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सन् 57 की कल्ट क्लासिक फिल्म थी मदर इंडिया, लागत से चैगुना कमाई

सन् 1957 का साल हिंदी सिनेमा के लिए गोल्डन एरा में से एक माना जाता है। इस साल कई ऐसी फिल्में आईं, जो कल्ट क्लासिक बनीं और आज भी याद की जाती हैं। 68 साल पहले प्यासा, नया दौर, तुमसा नहीं देखा, दो आंखें बारह हाथ, नौ दो ग्यारह, कठपुतली और भारत माता जैसी कई यादगार फिल्मों ने दस्तक दी थी, जो उस वक्त हिट साबित हुई। लेकिन साल 1957 की पहली ऑस्कर नॉमिनेटेड फिल्म थी, जिसे आज भी भारतीय सिनेमा की श्रेष्ठ फिल्मों में गिना जाता है। इस फिल्म ने अपनी कहानी, स्टार्स के अभिनय और निर्देशन के माध्यम से पूरे विश्व में भारतीय सिनेमा को अलग पहचान दिलाई।ये फिल्म आज भी अपनी कहानी और किरदार की वजह से चर्चा में रहती हैं, जिसका नाम मदर इंडिया है। इस फिल्म के निर्देशक मेहबूब खान थे और इसमें नरगिस, सुनील दत्त, राजेंद्र कुमार और राज कुमार जैसे कई बेहतरीन कलाकार थे। इस फिल्म का नाम न सिर्फ लोगों के दिलों में बल्कि हिंदी सिनेमा के इतिहास के पन्नों में भी दर्ज हो चुका है। फिल्म मदर इंडिया एक ऐसी मजबूत और हिम्मती महिला की कहानी है, जो अपने जीवन में कभी भी हार नहीं मानती है। इसमें नरगिस दत्त ने एक मां का किरदार निभाया है, जो गरीबी और सामाजिक परेशानियों के बीच सब कुछ संभालती नजर आती है। कमाल की बात यह है कि ये भारत की पहली ऑस्कर नॉमिनेटेड फिल्म थी।यह साल हिंदी सिनेमा के इतिहास में एक टर्निंग पॉइंट माना जाता है क्योंकि इस दौरान कई ऐसी फिल्में रिलीज हुई, जिसे भारतीय सिनेमा के प्रति लोगों की सोच बदल गई। मदर इंडिया 1 करोड़ के बजट में बनी थी और इसने दुनिया भर में 9 करोड़ रुपये कमाए थे। (हिफी)

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