ही सीएम योगी के नेतृत्व में प्रदेश में औद्योगिक विकास ने भी रफ्तार पकड़ी है। प्रदेश में आर्थिक वृद्धि का नया अध्याय जुड़ गया है। योगी सरकार ने उत्तर प्रदेश के युवाओं के लिए भर्तियां निकालीं। इसमें यूपी पुलिस भर्ती परीक्षा में 60 हजार से अधिक लोगों का चयन हुआ। निष्पक्षता से परीक्षा दिलाई जा सके। योगी सरकार ने यूपी पुलिस भर्ती परीक्षा में नए मानक स्थापित किए। नकल माफिया को लगाम, युवाओं को मिला न्याय मिला। यह आयोजन पारदर्शिता और कुशलता का अनूठा उदाहरण बना।
योगी सरकार ने औद्योगिक विकास को भी नए आयाम दिये हैं। गत दिनों 1333 करोड़ की प्रोत्साहन राशि और 4500 करोड़ से अधिक के निवेश के लिए लेटर ऑफ कंफर्ट का वितरण हुआ। लखनऊ में 32 औद्योगिक इकाईयों को 1333 करोड़ की राशि वितरित की गई है। उत्तर प्रदेश में 125 सीएम फेलो तैनात हैं। जो निवेशकों की समस्याओं का समाधान करेंगे। सीएम योगी ने यूपी को निवेश का नया हब बना दिया है। 2017 से अब तक सीएम योगी ने औद्योगिक विकास के क्षेत्र में अभूतपूर्व विकास किया है। योगी सरकार ने साल 2017 से अब तक यूपी को आकर्षक बनाया है। नई पॉलिसी और सुरक्षा से यूपी की अर्थव्यवस्था को गति मिली है। अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के बाद पर्यटन में विकास हुआ है। (हिफी)