अयोध्या जैसा सजेगा पूरा देश

स्वाभाविक है इस अवसर पर पूरा भारत ही नहीं विदेश के लोग भी अयोध्या पहुंचना चाहते हैं। इसलिए जनाकांक्षा को पूरा करने के साथ व्यवस्था को भी बनाए रखने के लिए विश्व हिंदू परिषद के अंतरराष्ट्रीय उपाध्यक्ष और मंदिर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने रामलला की प्रतिमा के प्राण प्रतिष्ठा समारोह के दौरान हम सभी को क्या करना चाहिए यह प्रारूप तैयार किया है।
पांच सौ साल के संघर्षों का सुपुनीत फल आगामी 22 जनवरी, 2024 को मिलने वाला है। स्वाभाविक है इस अवसर पर पूरा भारत ही नहीं विदेश के लोग भी अयोध्या पहुंचना चाहते हैं। इसलिए जनाकांक्षा को पूरा करने के साथ व्यवस्था को भी बनाए रखने के लिए विश्व हिंदू परिषद के अंतरराष्ट्रीय उपाध्यक्ष और मंदिर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने रामलला की प्रतिमा के प्राण प्रतिष्ठा समारोह के दौरान हम सभी को क्या करना चाहिए यह प्रारूप तैयार किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रामलला के श्री विग्रह के प्राण-प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होने अयोध्या आएंगे। दोपहर 12.30 बजे प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी। श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के निमंत्रण को स्वीकार करते हुए पीएम मोदी ने इस ऐतिहासिक अवसर का साक्षी बनने को अपने लिए सौभाग्य की बात बताया। रामलला के मंदिर के बारे में ट्रस्ट लगातार जानकारी दे रहा है। राम मंदिर के पांच मण्डपों में एक हजार मूर्तियां लगायी जाएंगी। इसकी शुरुआत गर्भगृह से लेकर रंग मण्डप तक दिखाई देने लगी है। राम मंदिर परम्परागत नागर शैली में बनाया गया है।
भारत का जन जन भी इस अवसर का साक्षी बन सकेगा। मंदिर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय के अनुसार श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने निवेदन किया है कि आप सभी प्राण प्रतिष्ठा के दिन पूर्वाह्न 11 बजे से अपराह्न 1 बजे के मध्य अपने गाँव मोहल्ले और कालोनी में स्थित किसी मंदिर में आस पड़ोस के रामभक्तों को एकत्रित करके भजन कीर्तन करें। टेलीविजन अथवा कोई पर्दा एल ईडी स्क्रीन लगाकर अयोध्या में हो रहे प्राण प्रतिष्ठा समारोह को पूरे समाज को दिखाएं। इसके साथ ही शंखध्वनि घण्टनाद व आरती करें। अंत में प्रसाद वितरण भी करें। इतना ध्यान रहे कि कार्यक्रम मंदिर परिसर तक ही केंद्रित रहे। अपने मंदिर में स्थित देवी देवता का भजन कीर्तन आरती पूजा तथा श्री राम जय राम जय जय राम इस विजय मंत्र का 108 बार सामूहिक जाप करें। इसके साथ हनुमान चालीसा, सुंदरकाण्ड, राम रक्षा स्तोत्र का सामूहिक पाठ भी कर सकते हैं। इससे सभी देवी देवता प्रसन्न होंगे। सम्पूर्ण भारतवर्ष का वातावरण सात्विक एवं राम मय हो जाएगा। प्राण प्रतिष्ठा समारोह दूरदर्शन द्वारा सीधे प्रसारित किया जाएगा। अनेक चैनलों के माध्यम से भी प्रसारण किया जाएगा। प्राण प्रतिष्ठा समारोह के दिन सायंकाल सूर्यास्त के बाद अपने घर के सामने देवताओं की प्रसन्नता के लिए दीपक जलाएं, दीप मालिका सजाएं, विश्व के करोड़ों घरों में दीपोत्सव मनाया जाए।
श्री राम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट ने यह भी निवेदन किया है कि प्राण प्रतिष्ठा दिन के उपरांत प्रभु श्री रामलला तथा नवनिर्मित मंदिर के दर्शन हेतु अपने अनुकूल समयानुसार अयोध्या जी में परिवार सहित पधारें और श्री राम जी की कृपा प्राप्त करें।
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने बताया है कि 14 जनवरी को मकर संक्रांति के बाद रामलला के अभिषेक की प्रक्रिया शुरू करने और राम लला की प्राण प्रतिष्ठा का 10 दिवसीय अनुष्ठान करने का निर्णय लिया गया है।
इससे पहले 5 अगस्त 2020 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अयोध्या में राम मंदिर की आधारशिला रखी थी। माना जा रहा है कि प्राण-प्रतिष्ठा समारोह के दौरान लगभग 10,000 लोगों को मंदिर परिसर में जाने की अनुमति दी जाएगी, देश भर के सभी प्रमुख मंदिरों में समारोह आयोजित किए जाएंगे। सुप्रीम कोर्ट ने 2019 के फैसले में अयोध्या में विवादित स्थल पर एक ट्रस्ट द्वारा राम मंदिर के निर्माण का मार्ग प्रशस्त कर दिया था। अयोध्या राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा समारोह के दौरान राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की 45 प्रांतीय इकाइयों से जुड़े विभिन्न संगठनों के हजारों वॉलंटियर घर-घर जाकर ‘अक्षत’ बांटेंगे।
हाल ही में आरएसएस और वीएचपी के स्वयंसेवक चावल के दानों, हल्दी और घी से बना ‘अक्षत’ पीतल के कलशों में लेकर अयोध्या गये और फिर वे वहां से अपने-अपने प्रांत मुख्यालय लौट गये। ये वॉलंटियर घर-घर जाकर अक्षत बांटेंगे और लोगों को नजदीकी मंदिर में मनाए जा रहे कार्यक्रम में शामिल होने के लिए प्रेरित करेंगे। दिसंबर के आखिर तक हर गांव, हर वॉर्ड में इसे पहुंचाया जाएगा। एक से 15 जनवरी तक इसे घर-घर बांटा जाएगा। लक्ष्य पांच करोड़ घरों में दीपक जलाने का भी है। पांच लाख मंदिरों में कार्यक्रम करवाकर पूरे देश को अयोध्या में तब्दील किया जाएगा।
अयोध्या में नव निर्मित भव्य और दिव्य राम मंदिर की लम्बाई (पूर्व पश्चिम) 380 फीट, चैड़ाई 250 फीट और ऊंचाई 161 फीट है। मंदिर तीन मंजिला होगा। प्रत्येक मंजिल 20 फीट की होगी। कुल 392 खम्भे और 44 दरवाजे होंगे। भूतल गर्भगृह में प्रभु श्री राम के बाल रूप श्री रामलला का विग्रह और प्रथम गृह गर्भगृह में श्री राम दरबार होगा। कुल पांच मण्डप नृत्य मण्डप, रंग मण्डप गूढ मण्डप अर्थात सभा मण्डप, प्रार्थना मण्डप और कीर्तन मण्डप होंगे। मंदिर में प्रवेश पूर्व दिशा से 32 सीढ़ियां (ऊंचाई लगभग साढे 16 फीट) चढ़कर सिंह द्वार से होगा। मंदिर के चारों ओर आयताकार परकोटा (प्रकार) लम्बाई 732 मीटर, चैड़ाई 4.25 मीटर, परकोटा के चार कोनों पर चार मंदिर- भगवान सूर्य, शंकर, गणपति, देवी भगवती, परकोटे की दक्षिणी भुजा में हनुमान एवं उत्तरी भुजा में अन्नपूर्णा माता का मंदिर होगा। परकोटा के बाहर दक्षिणी दिशा मंे प्रस्तावित मंदिर हैं- महर्षि वाल्मीकि, महर्षि वसिष्ठ, महर्षि विश्वामित्र, महर्षि अगस्त्य, निषादराज, माता शबरी एवे देवी अहित्या। मंदिर के दक्षिणी भाग में पौराणिक सीता कूप है। मंदिर दक्षिणी-पश्चिमी भाग में नवरत्न कुबेर टीले पर स्थित शिव मंदिर का जीर्णोद्धार होगा एवं रामभक्त जटायु राज प्रतिमा की स्थापना होगी। (हिफी)
(मनीषा-हिफी फीचर)