शकीला ने मलयालम सिनेमा में भरा नया रंग

मलयालम सिनेमा का इतिहास कई उतार-चढ़ाव से भरा रहा है। 70 के दशक में नई लहर आई, 80 का दशक सुनहरा माना गया, लेकिन इसके बीच एक समय ऐसा भी आया जब इंडस्ट्री क्रिएटिविटी में पूरी तरह ठहर गई थी। उस दौर में फिल्में बन रही थीं, लेकिन कहानियों में नया आइडिया या ताजगी नहीं दिखती थी। इसी समय मलयालम सिनेमा में एक ऐसी अभिनेत्री की एंट्री हुई, जिसने इंडस्ट्री में नया रंग भर दिया। उन्होंने ना सिर्फ फिल्मों के बिजनेस को बदल दिया, बल्कि अपनी अदाकारी और बोल्ड इमेज से दर्शकों की सोच भी बदल दी।
शकीला, जिनका पूरा नाम सी. शकीला बेगम है, ने लगभग 250 फिल्मों में काम किया, जिसमें मलयालम, तमिल, तेलुगु, कन्नड़ और हिंदी फिल्में शामिल हैं। उनकी हिट फिल्मों में ‘किन्नराथुंबिकलश्, ‘छोटा मुंबईश् और ‘थोट्टासिनगरमश् शामिल हैं। 90 के दशक में शकीला की बोल्ड इमेज ने उस समय की मशहूर बोल्ड एक्ट्रेस सिल्क स्मिता को भी टक्कर दी। साथ ही, उन्होंने मोहनलाल और ममूटी जैसे बड़े सुपरस्टार्स के साथ भी पॉपुलैरिटी में प्रतिस्पर्धा की। उनका करियर लगभग दो दशकों तक चला और आज भी शकीला साउथ सिनेमा की आइकॉनिक फिगर मानी जाती हैं।
शकीला ने मलयालम सिनेमा में पुरुष प्रधान इंडस्ट्री को चुनौती दी। उस दौर में ज्यादातर फिल्में मेल एक्टर्स पर आधारित थीं और कहानी भी एक जैसी थी। शकीला की एंट्री ने दर्शकों की पसंद बदल दी और फिल्म इंडस्ट्री में नए ट्रेंड सेट किए। उनकी मौजूदगी से न सिर्फ फीमेल एक्टर्स को नई पहचान मिली, बल्कि इंडस्ट्री का नक्शा ही बदल गया। आज भी शकीला का नाम साउथ सिनेमा में एक प्रेरणा के रूप में लिया जाता है। (हिफी)



