लेखक की कलम

शाह ने दिया चिदम्बरम को जवाब

(अशोक त्रिपाठी-हिफी फीचर)
लोकसभा में जब आपरेशन सिंदूर पर चर्चा चल रही थी, तब उससे पहले ही कांग्रेस नेता पी. चिदम्बरम ने एक सवाल उठाया था कि पहलगाम में हमला करने वाले कहां से आए थे। उन्होंने सरकार से पूछा कि आपने कैसे मान लिया कि वे पाकिस्तान से आये थे? उनमंे से किसी को अब तक पकड़ा या मारा क्यों नहीं गया? चिदम्बरम का यह सवाल सरकार को चुभा था क्योंकि जनता के बीच से भी कुछ इसी तरह के सवाल उठने लगे थे। आपरेशन सिंदूर के तहत हमने पाकिस्तान को तबाह किया। उसके हमले को नाकाम किया। सर्जिकल स्ट्राइक मंे आतंकवादियों को प्रशिक्षण देने वाले स्थल नष्ट किये और 100 आतंकी मारे भी गये लेकिन उन चार आतंकियों के बारे मंे कोई सुराग नहीं मिला था जिन्होंने पहलगाम में 25 महिलाओं के सिंदूर पोंछ डाले थे। हालांकि सीमा सुरक्षा बल और स्थानीय पुलिस अपना काम मुस्तैदी से कर रही थी लेकिन सवाल अपनी जगह मौजूद था। कांगे्रस नेता ने पाकिस्तान का जिक्र करके कुछ ज्यादा ही बोल दिया था। इस बीच जम्मू-कश्मीर मंे तीन आतंकवादी मारे गये जिनके बारे में पहले कहा जा रहा था कि इनमंे एक पहलगाम हमले का मास्टर माइंड है। अब एक दिन बाद बताया जा रहा है कि तीनों आतंकी पहलगाम हमले से जुड़े थे और केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह को एफएसएल के वैज्ञानिकों ने कुछ खोखे दिखाते हुए कहा कि ये वही गोलियां हैं, जो आतंकियों ने पहलगाम मंे चलाई थीं। इस प्रकार शाह यह बताने का प्रयास कर रहे हैं कि पहलगाम हमले के आतंकियों को हमने मार गिराया। पीएम मोदी ने कहा भी था कि ये हमलावर कहीं भी छिपे हों, हम उन्हंे पाताल से भी ढूंढ़ लाएंगे। इस प्रकार कांग्रेस नेता चिदम्बरम को जवाब मिल गया होगा कि आतंकी पाकिस्तान से ही आये थे। अमित शाह ने कहा कि इसके सबूत हमारे पास हैं। भारतीय जवानों को एक बार फिर बधाई जिन्होंने पहलगाम के आतंकियों को ढेर किया है। हालांकि पहलगाम मंे उस समय सुरक्षा की व्यवस्था न होना एक सवाल बना हुआ है।
गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर बहस के दूसरे दिन कांग्रेस को पूर्व गृह मंत्री पी. चिदंबरम के बयान के आधार पर घेरा। गृह मंत्री ने कहा कि देश का पूर्व गृह मंत्री पूछ रहा है कि क्या सबूत है कि पहलगाम हमला करने वाले आतंकी पाकिस्तानी थे। ये किसको बचाने का प्रयास कर रहे हैं। ये किसके लिए बोल रहे हैं। हम कहना चाहते हैं कि तीनों आतंकी पाकिस्तानी थे। इस बात के हमारे पास पक्के सबूत हैं। ये लोग पाकिस्तान को क्लीनचिट दे रहे हैं। शाह ने कहा, इस देश के पूर्व गृह मंत्री पी चिदंबरम ने सवाल उठाया कि क्या सबूत है कि यह आतंकी पाकिस्तान से आए थे। आखिर चिदंबरम साहब क्या कहना चाहते हैं। मैं चिदंबरम साहब को कहना चाहता हूं कि हमारे पास प्रूफ है। तीन में से दो के वोटर नंबर भी हमारे पास उपलब्ध हैं। ये राइफलें और चॉकलेट भी पाकिस्तानी उनके पास मिली थीं। पूरी दुनिया के सामने इस देश का पूर्व गृह मंत्री पाकिस्तान को क्लीन चिट दे रहा है। वे पाकिस्तानी नहीं थे, बोलकर चिदंबरम इस पर भी सवाल खड़े कर रहे हैं कि हमने पाकिस्तान पर हमला क्यों किया। चिदंबरम को सवाल मांगना था, तो मुझसे मांगते। पाकिस्तान को बचाने की साजिश रची। शाह ने कहा, -कुल मिलाकर 1055 लोगों की 3 हजार घंटे से ज्यादा की पूछताछ सूचना के लिए की गई और वीडियो रेकॉर्ड किया गया। इसके आधार पर स्केच बनाया गया। ढूंढते ढंूढते बशीर और परवेज की पहचान की गई। उन्होंने आतंकी हमले के पहले दिन आतंकियों को शरण दी थी। वे अभी गिरफ्तार हैं। दोनों ने खुलासा किया कि 21 अप्रैल की रात को आठ बजे तीन आतंकी बैसरन से करीब 2 किमी दूर परवेज ढोक में आए थे। आतंकियों के पास एके-47 और एम-9 कार्बाइन थी। दोनों काली पोशाक पहने थे और एक छद्म वेश में था।
उन्होंने होटल में खाना खाया। चाय पी और होटल से निकलते वह वह कुछ नमक, मिर्च और मसाले लेकर निकल गए। उस वक्त जिन खोखों को रिकवर किया था, उसे चंडीगढ़ एफएसएल में टेस्टिंग में भेजा गया। इसके बाद स्केच बनाया गया। गिरफ्तार किए गए दोनों आरोपियों ने तीनों आतंकियों की मृत देह को पहचान लिया है। उनका साथ देने वाले साथियों ने भी पहचान लिया है। एफएलएल की पुष्टि भी सुबह हो गई। इस हमले में तीन पाकिस्तानी आतंकी थे। हमले में दो एके 47 और एक एम-9 कार्बाइन का इस्तेमाल किया गया था। सुबह के 4 बजकर 46 मिनट हो रहे थे, जब गृहमंत्री अमित शाह को एफएसएल के 6 वैज्ञानिकों का वीडियो कॉल आया। वैज्ञानिकों ने कुछ खोखे दिखाते हुए कहा, ये वही गोलियां हैं, जो आतंकियों ने पहलगाम में चलाई थीं। गृहमंत्री के लिए ये पुष्टि बहुत सुकून देने वाली थी। पहलगाम में जब आतंकी हमला हुआ था, तो उसके बाद वे परिजनों से मिले थे। इसमें वो महिला भी थी, जिसकी महज 6 दिन पहले शादी हुई थी। अमित शाह ने जैसा कि लोकसभा में बताया कि वो दिन आज तक नहीं भूल पाए हैं। शाह ने कहा सुकून इस बात का कि जिन आतंकियों ने कई सुहाग उजाड़े, भारतीय जवानों ने उन्हें पाताल से भी
ढूंढ कर मार डाला। हमले के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक रैली में यही तो कहा था, पहलगाम हमले के आतंकी, चाहें जहां भी छिपे हों, उन्हें बख्शा नहीं जाएगा। भारतीय जवान उनकी उम्मीदों पर खरे उतरे। उन्होंने आखिरकार संयुक्त अभियान में उन आतंकियों को ढूंढ कर मार डाला।
लोकसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर छिड़ी बहस के बीच जब केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह खड़े हुए, तो माहौल अचानक गंभीर हो गया। उन्होंने पहलगाम हमले की पूरी कहानी संसद के पटल पर रख दी- इतनी विस्तार से कि घंटे, मिनट और सेकेंड तक बता डाले। उन्होंने कहा, मैं बताता हूं कि कैसे इन आतंकियों के आका मारे गए। नाम और जगह के साथ।
अमित शाह ने बताया कि इस हमले की जांच एनआईए को दी गई, जिसकी सजा दर 96 फीसद से अधिक है। इसके अलावा सेना, सीआरपीएफ, बीएसएफ और जम्मू-कश्मीर पुलिस ने सुनिश्चित किया कि कोई आतंकी देश छोड़कर भाग न पाए। उन्होंने बताया कि इस हमले की जांच आसान नहीं थी। 1055 लोगों से 3000 घंटे से अधिक पूछताछ की गई- मरने वालों के परिजन, खच्चर चलाने वाले, पर्यटक, होटल कर्मचारी, फोटोग्राफर- कोई नहीं छूटा। हर बयान रिकॉर्ड किया गया, हर शक पर स्केच बना। इसी स्केच की मदद से तलाश शुरू हुई। कुछ दिन बाद बशीर और परवेज नाम के दो स्थानीयों की पहचान हुई, जिन्होंने आतंकियों को शरण दी थी। दोनों को गिरफ्तार किया गया। उन्होंने बताया कि 21 अप्रैल की रात 8 बजे, तीन आतंकी परवेज के ढोक (पर्वतीय झोंपड़ी) में आए थे। हमले के बाद बरामद कारतूसों के खोखे चंडीगढ़ की फॉरेंसिक लैब भेजे गए। परीक्षण में पता चला कि वही राइफलें थीं, जिनसे हमला हुआ था। फिर स्केच से मिलान हुआ। गिरफ्तार आरोपियों ने उन तीनों आतंकियों की लाशों की पहचान की- जिन्हें हमारे जवानों ने मार गिराया।
शाह ने बताया कि हमला तीन पाकिस्तानी आतंकियों ने किया था। दो एके-47 और एक एम-9 कार्बाइन का इस्तेमाल किया था। अब सब कुछ स्पष्ट है- कौन थे, कहां छिपे थे, किसने पनाह दी, और आखिरकार, कैसे वे मारे गए। शाह का लहजा भावुक भी था और सख्त भी। उन्होंने जताया कि ये सिर्फ एक ऑपरेशन नहीं था। ये भरोसे की बहाली थी। (हिफी)

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button