यूपी में तकनीक पर आधारित विकास

पचास करोड़ से अधिक जनधन खातों के साथ शुरू हुआ डिजिटल इंडिया अभियान निरंतर प्रगति पर है। इसके पहले कहा जाता था कि नई दिल्ली से भेजे गए सौ पैसों में से अंतिम स्तर तक मात्र पन्द्रह पैसे पहुंचते थे। यह कथन देश के एक प्रधानमंत्री का था। उन्हीं की पार्टी के नेतृत्व में दस वर्ष तक यूपीए सरकार रही। व्यवस्था को सुधारने की जगह उसके समय में तो हालात और बदतर हो गए। उस सरकार पर आर्थिक मसलों पर गंभीर आरोप लगते रहे। नरेन्द्र मोदी ने व्यवस्था को सुधारने का संकल्प लिया। उन्होंने सच्चे अर्थों में पहली बार डिजिटल इंडिया अभियान शुरू किया। उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ की सरकार ने इस पर ईमानदारी से अमल किया है।
इस योजना के दिल्ली से भेजी गई धनराशि जरूरतमंदों तक शत प्रतिशत पहुंचने लगी। सब्सिडी,भरण पोषण भत्ता, किसान सम्मान निधि, उपज का भुगतान बिना बिचैलियों के होने लगा। उत्तर प्रदेश जनसंख्या की दृष्टि से सबसे बड़ा प्रदेश है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसके अनुरूप केंद्रीय अभियानों में यूपी की भागीदारी सुनिश्चित की। अनेक अभियानों व योजनाओं में यूपी ने विगत छह वर्षों में कीर्तिमान स्थापित कर दिए। इसमें डिजिटल इंडिया अभियान भी शामिल है। योगी आदित्यनाथ ने व्यवस्था से बिचैलियों को बाहर कर दिया। शासन में सूचना प्रौद्योगिकी के व्यापक उपयोग से पारदर्शिता आती है। उसी प्रकार विधान मण्डलों में सूचना प्रौद्योगिकी के बेहतर प्रयोग से सदन में तर्क एवं संवाद की स्थिति बेहतर होती है। योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में यूपी को बीमारू से विकसित प्रदेश बनाने की दिशा में प्रयास हो रहे हंै। प्रदेश की रैकिंग में ईज ऑफ डूइंग बिजनेस की स्थिति महत्वपूर्ण होती है। टेक्नोलॉजी और प्रशासनिक तत्परता इसके निर्धारक तत्व होते हैं। योगी आदित्यनाथ ने तकनीकी सुधार पर जोर दिया। सिंगल विण्डो पोर्टल ‘निवेश मित्र’ से ईज ऑफ डूइंग बिजनेस को प्रभावी बनाया है। इसका परिणाम है कि आज उत्तर प्रदेश रैकिंग में देश में दूसरे स्थान पर है।
अभी गत दिनों मुख्यमंत्री ने गोरखपुर के मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में अत्याधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित नये प्रशासनिक भवन का लोकार्पण किया। उन्होंने कहा कि ईज ऑफ डूइंग के साथ ईज ऑफ लिविंग में व्यापक सुधार किया गया। सरकार की योजनाओं को जमीनी धरातल पर प्रभावी रूप में क्रियान्वित किया जा रहा है। डिजिटल पेमेण्ट को बढ़ावा दिया जा रहा है। नवाचार और अनुसंधान के क्षेत्र में छात्रों के लिए अनेक सम्भावनाएं हैं। प्रधानमंत्री ने जो प्लेटफार्म देश के युवा टेक्नोक्रेट को उपलब्ध कराया है, उसके लिए विश्वविद्यालय के सभी युवा अपने को तैयार करें। मेक इन इंडिया के कार्यक्रम पूरी तत्परता के साथ आगे बढ़ायें। आज डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर डीबीटी के माध्यम से सामान्य व्यक्ति, गरीब, किसान, कर्मचारी सहित समाज के सभी वर्गों को विभिन्न योजनाओं से लाभान्वित करने में जनधन खातों की भूमिका साफ दिखाई दे रही है। डिजिटल इण्डिया अभियान के तहत स्टार्टअप की नीति, पीएम मुद्रा योजना, प्रदेश सरकार की ‘एक जनपद, एक उत्पाद’ योजना या मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना आदि ने युवा जीवन में क्रान्तिकारी परिवर्तन लाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। नये-नये स्टार्टअप स्थापित हो रहे हैं।
ग्रेटर नोएडा के इण्डिया एक्सपो सेण्टर एवं मार्ट में आयोजित यूपी इण्टरनेशनल ट्रेड शो में दुनिया से बड़ी संख्या में खरीददार आये और भारत के नवाचार और पोटेंशियल को देखा। उत्तर प्रदेश के विभिन्न तकनीकी संस्थानों के स्टार्टअप को देखकर लोग आश्चर्यचकित थे। आज उत्तर भारत का सबसे बड़ा डाटा सेंटर उत्तर प्रदेश में बन चुका है। देश का सबसे बड़ा रोबोटिक्स विनिर्माण केन्द्र उत्तर प्रदेश में बन चुका है। डाटा एनालिसिस के माध्यम से इस पर कार्य किया जा रहा है। हर घर नल योजना के माध्यम से हर घर में जल पहुंचाया जा रहा है। कुछ दिन पहले राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू ने ग्रेटर नोएडा के इंडिया एक्सपो मार्ट में यूपी इंटरनेशनल ट्रेड शो का उद्घाटन किया था। उन्होंने उत्तर प्रदेश की प्रगति के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा किए जा रहे प्रयासों की सराहना की थी। उन्होंने कहा था कि उत्तर प्रदेश ने अपनी अर्थव्यवस्था को एक मिलियन डॉलर तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा है। उत्तर प्रदेश में एमएसएमई के लिए विशेष ध्यान दिया जा रहा है। प्रदेश में निर्यात बढ़ रहा है। वर्ष 2022 में 175000 करोड़ रुपए पहुंच गया था। ट्रेड शो उत्तर प्रदेश के विकास में मील का पत्थर है। उत्तर प्रदेश सरकार अपनी परंपरागत कार्यक्रमों हस्त शिल्पियों उद्यमियों को प्रोत्साहित करने के लिए कार्यक्रम को लेकर पिछले छह वर्षों में आगे बढ़ा है। उन कार्यक्रमों की एक झलक इस इंटरनेशनल ट्रेड शो दिखाई दी थी। (हिफी)
(डॉ दिलीप अग्निहोत्री-हिफी फीचर)