लेखक की कलम

थरूर ने दिखाया कांग्रेस को आईना

(अशोक त्रिपाठी-हिफी फीचर)
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के पूर्व प्रत्याशी शशि थरूर ने भी पार्टी को उसी तरह से आईना दिखाया है जैसे जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने दिखाया था। उमर अब्दुल्ला ने इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) को लेकर कांग्रेस को समझाया था कि अनावश्यक विरोध से बचना चाहिए। अब शशि थरूर ने भी यही नसीहत दी है कि अनावश्यक रूप से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का विरोध उचित नहीं है। सही बात का समर्थन करना चाहिए। कांग्रेस और शशि थरूर के बीच खटपट अब जगजाहिर हो चुकी है। शशि थरूर और कांग्रेस दोनों के बीच बात बन नहीं रही। पहले पीएम मोदी की तारीफ, फिर राहुल गांधी पर निशाना। अब तो शशि थरूर फ्रंटफुट से खेलने लगे हैं। केरल की एलडीएफ सरकार की तारीफ करने पर कांग्रेस उनसे नाराज है। इस बीच शशि थरूर ने ऐसा इशारा दिया है, जिससे सियासी पारा हाई हो सकता है। दरअसल, शशि थरूर ने साफ-साफ कहा है कि अगर कांग्रेस को उनकी जरूरत नहीं है तो उनके पास विकल्प खुले हुए हैं। इससे पहल भी वह राहुल गांधी के सामने अपनी भूमिका को लेकर भन्नाए थे।इतना ही नहीं, शशि थरूर ने कांग्रेस की केरल में स्थिति भी साफ कर दी है। शशि थरूर ने कहा कि अगर कांग्रेस ने अपना जनाधार बढ़ाने की कोशिश नहीं की तो वह केरल में लगातार तीसरी बार विपक्ष में बैठेगी। केरल में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं। कांग्रेस के लिए शशि थरूर को समझना मुश्किल हो रहा है। वह कभी पीएम मोदी की तारीफ करते हैं तो कभी आलोचना। कभी कांग्रेस के लिए प्यार बरसाते हैं तो कभी नाराजगी दिखाते हैं। ऐसा लग रहा है कि शशि थरूर के मन में कोई सियासी खिचड़ी पक रही है। पीएम मोदी की तारीफ के बाद शशि थरूर ने अब राहुल गांधी को ही निशाने पर लिया है। ऐसा लग रहा है कि कांग्रेस और शशि थरूर का तालमेल नहीं बैठ रहा है।
राजनीतिक जानकारों का कहना है कि कांग्रेस आलाकमान अब शशि थरूर के साथ नरमी बरतने के मूड में नहीं है। दरअसल, शशि थरूर ने राहुल गांधी से पार्टी में अपनी भूमिका स्पष्ट करने को कहा था। कुछ दिन पहले दिल्ली में हुई चर्चा में शशि थरूर ने पार्टी में किनारे किए जाने पर गहरी नाराजगी जताई थी। बताया जा रहा है कि वह राहुल गांधी से हुई बातचीत से खुश नहीं हैं क्योंकि राहुल ने कोई वादा नहीं किया। अब सवाल है कि आखिर कांग्रेस उनसे क्यों नाराज है। उसकी वजह है शशि थरूर का पीएम मोदी की तारीफ करना। दरअसल, अभी हाल ही में पीएम मोदी अमेरिका दौरे पर गए थे। उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ पीएम मोदी की मुलाकात जैसे मुद्दों पर पार्टी के रुख से अलग राय दी थी। इसी वजह से कांग्रेस हाईकमान शशि थरूर से नाराज था। इतना ही नहीं, हाल ही में शशि थरूर ने एक लेख में केरल की एलडीएफ सरकार के तहत औद्योगिक विकास की सराहना की थी, जिससे केरल में पार्टी के भीतर हंगामा मच गया था।
एक साक्षात्कार में शशि थरूर ने कहा कि तिरुवनंतपुरम से चार बार सांसद चुने जाने से साबित होता है कि जनता राज्य और देश के विकास से जुड़े उनके विचारों और उनकी स्वतंत्र अभिव्यक्ति का समर्थन करती है। शशि थरूर ने कहा, ‘मैं पार्टी के लिए हमेशा तैयार हूं लेकिन अगर कांग्रेस को मेरी सेवाओं की जरूरत नहीं है, तो मेरे पास ‘विकल्प’ खुले हैं। ऐसे में सवाल उठना लाजमी है कि शशि थरूर किस तरह के विकल्प की बात कर रहे हैं। क्या उनका इशारा भाजपा है या फिर एलडीएफ है। कारण कि वह समय-समय पर दोनों की तारीफ कर चुके हैं।
कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ पीएम मोदी की मुलाकात के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की प्रशंसा करने को लेकर अपना बचाव करते हुए कहा कि उन्होंने भारत के हितों को ध्यान में रखते हुए बात की। उन्होंने कहा कि हम हमेशा केवल पार्टी हित के संदर्भ में बात नहीं कर सकते। पत्रकारों से बात करते हुए थरूर ने कहा कि मोदी की अमेरिका यात्रा से भारतीय लोगों के लिए कुछ सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं। साथ ही, उन्होंने बताया कि इस यात्रा में कुछ सवाल अनुत्तरित रह गए, जैसे कि अवैध अप्रवासियों को भारत वापस कैसे लाया गया, इस मुद्दे पर ध्यान क्यों नहीं दिया गया। तिरुवनंतपुरम से कांग्रेस सांसद थरूर ने कहा कि ‘क्या प्रधानमंत्री मोदी ने बंद दरवाजों के पीछे इस मुद्दे को उठाया? कूटनीति में, सब कुछ सार्वजनिक रूप से नहीं रखा जाता। अगले नौ महीनों में व्यापार और शुल्क पर वार्ता आयोजित करने के समझौते का स्वागत करते हुए, थरूर ने कहा कि ‘यह वाशिंगटन द्वारा जल्दबाजी में और एकतरफा तरीके से हम पर शुल्क लगाने से कहीं बेहतर है, जिससे हमारे निर्यात को नुकसान हो सकता था।
बहरहाल इन्हीं सब बातों को लेकर कहा जा रहा है कि कांग्रेस सांसद शशि थरूर क्या अपनी पार्टी से नाराज चल रहे हैं? सियासी गलियारों में यह चर्चा जोरों पर है। बताया जा रहा है कि थरूर ने राहुल गांधी से भी मुलाकात करके पार्टी में उनकी भूमिका स्पष्ट करने की मांग की थी। हालांकि यह बैठक बंद कमरे में हुई थी और इसे लेकर जो खबरें भी आईं वह सूत्रों के हवाले से थीं। शशि थरूर ने इस बैठक को लेकर चल रही अटकलों पर भी अपनी प्रतिक्रिया दी है। थरूर ने कहा कि इस बैठक में सिर्फ दो लोग मौजूद थे और इस दौरान हुई बातचीत पर वह कोई टिप्पणी नहीं करना चाहते। उन्होंने यह भी संकेत दिया कि पार्टी का आधिकारिक रुख भी यही होगा। रिपोर्ट के अनुसार, ‘कुछ दिन पहले दिल्ली में हुई चर्चा के दौरान थरूर ने पार्टी में दरकिनार किए जाने पर गहरी नाराजगी जताई थी। पता चला है कि वह इस बातचीत से नाखुश हैं, क्योंकि राहुल गांधी कोई प्रतिबद्धता जताने के लिए तैयार नहीं थे। रिपोर्ट में कहा गया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका यात्रा और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से उनकी मुलाकात जैसे मुद्दों पर पार्टी के रुख से अलग रुख अपनाने के कारण कांग्रेस थरूर से नाराज है। राहुल गांधी के साथ मुलाकात के दौरान शशि थरूर ने ऑल इंडिया प्रोफेशनल कांग्रेस के प्रभार से हटाए जाने के तरीके पर गहरा असंतोष व्यक्त किया। राहुल गांधी और शशि थरूर की मुलाकात को लेकर मीडिया में छपी खबरों पर भी थरूर ने जवाब दिया है। उन्होंने कहा, ‘मैं पहले भी कह चुका हूं कि उस बैठक में सिर्फ दो लोग थे और न तो मैं और न ही दूसरा व्यक्ति इस बातचीत पर कोई टिप्पणी करेंगे।’ उन्होंने कहा, ‘मुझे इस मुद्दे पर कुछ भी कहने की जरूरत नहीं है। मैं यह मानकर चल रहा हूं कि पार्टी भी इस पर यही आधिकारिक रुख अपनाएगी। थरूर ने यह भी स्पष्ट किया कि कुछ तथ्यों को तोड़-मरोड़कर पेश किया जा रहा है और यह जानबूझकर कांग्रेस के केरल संगठन से प्रेरित लगते हैं। उन्होंने कहा, ‘मैं मुंबई में एबीपी कॉन्क्लेव में गया था, जहां मुझे काफी पहले आमंत्रित किया गया था। यह तब का तय कार्यक्रम है, जब केरल सरकार ने मुझे अपने निवेश सम्मेलन में बुलाने का फैसला भी नहीं लिया था। केरल के सांसद होने के नाते राज्य में निवेश हो रहा है तो उसकी तारीफ होनी चाहिए। मैंने भी यही किया। (हिफी)

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