ग्रामीणों के सूखे रहे हलक, अफसर पिला रहे हैं आश्वासनों की घुट्टी

अल्मोड़ा। तहसील के रेत गांव में बीते 15 दिनों से पेयजल आपूर्ति ठप है और ग्रामीण पानी के लिए तरस गए हैं। किसी तरह 300 से अधिक की आबादी प्राकृतिक जल स्रोतों की दौड़ लगाकर प्यास बुझाने के लिए मजबूर हैं। 44 साल पुरानी योजना के पाइप जंक खाकर गल गए हैं, इससे गांव में पानी नहीं पहुंच पा रहा है। जल संस्थान से राहत नहीं मिली तो ग्रामीण खुद लाइन खोदकर ठीक करने में जुटे हैं।
रेत गांव में 300 से अधिक की आबादी की प्यास बुझाने के लिए वर्ष 1981 में पाइप लाइन बिछाई गई थी। तब से आज तक इस लाइन की तरफ किसी ने मुड़ कर नहीं देखा। हालात यह हैं कि जगह-जगह पाइप गल गए हैं और बीते 15 दिन से गांव में पेयजल आपूूर्ति ठप है। लीकेज लाइन से गांव तक पानी नहीं पहुंच रहा है और नल पूरी तरह सूखे हैं। इस वजह से ग्रामीणों को खासी दिक्कत झेलनी पड़ रही है। वे किसी तरह प्राकृतिक जल स्रोतों से पानी ढोकर अपनी जरूरत पूरी कर रहे हैं। कई बार जल संस्थान को पेयजल लाइन ठीक करने की गुहार लगाई गई, लेकिन नतीजा अब तक शून्य रहा है। कहीं से राहत न मिलने पर ग्रामीण खुद लाइन खोदकर इसे ठीक करने में जुटे हैं। सरकारी मशीनरी की इस अनदेखी से ग्रामीणों में खासा आक्रोश है। ग्रामीणों ने कहा कि हर घर नल से जल पहुंचाने के दावे फेल हैं।