लेखक की कलमसम-सामयिक

शिक्षक के चोले में छिपे दरिंदे!

 

शिक्षक के चोले में छिपे शैतान ने सैकड़ों बच्चियों के साथ अपनी कुत्सित यौन ईच्छाओं को शमन करने के लिए छेड़छाड़ और दरिंदगी का घिनौना खेल किया। प्रधानाचार्य के पद पर आसीन होने के कारण बच्चियां कई साल तक उस की हरकतों का मुखर विरोध नहीं कर सकीं यही कारण रहा कि शैतान प्रिंसिपल की वर्षों से सैकड़ों बच्चियों के साथ मनमानी करता रहा।

रिपोर्ट्स के अनुसार हरियाणा के जींद के सरकारी स्कूल में 6 साल से बेहद गंदा खेल खेला जा रहा था। बच्चियों के जिस्म को रौंदा जा रहा था। उनके साथ अश्लील हरकतें की जा रही थी। सरकारी स्कूल होने की वजह से आमतौर पर यहां थोड़े गरीब परिवार की बच्चियां आती हैं। माता पिता बच्चियों की अच्छी शिक्षा के लिए उन्हें स्कूल भेजते हैं, लेकिन इस स्कूल में उन बच्चियों पर गंदी नजर थी और वो भी किसी और नहीं बल्कि खुद इस स्कूल के प्रिंसिपल की।
स्कूल के प्रिंसिपल पर एक दो नहीं बल्कि 142 छात्राओं ने आरोप लगाए हैं। आरोप गंदी तरह से देखने के, आरोप गंदी तरह से छूने, आरोप यौन शोषण करने के, आरोप मानसिक उत्पीड़न के। ये प्रिंसिपल स्कूल में आने वाली छात्राओं के साथ गलत हरकत करता था और ये खेल पिछले 6 साल से चल रहा था। डर के मारे छात्राएं किसी से कुछ नहीं बोल पाईं। वो वैसे ही स्कूल में हो रहे हैं यौन उत्पीड़न को झेलती रहीं। जाती तो किसके पास, किससे करें शिकायत, जब खुद स्कूल प्रिंसिपल ही इस गंदे काम में लगा हुआ था। अगर बतातीं तो स्कूल से नाम कट जाता।

इसी बात का फायदा उठा रहा था यहां का प्रिंसिपल। सालों तक स्कूल को अय्याशी का अड्डा बना दिया था इस प्रिंसिपल ने, लेकिन गत महीने अगस्त में आखिरकार कुछ छात्राओं ने अपने परिवार की मदद से इस गंदे खेल से बाहर आने की कोशिश की। कुछ छात्राओं ने राष्ट्रपति को इस संबंध में एक खत लिखा, जिसके बाद जांच कमेटी बनाई गई और पूरे मामले की जांच शुरू हुई।

कुल 346 छात्राओं के बयान लिये गए, जिनमें से 142 छात्राओं ने बताया कि उनके साथ अश्लील हरकतें हुई, यौन शोषण किया गया। 142 छात्राओं ने प्रिंसिपल के खिलाफ बयान दिया। इस घटना के थोड़े समय बाद 30 सितंबर को एक छात्रा ने अपने घर में आत्महत्या भी कर ली।

हालांकि परिवार वालों ने इस मामले में कुछ नहीं कहा, लेकिन लड़कियां बेहद दवाब में थीं। स्कूल के प्रिंसिपल को अब गिरफ्तार कर लिया गया है। जांच जारी है, लेकिन इस मामले ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। 6 साल तक इस तरह के गंदे का खेल को बच्चियों को सहना पड़ा जो कोई आसान नहीं था। देखने की बात ये है कि इस मामले में प्रिंसिपल के अलावा और कौन-कौन शामिल था। इस बात की सूचना क्या स्कूल के दूसरे अध्यापकों को नहीं थी और अगर थी तो उन्होंने पुलिस में शिकायत क्यों नहीं दर्ज करवाई।

एक रिपोर्ट के मुताबिक, लड़कियों ने प्रिंसिपल पर बेहद गंभीर आरोप लगाए हैं। इस मामले में सबसे पहले 60 लड़कियां सामने आई थी। उनके बाद बाकी लड़कियों ने भी हिम्मत दिखाई और प्रिंसिपल के खिलाफ अपने बयान दर्ज कराए हैं। जींद के डीसीपी ने बताया है कि इस मामले में कई विभाग मिलकर जांच कर रहे हैं। फिलहाल प्रिंसिपल को निलंबित कर दिया गया है। पीड़ित छात्राओं ने प्रिंसिपल के खिलाफ जिला प्रशासन, राज्य और राष्ट्रीय महिला आयोग, राज्यपाल, देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के नाम 5 पेजों की एक चिट्ठी लिखी। इसके बाद इस मामले का खुलासा हुआ। चिट्ठी में नाबालिग लड़कियों ने बताया कि प्रिंसिपल करतार सिंह किसी भी लड़की को चुनता था। फिर उसे किसी भी बहाने से अपने ऑफिस में बुलाता। वहां लड़कियों का यौन उत्पीड़न करता था। लेकिन अंदर जो कुछ भी हो रहा था, वो बाहर से दिखाई नहीं पड़ता क्योंकि प्रिंसिपल ऑफिस में काले शीशे लगे हुए थे। इसमें बाहर से अंदर की तरफ नहीं दिखाई देता था। लेकिन अंदर से बाहर का सब कुछ दिखाई देता था। उन्होंने बताया कि प्रिंसिपल उनसे अश्लील बातें करता। उन्हें अपनी कुर्सी के पास खड़ा कर लेता। उन्हें गलत तरीकों से छूता। अगर कोई प्रिंसिपल ऑफिस की तरफ आते हुए दिख जाता, तो वो बात घुमा दिया करता था। लड़कियों ने ये भी बताया कि प्रिंसिपल लड़कियों को अच्छे अंकों से पास कराने का लालच देता था।

शिकायत भरी चिट्ठी सामने आने के बाद जींद प्रशासन ने इस मामले पर जांच कमेटी बैठाई। कमेटी की जांच में जिला शिक्षा अधिकारी ने लड़कियों से बातचीत की। उन्होंने खुलकर प्रिंसिपल की सारी हरकतें बताईं। अब इस कमेटी की रिपोर्ट सामने आने के बाद स्कूल के प्रिंसिपल को निलंबित कर दिया गया है। वहीं अधिकारी इस मामले की उच्च स्तरीय जांच के पक्ष में भी हैं।

जींद के कलेक्टर मोहम्मद इमरान रजा ने इस बारे में बताया कि चिट्ठी मिलने के बाद मामले की गंभीरता को देखते हुए आरोपी प्रिंसिपल को सस्पेंड कर दिया गया है। अभी इस मामले की जांच जारी है।
जींद जिले के डिप्टी कमिश्नर मोहम्मद इमरान रजा ने कहा कि एसडीएम के नेतृत्व में एक जांच समिति ने कुल 390 लड़कियों के बयान दर्ज किए हैं और मामले में 142 मामलों की शिकायतें दर्ज की गई हैं।
लड़कियों के साथ यौन उत्पीड़न की शिकायत आगे की कार्रवाई के लिए शिक्षा विभाग के उच्च अधिकारियों को सौंपी गई है। 390 में से 142 लड़कियों ने प्रिंसिपल पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया। वहीं, दूसरी ओर बाकी पीड़िताएं भयानक कृत्यों की गवाह रहीं। आरोपी प्रिंसिपल फिलहाल सलाखों के पीछे है।

जरूरत इस बात की है कि सरकार इस तरह के नर पिशाचों के खिलाफ फास्ट कोर्ट में मुकदमा चला कर सख्त सजा देना सुनिश्चित करें ताकि इस तरह के नराधम समाज में अपनी घिनौनी हरकतों से नाबालिग बच्चियों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने में कामयाब न हांे तथा ऐसे दुष्टों के खिलाफ सख्त से सख्त सजा देकर नजीर पेश की जानी चाहिए ताकि घिनौनी हरकत करने से पहले अपराधी सौ बार सोचे। शराफत की नकाब में छिपे ऐसे दरिंदे सामान्य अपराधियों से अधिक खतरनाक है क्योंकि ये अपने सफेद कालर के कारण पहचाने नहीं जाते हैं। (हिफी)

(मनोज कुमार अग्रवाल-हिफी फीचर)

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