राजनीतिलेखक की कलम

बिहार को बजट में विशेष सौगात

 

नीतीश कुमार, चिराग पासवान और जीतनराम मांझी को अब लालू यादव चिढ़ा नहीं पाएंगे। नरेन्द्र मोदी की सरकार ने तकनीकी कारणों से बिहार को विशेष राज्य का दर्जा भले नहीं दिया है लेकिन बजट में निर्मला सीतारमण ने 58 हजार करोड़ से अधिक की सौगात दी है। बिहार को विशेष आर्थिक सहायता और टूरिज्म पैकेज मिला है। इस प्रकार राज्य को टूरिज्म से कहीं ज्यादा राजस्व मिल सकेगा। पर्यटकों के आने से स्थानीय लोगों को राजगार भी मिलेगा। बिहार में बाढ़ की समस्या हर साल विकराल हो जाती है। नरेन्द्र मोदी की तीसरी सरकार के पहले बजट में इस समस्या से निजात पाने का प्रयास किया गया। बाढ़ नियंत्रण के लिए साढ़े 11 हजार करोड़ के रूपये का प्रावधान किया गया है। बिहार को बाढ़ की विभीषिका से बचाने के लिए भारत सरकार नेपाल के साथ मिलकर काम करेगी। बहरहाल निर्मला सीता रमण के बजट से नीतीश के चेहरे पर खुशी लौट आयी है जो एक दिन पहले केन्द्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चैधरी के जवाब से गायब हो गयी थी।

नरेन्द्र मोदी की तीसरी सरकार का पहला बजट पेश कर दिया गया है। इसमें बिहार को विशेष राज्य का दर्जा तो नहीं मिला है, लेकिन कुछ ऐसी घोषणाएं हुई हैं जिससे बिहार बम बम है। बिहार को विशेष आर्थिक सहायता के पैकेज के अतिरिक्त 58 हजार करोड़ रुपये से अधिक के फंड विभिन्न मदों में दिये जाएंगे। पहले बजट में बिहार के अंदर सड़कों का जाल बिछाने के लिए 26000 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है, वहीं पिरपैंती पावर प्लांट के लिए 21 हजार करोड़ रुपये दिये जाने की घोषणा की गई है। जबकि बाढ़ प्रबंधन के लिए 11 हजार 500 करोड़ की परियोजना का भी ऐलान किया गया है। इसके साथ ही टूरिज्म पैकेज की भी घोषणा की गई है।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ऐलान किया कि पटना से पूर्णिया के बीच एक्सप्रेसवे बनाया जाएगा। इसके लिए फंड की भी घोषणा की। इसके अतिरिक्त बक्सर से भागलपुर के बीच हाईवे बनाने और बोधगया से राजगीर वैशाली होते हुए दरभंगा तक हाईवे बनाने का भी ऐलान किया। इससे गया, नालंदा और दरभंगा समेत कई जिलों को फायदा मिलेगा। वहीं, बक्सर में गंगा नदी पर दो लाइन का एक पुल भी बनाए जाने की घोषणा की गई। वित्त मंत्री ने कहा कि बिहार में बाढ़ की समस्या के निजात के लिए पानी के लिए भारत सरकार नेपाल के साथ मिलकर काम करेगी। राज्य में बाढ़ नियंत्रण के लिए इस बजट में 11500 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है।

वित्त मंत्री ने गया के विष्णुपद मंदिर और बोधगया के महाबोधि मंदिर में काशी विश्वनाथ की तर्ज पर कॉरिडोर बनाकर धार्मिक पर्यटन विकसित करने की घोषणा की। नालंदा को भी पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने का ऐलान किया गया. इसके लिए केंद्र सरकार सहायता देगी. राजगीर मंदिर का भी विकास होगा. गर्म जल कुंड को सुंदर बनाया जाएगा. निर्मला सीतारमण ने कहा कि अमृतसर कोलकाता इंडस्ट्रियल कॉरिडोर पर केंद्र सरकार बिहार के गया में औद्योगिक विकास को बढ़ावा देगी। जिससे पूर्वी क्षेत्र में विकास को गति मिलेगी। वित्त मंत्री ने घोषणा की की केंद्र सरकार बिहार में कई एयरपोर्ट मेडिकल कॉलेज और भारत इंफ्रास्ट्रक्चर की स्थापना की करेगी।

बिहार को बाढ़ और सिंचाई के लिए 11 हजार 500 करोड़ रुपये मिलेगा। इस फंड का उपयोग बाढ़ राहत के लिए किया जाएगा। इससे बाढ़ की सुरक्षा के इंतजाम होंगे और सिंचाई का बी बंदोबस्त किया जाएगा। बोधगया, राजगीर विष्णुपाद मंदिरों का बाबा विश्वनाथ कोरिडोर के तहत ही विकास होगा।
इसके साथ ही बिहार में चार हाईवे बनाएं जाएंगे। राजगीर में सप्तऋषि कोरडोर बनेगा। मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला बजट बिहार के लिए शानदार रहा है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बिहार को इस बजट में कई सारे नए प्रोजेक्ट दिए हैं. इसमें सड़क, हाईवे, बाढ़ और ऊर्जा के क्षेत्र में कई सारे प्रजेक्ट हैं। वित्त मंत्री ने बिहार की विद्युत परियोजनाओं के लिए 21 हजार 400 करोड़ रुपये मंजूर किया है।

बिहार को विशेष राज्य का दर्जा की मांग मानने से इनकार करने के बाद यह बड़ी घोषणा की गई है। पटना-पूर्णियां नया एक्सप्रेस बनेगा। वैशाली-बोधगया नया एक्सप्रेस बनेगा। बिहार में ग्रामीण सड़कों के लिए 26 हजार करोड़ रुपए केंद्र सरकार देने जा रही है। इससे बिहार की राजधानी पटना को पूरे राज्य से सीधे जोड़ने में मदद मिलेगी। निर्मला सीतारमण ने कहा कि हम बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल, ओडिशा और आंध्र प्रदेश के सर्वांगीण विकास के लिए पूर्वोदय योजना तैयार करेंगे। इसके तहत अमृतसर- कोलकाता कॉरिडोर के लिए गया को हेड ऑफिस बनाया जाएगा। पटना-पूर्णियां एक्सप्रेस वे प्रोजेक्ट मंजूर किया गया है. वहीं, बक्सर-भागलपुर रोड कनेक्टिविटी प्रोजेक्ट को भी स्वीकृति दिये जाने की घोषणा की। इसके साथ ही बिहार में कई नये एयरपोर्ट्स और मेडिकल कॉलेज बनाने की भी घोषणा की।

निर्मला सीतारमण ने कहा कि बिहार बाढ़ के कोपभाजन का शिकार है। नेपाल में इसके लिए डैम बनाना होगा। केंद्र सराकर इसके लिए वित्तीय सहायता देगी। उन्होंने कहा कि इसके लिए 11500 करोड़ की सहायता दी जाएगी जो कोसी इंट्रा स्टेट लिंक और 20 अन्य परियोजनाओं के लिए खर्च होंगे। कोसी नदी से बाढ़ का सर्वे कराएंगे। वित्त मंत्री ने बिहार के गया में विष्णुपद मंदिर कॉरिडोर, महाबोधि मंदिर कॉरिडोर को काशी विश्वनाथ मंदिर कॉरिडोर की तरह बनाने की घोषणा की है। उन्होंने कहा कि ऐसा होने से ये धार्मिक शहर वर्ल्ड क्लास टूरिस्ट डेस्टिनेशन बनेगा। राजगीर मंदिर का भी विकास होगा।
दरअसल, जदयू नेता रामप्रीत मंडल ने बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने को लेकर वित्त मंत्रालय को जो चिट्ठी लिखी थी इसका जवाब मानसून सत्र के पहले दिन लोकसभा में वित्त राज्य मंत्री पंकज चैधरी ने दिया था। उन्होंने साफ तौर पर कहा, बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने का मामला उचित नहीं है। अतीत में नेशनल डेवलेपमेंट काउंसिल ने कुछ राज्यों को स्पेशल कैटेगरी का दर्जा दिया था. उन राज्यों में कई विशेषताएं थीं जिन पर खास विचार करने की आवश्यकता थी. लेकिन इस कैटिगरी में बिहार फिट नहीं बैठता है। केंद्र के इस जवाब से बवाल मच गया है और लालू यादव ने सीएम नीतीश कुमार पर सीधा हमला बोलते हुए बिहार के मुख्यमंत्री पद छोड़ने की मांग कर दी थी। नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा नीतीश कुमार की मांग को खारिज करने पर लालू प्रसाद प्रसाद ने कटाक्ष करते हुए कहा, ऐसा लग रहा है कि नीतीश कुमार ने सत्ता की खातिर बिहार की आकांक्षाओं और अपने लोगों के विश्वास से समझौता किया है। उन्होंने बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिलाने का वादा किया था, लेकिन अब जब केंद्र ने इससे इनकार कर दिया है तो उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए। बजट में बिहार को विशेष पैकेज मिलने से इन लोगों की बोलती भी बंद हो गयी है। (हिफी)

(अशोक त्रिपाठी-हिफी फीचर)

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