यूपी में बढ़ी गन्ने की मिठास

डबल इंजन की सरकार अन्नदाता किसानों के साथ है, उनके हितों के संवर्धन और संरक्षण के लिए प्रतिबद्ध है।
इसी शृंखला में आज लखनऊ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कृषक बंधुओं से संवाद किया।
पिछले 11 वर्षों में आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में भारत का अन्नदाता किसान खुशहाली की नई राह पर चल पड़ा है।
सभी अन्नदाता किसानों को पेराई सत्र 2025-26 के लिए गन्ना मूल्य में ₹30 प्रति क्विंटल की हुई ऐतिहासिक वृद्धि ।
कृषि प्रधान भारत मंे गन्ना जैसी नकदी फसल पर किसानों का बजट बनता रहता है। उत्तर प्रदेश में भी गन्ने की फसल इसी तरह की है। गन्ना मीठा होता है लेकिन जब उसकी खरीद की कीमत बढ़ जाती है तो उसकी मिठास और बढ़ जाती है। गत 29 अक्टूबर को ही उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार ने गन्ने की कीमत 30 रुपये प्रति कुंतल बढ़ा दी है। गन्ना किसानों को इससे काफी राहत मिली है। यूपी सरकार ने पेराई सत्र 2025-26 के लिए गन्ना समर्थन मूल्य की घोषणा की है। राज्य के गन्ना विकास एवं चीनी उद्योग मंत्री लक्ष्मी नारायण चैधरी ने बताया कि अगेती गन्ना प्रजाति का मूल्य 400 रुपये प्रति कुंतल और सामान्य प्रजाति के गन्ने का मूल्य 390 रुपये प्रति कुंतल किसानों को मिलेगा। इस प्रकार यूपी के गन्ना किसानों को देश भर मंे सबसे ज्यादा कीमत मिलेगी। इस वृद्धि के चलते सरकार को 3000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त भुगतान करना होगा। इससे किसानों की आमदनी बढ़ेगी और ग्रामीण अर्थतंत्र मंे भी नई ऊर्जा आएगी। योगी आदित्यनाथ ने 2017 मंे प्रदेश की सत्ता संभाली थी।
इसके बाद अब तक चार बार गन्ने का समर्थन मूल्य बढ़ाया गया है। सबसे ज्यादा परेशानी गन्ना किसानों को इस बात से हुई थी कि उनके गन्ने के मूल्य का भुगतान नहीं हो रहा था। योगी आदित्यनाथ की सरकार ने गन्ना किसानों को रिकार्ड 290225 करोड़ का भुगतान भी किया है। योगी सरकार ने गन्ना किसानों का हित देखते हुए 8 वर्षों मंे 4 नई चीनी मिलें स्थापित की हैं। इसके साथ ही 6 चीनी मिलें बंद हो गयी थीं, उनको फिर से चालू किया गया और 42 चीनी मिलों की क्षमता का बिस्तार किया गया है। प्रदेश मंे चीनी के साथ ही एथेनाॅल का उत्पादन भी बढ़ा है। सरकार गन्ना किसानों को बढ़े मूल्य के साथ जोबकाया है, उसे भी दिलवाए तो किसानों को पूरी तरह राहत मिलेगी। मौजूदा पेराई सीजन में चीनी मिलों पर चार हजार करोड़ बाकी है।
उत्तर प्रदेश के गन्ना किसानों के लिए योगी आदित्यनाथ सरकार ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए चीनी मिलों द्वारा गन्ने की खरीद पर राज्य सलाहकार मूल्य में 30 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी की घोषणा की है। इस फैसले से अगैती प्रजाति के गन्ने का मूल्य 370 रुपये से बढ़ाकर 400 रुपये प्रति क्विंटल और सामान्य प्रजाति के गन्ने का मूल्य 360 रुपये से बढ़ाकर 390 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया है। यह कदम प्रदेश के लगभग 45 लाख किसान परिवारों को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने की दिशा में उठाया गया है।
चीनी उद्योग एवं गन्ना विकास मंत्री लक्ष्मी नारायण चैधरी ने बताया कि यह बढ़ोतरी 2025-26 के पेराई सत्र के लिए प्रभावी होगी। उन्होंने कहा, “सरकार का उद्देश्य किसानों की आय में वृद्धि सुनिश्चित करना है। पिछले सात वर्षों में योगी सरकार ने गन्ना मूल्य में कुल 85 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी की है, जो पूर्ववर्ती सरकारों से कहीं अधिक है।” प्रदेश में गन्ना लगभग 29 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में उगाया जाता है और यह किसानों की प्रमुख नकदी फसल है। अगैती प्रजाति के गन्ने की बढ़ोतरी से किसानों को शुरुआती पेराई में ही बेहतर लाभ मिलेगा, जबकि सामान्य प्रजाति के लिए यह वृद्धि उत्पादन लागत को कवर करने में सहायक सिद्ध होगी। मंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि मिल गेट पर परिवहन कटौती को 45 रुपये प्रति क्विंटल तक बढ़ाया गया है, लेकिन अधिकतम 9 रुपये प्रति क्विंटल ही काटा जाएगा।
वर्तमान सत्र में 86 प्रतिशत गन्ना बकाया भुगतान हो चुका है, और 120 चीनी मिलें सक्रिय रूप से कार्यरत हैं। प्रदेश में 42 लाख परिवार और 45 लाख श्रमिक गन्ना खेती से जुड़े हैं। सरकार ने पिछले छह वर्षों में 2.2 लाख करोड़ रुपये के बकायों का निपटारा भी किया है, जिससे मिल मालिकों और किसानों के बीच विश्वास बहाल हुआ है। चीनी उद्योग विभाग का लक्ष्य 2025-26 में सकल मूल्य उत्पादन को 1,41,846 करोड़ रुपये तक पहुंचाना है, जिसमें चीनी रिकवरी दर को 9.56 प्रतिशत से बढ़ाकर
10.50 प्रतिशत करने की योजना शामिल है।
इससे पहले उत्तर प्रदेश के गन्ना किसान लगातार मूल्य बढ़ाने की मांग कर रहे थे। हाल ही में हरियाणा सरकार ने गन्ने के दाम बढ़ाए थे, जिसके बाद यूपी के किसानों को आस थी कि उनके यहां भी दाम बढ़ेंगे। पेराई सत्र 2021-22 में विधानसभा चुनाव से पहले 25 रुपए प्रति कुंतल की बढ़ोतरी हुई थी। तब अगैती प्रजाति का मूल्य 350 रुपए और सामान्य प्रजाति का 340 रुपए प्रति कुंतल रेट तय हुआ था। वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले, पेराई सत्र 2023-24 में अगैती प्रजातियों के मूल्य में 20 रुपए की वृद्धि हुई थी, जिससे यह 370 रुपए प्रति कुंतल हो गया था। योगी सरकार ने 2017 से अब तक गन्ना मूल्य में चार बार वृद्धि की है, जिससे राज्य के गन्ना किसानों को बहुत फायदा हुआ है।
किसानों की समस्या गन्ना मूल्य भुगतान की थी। वर्ष 2007 से 2017 तक केवल 1,47,346 करोड़ रुपए का गन्ना मूल्य भुगतान हुआ, जबकि योगी सरकार ने साढ़े 8 वर्षों में गन्ना किसानों को 2,90,225 करोड़ रुपए का रिकॉर्ड भुगतान किया है। यह पिछले 10 वर्षों की तुलना में 1,42,879 करोड़ रुपए अधिक है। प्रदेश में 122 चीनी मिलें संचालित हो रही हैं। उत्तर प्रदेश चीनी उत्पादन में देश में दूसरे स्थान पर है। पूर्ववर्ती सरकारों ने 21 मिलों को औने-पौने दामों पर बेच दिया गया था। लेकिन, योगी सरकार ने पारदर्शी प्रबंधन के जरिए चीनी उद्योग में 12,000 करोड़ रुपए का निवेश लायी है।
इसके अलावा, राज्य में 4 नई चीनी मिलें स्थापित की गईं, 6 बंद मिलों को फिर से शुरू किया गया और 42 मिलों में उत्पादन क्षमता का विस्तार किया गया। इस सुधार से चीनी मिलों की उत्पादन क्षमता में 8 नई बड़ी मिलों के बराबर वृद्धि हुई है। योगी सरकार ने गन्ना किसानों के लिए ‘स्मार्ट गन्ना किसान’ प्रणाली लागू की है, जिसके तहत गन्ना पर्ची व्यवस्था अब पूरी तरह ऑनलाइन हो गई है। इससे बिचैलियों का प्रभाव खत्म हो गया है और गन्ना मूल्य का भुगतान सीधे किसानों के बैंक खातों में किया जाता है। उत्तर प्रदेश अब एथेनॉल उत्पादन में देश में पहले स्थान पर है। प्रदेश का एथेनॉल उत्पादन 41 करोड़ लीटर से बढ़कर 182 करोड़ लीटर हो गया है।
उत्तर प्रदेश के 45 जनपद में गन्ने की पैदावार होती है लेकिन, वेस्ट यूपी में किसानों के लिए गन्ना सबसे महत्वपूर्ण फसल होती है। यहां गन्ने की बम्पर पैदावार होती है। प्रदेश के टाप
5 गन्ना उत्पादक जनपदों में वेस्ट यूपी के शामली, मुजफ्फरनगर,
मेरठ, बागपत और गाजियाबाद शामिल हैं। गन्ना मूल्य का पेमेंट न होने से यहां के ज्यादा किसान प्रभावित
होते हैं। यही कारण है कि प्रदेश में हमेशा सियासत में गन्ने की गूंज
रही है।(मनीषा-हिफी फीचर)



