मणिपुर में मानवता शर्मसार

(अशोक त्रिपाठी-हिफी फीचर)
यह महत्वपूर्ण नहीं है कि पूर्वोत्तर भारत के राज्य मणिपुर में सरकार किसकी है लेकिन यह अतिचिंतनीय विषय है कि तीन मई को महिलाओं के साथ जिस तरह की हैवानियत हुई, उसको राज्य सरकार क्यों नहीं रोक पायी? पीड़िताओं का कहना है कि 3 मई को आधुनिक हथियारों से लैस लगभग 1000 लोगों ने धोबल जिले मंे स्थित उनके गांव पर हमला बोला था। गांव मंे लूटपाट-आगजनी देख महिलाएं जंगल की तरफ भागीं। साथ मंे उनके पिता व भाई भी थे। पुलिस इन महिलाओं को बचाने मंे कामयाब भी हुई और थाने ले जा रही थी। थाने से लगभग दो किलोमीटर पहले भीड़ ने उन्हंे पुलिस की संरक्षा से छीन लिया। युवा महिला के पिता व भाई को मौके पर ही मार दिया गया और महिला से सामूहिक दुराचार हुआ। तीन महिलाओं को निर्वस्त्र होकर चलने को विवश किया गया। यह घटना शर्मनाक तो है लेकिन जुलाई के अंतिम दिनों मंे संसद के वर्षाकालीन सत्र से ठीक पहले ट्वीटर पर वीडियो का वायरल होना एक सोची समझी साजिश की तरफ भी इशारा करता है। इसीलिए ट्यूटर से जवाब तलब किया गया है लेकिन राज्य की बीरेन सिंह सरकार भी कठघरे से बाहर नहीं की जा सकती।
मणिपुर में बीती तीन मई को मैतेई और कुकी समुदाय के बीच हिंसा शुरू होने के बाद से अब तक इस हिंसक संघर्ष में 142 लोगों की मौत हो चुकी है। इसके साथ ही इस संघर्ष में करीब 60,000 लोग बेघर हो गए हैं। राज्य सरकार के मुताबिक इस हिंसा में 5000 आगजनी की घटनाएं हुई हैं। मणिपुर में मैतेई और कुकी समुदाय के बीच बीते ढाई महीनों से जारी हिंसक संघर्ष के बीच मणिपुर की दो महिलाओं के साथ यौन उत्पीड़न का एक भयावह वीडियो सामने आया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब संसद के मॉनसून सत्र से पहले मीडिया से बात करने आए तो उन्होंने भी मणिपुर की घटना का जिक्र करते हुए कहा कि उनका हृदय पीड़ा से भरा हुआ है। पीएम मोदी ने कहा कि देश की बेइज्जती हो रही है और दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। यह पहली बार है जब प्रधानमंत्री मोदी ने मणिपुर में जारी हिंसा पर कुछ कहा है। विपक्ष मणिपुर पर पीएम मोदी के न बोलने को लेकर लंबे समय से सवाल उठा रहा था।
मणिपुर पुलिस ने इस वीडियो की पुष्टि करते हुए बताया है कि ये महिलाएं बीती चार मई को मणिपुर के थोबल जिले में यौन उत्पीड़न का शिकार हुई थीं। मणिपुर पुलिस ने बताया, ये घटना चार मई की है। इसमें अपहरण, गैंगरेप और हत्या का मामला अज्ञात लोगों के खिलाफ दर्ज किया गया है। मुख्यमंत्री बीरेन सिंह ने कहा है कि वह दोषियों को फांसी की सजा दिलवाने की कोशिश करेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस मामले में एक व्यक्ति गिरफ्तार किया गया है। सुप्रीम कोर्ट ने भी स्वतः संज्ञान लिया है और 28 जुलाई को सुनवाई की तारीख तय की है। वीडियो सामने आने के बाद से केंद्र से लेकर विपक्षी दलों के प्रमुख नेताओं की ओर से इस मुद्दे पर कड़ी प्रतिक्रियाएं देखी जा रही हैं। कांग्रेस समेत दूसरे विपक्षी दलों ने इस मामले में सत्तारूढ़ दल बीजेपी को घेरने की कोशिश की है। वहीं, केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति इरानी ने ट्विटर पर लिखा है कि उन्होंने इस मुद्दे पर राज्य के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह से बात की है और दोषियों को पकड़ने में कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी।
अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस में छपी खबर के मुताबिक, कुकी-जोमी समुदाय से जुड़ी इन महिलाओं के साथ चार मई को मैतेई बहुल थोबल जिले में यौन उत्पीड़न हुआ था। हालांकि, इनके साथ हुए यौन उत्पीड़न की एफआईआर 18 मई को कांगपोकपी जिले में दर्ज की गई। इसके बाद इस केस को संबंधित पुलिस थाने में भेज दिया गया। वीडियो में दिख रही एक महिला की उम्र लगभग 20 वर्ष और दूसरी महिला की उम्र 40 वर्ष बताई जा रही है। इन महिलाओं ने अपनी शिकायत में बताया है कि वीडियो में सिर्फ दो महिलाएं नजर आ रही हैं लेकिन भीड़ ने एक 50 वर्षीय महिला को भी कपड़े उतारने के लिए मजबूर किया था। एफआईआर में कहा गया है कि एक युवा महिला के साथ दिन दहाड़े सामुहिक बलात्कार भी किया गया। एफआईआर के मुताबिक तीनों महिलाओं को भीड़ के सामने निर्वस्त्र होकर चलने के लिए विवश किया गया और युवा महिला के साथ सरेआम गैंगरेप करने का आरोप है।
मणिपुर में महिला को निर्वस्त्र कर घुमाने का मामला तूल पकड़ता दिख रहा है। महिलाओं की परेड निकालने को लेकर एक वीडियो सोशल साइट्स पर वायरल हो रहा था। अब इस वीडियो को लेकर केंद्र सरकार ट्विटर पर कार्रवाई करने की तैयारी में है। सरकार के सूत्रों का कहना है कि जिस तरह से उस वीडियो को सर्कुलेट होने दिया गया वो नियमों के खिलाफ है। घटना चार मई की बताई जा रही है जिसका वीडियो कुछ दिन पहले ही सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है। आदेश में कहा गया है कि आईटी मंत्रालय यह सुनिश्चित करने के लिए सभी प्लेटफार्मों पर काम कर रहा है कि इस वीडियो को आगे प्रसारित नहीं किया जाए।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मानसून सत्र शुरू होने से पहले मणिपुर के वीडियो को लेकर अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि मणिपुर में जो हुआ है वो बेहद शर्मनाक है। ये पूरे देश को शर्मसार करने जैसा है। पीएम मोदी ने कहा कि मैं सभी मुख्यमंत्रियों से कहना चाहता हूं कि वो अपने राज्य की मां और बेटियों की सुरक्षा के लिए सदैव सजग रहे हैं और कानून व्यवस्था को और मजबूत करें।
वीडियो पर सीजेआई ने भी चिंता जताई है। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से कहा कि हम वीडियो देखकर बहुत डिस्टर्ब है। दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई हो। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में स्वतः संज्ञान लिया। केंद्र से जवाब मांगा है। केंद्र और मणिपुर से पूछा है कि इस मामले में क्या कदम उठाए गए हैं। सीजेआई ने कहा कि लोकतंत्र में ये स्वीकार्य नहीं है।हमारा विचार है कि अपराधियों को पकड़ने के लिए उठाए गए कदमों से अदालत को अवगत कराया जाना चाहिए। (हिफी)