मोदी सरकार में प्रदेश को भी प्रतिनिधित्व की दरकार

देहरादून। राजनीतिक गलियारों में चर्चाएं तेज हो गई हैं कि राज्य के किस सांसद को इस बार मोदी कैबिनेट में एंट्री मिलेगी। दरअसल, 2014 की मोदी सरकार में उत्तराखंड के अजय टम्टा राज्यमंत्री बने थे। लेकिन यह भी देखा गया कि मोदी सरकार में एक बार बदले गए मंत्री को दोबारा मौका नहीं मिला। टम्टा एक बार हटे तो फिर कैबिनेट में उनकी वापसी नहीं हो पाई।
रमेश पोखरियाल निशंक को मौका मिला। नैनीताल से सांसद अजय भट्ट को रक्षा और पर्यटन राज्यमंत्री बनने का अवसर प्राप्त हुआ। अब मोदी की तीसरी कैबिनेट में उत्तराखंड के प्रतिनिधित्व को लेकर चर्चाएं गरमा रही हैं।
राज्य से इस बार दो सांसद अजय भट्ट और अजय टम्टा हैं, जिन्हें मोदी कैबिनेट में रहने का अनुभव प्राप्त है। क्या पुरानी परंपरा से जुदा मोदी कैबिनेट में इनमें से किसी चेहरे को मौका मिलेगा? टिहरी सांसद माला राज्यलक्ष्मी शाह का नाम मंत्री पद को लेकर कभी चर्चाओं में नहीं रहा। राजपरिवार ने कभी ऐसी दिलचस्पी जाहिर भी नहीं की। माला के बाद अनिल बलूनी और त्रिवेंद्र सिंह रावत के नाम आते हैं।
दोनों ही नेता गढ़वाल क्षेत्र से ताल्लुक रखते हैं। बलूनी भाजपा के दिग्गज अमित शाह के करीबी माने जाते हैं। केंद्रीय संगठन में उनकी राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी के तौर पर अहम भूमिका है। केंद्रीय नेताओं से उनके मधुर रिश्तों का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि उनके प्रचार में आए राजनाथ सिंह गढ़वाल के मतदाता को यह इशारा कर गए थे कि वे केवल एक सांसद नहीं चुन रहे हैं।