सम-सामयिक

आधुनिक अयोध्या का सनातन आधार

 

अयोध्या का विकास यहीं तक सीमित नहीं है। इसको विश्वस्तरीय पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित किया जा रहा है। प्राण प्रतिष्ठा के पूर्व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अयोध्या यात्रा यहां के विश्व स्तरीय विकास की दृष्टि से भी महत्वपूर्ण रही। यहां धर्मपथ, रामपथ, भक्ति पथ और जन्मभूमि पथ की यात्रा का सनातन संदेश भी विलक्षण है। यह नामकरण चारों वेदों के अनुरूप है।

अयोध्या प्राचीनकाल से भव्य नगरी के रूप में प्रतिष्ठित रही है। प्रभु श्रीराम के यहां अवतार लेने से पहले यह चक्रवर्ती सम्राटों की वैभवशाली राजधानी थी। प्रभु के अवतार ने इसे आध्यात्मिक रूप से भी दिव्य बना दिया था। किंतु मध्यकाल में इसे विदेशी आक्रांताओं के आक्रमण झेलने पड़े। पांच सौ वर्षों बाद यहां जीर्णोद्धार हुआ है। अब भव्य श्री राम मन्दिर के उद्घाटन का समय निकट आ रहा है।
अयोध्या का विकास यहीं तक सीमित नहीं है। इसको विश्वस्तरीय पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित किया जा रहा है। प्राण प्रतिष्ठा के पूर्व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अयोध्या यात्रा यहां के विश्व स्तरीय विकास की दृष्टि से भी महत्वपूर्ण रही। यहां धर्मपथ, रामपथ, भक्ति पथ और जन्मभूमि पथ की यात्रा का सनातन संदेश भी विलक्षण है। यह नामकरण चारों वेदों के अनुरूप है।

नरेंद्र मोदी के रोड शो जनभावना और जन उत्सव में उनकी सहभागिता है। पांच सौ वर्षो का सपना साकार होना सामान्य विषय नहीं है। ऐतिहासिक अवसर निकट आ रहा है। उत्सव का माहौल बन रहा है।
नरेंद्र मोदी जन आकांक्षा को समझते हैं। यही समझ उन्हें देश ही नहीं दुनिया का सर्वाधिक लोकप्रिय नेता बनाये हुए है। नरेंद्र मोदी ने अयोध्या में करीब सोलह हजार करोड़ रुपए की परियोजनाएं देश को समर्पित कीं। त्रेता युग में प्रभु श्री राम लंका पर विजय के बाद माता जानकी के साथ पुष्पक विमान से अयोध्या पहुँचे थे। कुछ वर्ष पहले तक कोई यह कल्पना भी नहीं कर सकता था कि अयोध्या में अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट बनेगा। वर्तमान सरकार ने यह कार्य सम्पन्न किया।इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट से अयोध्या धाम के लिए पहली वाणिज्यिक उड़ान महर्षि वाल्मीकि इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर पहुंची। नरेंद्र मोदी ने महर्षि वाल्मीकि इंटरनेशनल एयरपोर्ट व अयोध्या धाम स्टेशन फेज वन का लोकार्पण किया। उल्लेखनीय है कि एयरपोर्ट और रेलवे स्टेशन भवन सनातन संस्कृति का संदेश देने वाले हैं।
महर्षि वाल्मीकि इंटरनेशनल एयरपोर्ट में सात शिखर हैं जिसमें से एक मुख्य शिखर बीच में तीन आगे और तीन पीछे हैं। प्रभु श्रीराम का चित्रण अनेक स्तरों पर किया गया है। बाहर तीर धनुष का बड़ा म्युरल लगाया गया है।

मुख्य भवन में सात स्तंभ रामायण के सात काण्ड के अनुरूप हैं। एक अन्य कलाकृति में हनुमान जी दर्शाए गए हैं। इसमें उनका सम्पूर्ण चित्रण है। श्री राम दरबार, सीता राम विवाह की कलाकृति भी बहुत आकर्षक है। अयोध्या धाम जंक्शन रेलवे स्टेशन फेज वन का भवन भी राष्ट्रीय संस्कृति को प्रतिध्वनित किया गया है। नरेंद्र मोदी ने इस भवन का लोकार्पण किया। इसके अलावा दो अमृत भारत और छह वंदे भारत ट्रेनों को हरी झंडी दिखा कर रवाना किया। अयोध्या धाम स्टेशन का तीन फेज मंे विकास किया जाएगा। इसमें एयरपोर्ट्स जैसी सुविधाएं हैं। स्टेशन के प्रथम तल पर देश के सबसे बड़े कॉनकोर्स सेटअप को स्थापित किया जा रहा है। यह प्रक्रिया तीन फेज में पूरी होनी है और पहले फेज का कार्य पूर्ण हो चुका है। तीनों फेज का विकास पूर्ण होने पर यह कॉनकोर्स बहत्तर सौ स्क्वेयर मीटर में फैला होगा। अयोध्या के विकास की परिकल्पना एक आध्यात्मिक केंद्र, वैश्विक पर्यटन हब और एक स्थायी स्मार्ट सिटी के रूप में की जा रही है। कनेक्टिविटी में सुधार के प्रयास जारी है। इनमें एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन के विस्तार, बस स्टेशन, सड़कों और राजमार्गों व ढांचा परियोजनाओं का निर्माण शामिल है। ग्रीनफील्ड टाउनशिप भी प्रस्तावित है। इसमें तीर्थ यात्रियों के ठहरने की सुविधा, आश्रमों के लिए जगह, मठ, होटल, विभिन्न राज्यों के भवन आदि शामिल हैं।

अयोध्या में पर्यटक सुविधा केंद्र व विश्व स्तरीय संग्रहालय बेजोड़ होगा। सरयू के घाटों के आसपास बुनियादी ढांचा सुविधाओं का विकास हो रहा है। ग्रीनफील्ड सिटी योजना, मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा, सरयू तट पट विकास, पैंसठ किमी लंबी रिंग रोड, पर्यटन केंद्र, पंचकोसी परिक्रमा मार्ग विकास आदि से अयोध्या की तस्वीर बदल जाएगी। अयोध्या को स्मार्ट व विश्व स्तरीय नगर बनाने का कार्य प्रगति पर है। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अयोध्या आने वाले समय में वैश्विक मानचित्र में एक नया स्थान बनाने जा रहा है। अयोध्या विश्वस्तरीय पर्यटन केन्द्र के साथ साथ शिक्षा एवं स्वास्थ्य सुविधाओं का भी एक बड़ा केन्द्र बनाया जाएगा। अयोध्या के आस-पास संचालित लगभग तीन हजार करोड़ रुपए की परियोजनाओं कार्य चल रहा है। अयोध्या मास्टर प्लान में सभी विकास परियोजनाओं को शामिल किया गया है। इसमें पुरातत्व महत्व के मंदिरों और परिसरों का जीर्णोद्धार व सौंदर्यीकरण शामिल है। इन प्रोजेक्ट में क्रूज पर्यटन परियोजना, राम की पैड़ी परियोजना, रामायण आध्यात्मिक वन, सरयू नदी आइकॉनिक ब्रिज, प्रतिष्ठित संरचना का विकास पर्यटन सर्किट का विकास, ब्रांडिंग अयोध्या, चैरासी कोसी परिक्रमा के भीतर दो सौ आठ विरासत परिसरों का जीर्णोद्धार, सरयू उत्तर किनारे का विकास आदि शामिल हैं। इसके साथ ही अयोध्या को आधुनिक स्मार्ट सिटी के तौर पर विकसित किया जा रहा है। सरकार ने सैकड़ों पर्यटकों के सुझाव के बाद एक विजन डॉक्यूमेंट भी तैयार किया था। वह प्रगति पर है। (हिफी)

(डॉ दिलीप अग्निहोत्री-हिफी फीचर)

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