सम-सामयिक

नहीं थम रही हैवानियत

 

भारत को विकसित राष्ट्र बनाने का प्रयास हो रहा है लेकिन हैवानियत थमने का नाम नहीं ले रही है। यूपी के इटावा में सैफई मेडिकल कॉलेज की एएनम छात्रा की हत्याकर शव सड़क किनारे फेंक दिया गया। छात्रा कॉलेज की ड्रेस में थी। अब इस मामले में एकतरफा प्यार की बात सामने आई है। करीब तीन माह पहले बीएचयू की एक छात्रा के साथ भी तीन युवकों ने जोर जबरदस्ती की थी। इस शर्मनाक मामले में तीन युवकों ने दोस्त के साथ जा रही लड़की को रोका। गन पॉइंट पर लड़की को दोस्त लड़के से अलग किया। फिर जबरन किस करने के बाद उसके कपड़े उतरवाए। उसका वीडियो बनाया। इस मामले में बीजेपी आइटी सैल से जुड़े युवकों को गिरफ्तार किया गया था। इस घटना को लेकर काफी हंगामा मचा था अब इटावा की एएनम छात्रा की नृशंस हत्या बता रही है कि प्रदेश में बेटियों के साथ क्रूरता और हैवानियत जारी है।

आरोपी हत्यारे को उसके एक साथी समेत पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी ने बताया कि सैफई मेडिकल कॉलेज की एएनम छात्रा को आरोपी ने शक में मार दिया। उसने पहले लड़की को हॉस्टल से बुलाकर कार में बैठाया। इस बीच दोनों में झगड़ा हुआ। प्रेमी ने हाथ उठाया तो लड़की ने भी थप्पड़ मार दिया। तभी गुस्से में लड़के ने डैशबोर्ड से पेचकस निकालकर उसकी गर्दन में मार दिया। छात्रा करीब 25 मिनट तक तड़पती रही। इसके बाद दम तोड़ दिया। कार में आरोपी का चाचा भी था। लाश ठिकाने लगाने के लिए वह सैफई की सड़कों पर 7 घंटे तक घूमते रहे। रात के अंधेरे में सैफई से 12 किलोमीटर दूर वैद्यपुरा नदी के पुल पर शव फेंक कर फरार हो गए।
इटावा में शिकार बनी एएनम छात्रा की मां का आरोप है कि उनका पड़ोसी बेटी को परेशान करता था। उसके पीछे पड़ा था। महेंद्र ही हॉस्टल से बेटी को ले गया था। उसी ने मारा है। पुलिस ने मां की शिकायत पर 2 नामजद समेत 3 पर मुकदमा दर्ज किया है। पुलिस ने मुख्य आरोपी महेंद्र को गिरफ्तार कर लिया है।

इटावा में सैफई मेडिकल कॉलेज की एएनम छात्रा का 14 मार्च की रात सड़क किनारे शव मिला था। लाश खून से लथपथ थी। गर्दन पर गोली लगने के निशान थे। छात्रा कॉलेज की ड्रेस में थी। राहगीरों ने शव देखा, तो पुलिस को सूचना दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया। इधर, कॉलेज के छात्रों को घटना के बारे में पता चला, तो उन्होंने हंगामा शुरू कर दिया। देखते-देखते सैकड़ों छात्र जुट गए और कॉलेज के अंदर धरने पर बैठ गए। इमरजेंसी सेवाएं बंद कर दी गई । हंगामा बढ़ता देखकर एसएसपी संजय कुमार वर्मा फोर्स के साथ कॉलेज पहुंचे। छात्रों को समझाने की कोशिश की। छात्रा प्रिया (18) औरेया के कुदरकोट की रहने वाली थी। वह एनम फर्स्ट ईयर की छात्रा थी और हॉस्टल के थर्ड फ्लोर पर रूम नंबर 302 में रहती थी। पुलिस जांच में पता चला है कि वह 14 मार्च सुबह 8 बजे ओपीडी में ड्यूटी करने गई थी। करीब 1 बजे वहां से लौटकर आई। उसकी 2 बजे से क्लास थी। मगर वह क्लास में नहीं पहुंची। इसके बाद क्लासमेट ने उसे फोन किया, तो नंबर ऑफ मिला। वार्डन नीलम शाह को जानकारी दी गई। वार्डन ने छात्रा के घरवालों को सूचना दी। छात्रा की तलाश शुरू की गई। इसी बीच, बैधपुरा थाना क्षेत्र में मदर डेयरी के पास उसका शव मिला।
एसएसपी के मुताबिक छात्रा का शव मदर डेरी के पास से बरामद किया गया। हत्या के बाद शव को लाकर फेंका गया। गर्दन पर गहरा घाव था। किसी धारदार हथियार या फिर गोली मारकर हत्या करने की आशंका जतायी गयी थी।

छात्रा की मां का आरोप है कि उनका पड़ोसी महेंद्र उनकी बेटी को तीन-चार साल से परेशान कर रहा था। कई बार हमने उसके पिता, भाई, और अन्य लोगों से शिकायत की लेकिन किसी ने ध्यान नहीं दिया। हमने भी सोचा कि अब सारी बात खत्म हो गई है, अब वो परेशान नहीं करता होगा। मेरी बेटी घर पर ही रहती थी। इसी साल उसका नर्सिंग में एडमिशन हुआ था, तो हॉस्टल में वहां रहने लगी। हॉस्टल के बच्चों ने बताया कि महेंद्र यहां आता था। कई बार यहां आया। मेरी बेटी को फोन करता था। उससे बात भी करता था। 14 मार्च को 10-11 बजे के करीब वही मेरी बेटी को ले गया था। छात्रा के पिता अनिल पाल के मुताबिक, 5-6 महीने पहले मेरी बिटिया किसी काम से घर से निकली थी, तभी मोहल्ले के लड़के ने उसे रोक लिया। उससे मोबाइल नंबर मांगने लगा। मेरी बिटिया ने नंबर नहीं दिया। बेटी ने घर आकर पूरी बात बताई, तो घरवालों ने कहा कि पुलिस से शिकायत करो, मगर हमने नहीं किया। हमें लगा कि लोग सोचेंगे कि हमारी बिटिया ही गलत है। ये इससे पहले भी कई बार छेड़छाड़ कर चुका था। हमने अपनी बिटिया को समझाया कि तुम घर से न निकला करो। इसके बाद घरवाले शांत हो गए। इसके बाद बेटी हमारी पढ़ने के लिए सैफई चली गई। कल करीब ढाई तीन बजे कॉलेज के प्रिंसिपल ने बताया कि आपकी बच्ची गायब है, घर तो नहीं गई है। इसके बाद हम लोग सैफई पहुंच गए। वहां मेरी बेटी के कमरे में दो बच्चियां और रहती थीं। उन्होंने हमें बताया कि महेंद्र नाम का लड़का उसे ले गया है। आरोप है कि महेंद्र बेटी को 3-4 साल से परेशान कर रहा था। मृतका की मां ने बताया कि महेंद्र शादी-शुदा है। कई बार उसके परिवार से, उसके भाई अरविंद से शिकायत की। बेटी ने भी अरविंद को फोन किया था। उससे कहा था कि भइया महेंद्र को मना कर दो। हमारे पास फोन न किया करे। मैंने उसका नंबर ब्लॉक कर दिया है। उसको समझा दो वरना कुछ हो जाएगा।

एसएसपी संजय कुमार ने बताया कि छात्रा की मां ने अपने पड़ोसी महेंद्र, उसके भाई और एक अज्ञात के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी। मामला एक तरफा प्यार का है। वो बार-बार छात्रा को परेशान करता था। इसी कारण उसने लड़की की हत्या कर दी है। सवाल यह है कि प्रदेश में मिशन शक्ति का चैथा चरण क्रियान्वयन करने के बावजूद महिलाओं खासकर बेटियों के साथ जघन्य वारदातों को अपराधी बेखौफ अंजाम दे रहे हैं। सात घंटे तक हत्यारा छात्रा के शव को गाड़ी में लेकर सुरक्षित स्थान पर ठिकाने लगाने के लिए शहर भर में घूमता रहा क्या यही कानून व्यवस्था है? आखिर इतना सख्त निर्देश और बेटी बचाओ के थीम पर प्रतिबद्ध योगी सरकार की पुलिस का अपराधियों में खौफ क्यों नहीं है?

आप को याद दिला दें कि कुशीनगर में जब मनचलांे की छेड़छाड़ से बचाव करते हुए एक साइकिल सवार छात्रा दुर्घटना का शिकार बनकर जान गंवा बैठी थी तब मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी ने सख्त कार्रवाई की बात कहते हुए कहा था कि यदि कोई बदमाश किसी बेटी के साथ अपराध की हिम्मत करेगा तो अगले चैराहे पर यमराज खड़ा मिलेगा। बाद में कई वारदातों के बाद ऐसे अपराधियों के खिलाफ एनकाउंटर भी किए गए और योगी बाबा के आदेश पर अमल किया गया लेकिन इसके बावजूद बेटियों के खिलाफ अपराध बदस्तूर जारी हैं। (हिफी)

(मनोज कुमार अग्रवाल-हिफी फीचर)

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