ऑपरेटर की मौत के बाद भी एसटीपी में हुआ था धमाका

गोपेश्वर ( चमोली)। नमामि गंगे के सीवर ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) से महज 100 मीटर की दूरी पर आबादी क्षेत्र के लोगों ने भी करंट महसूस किया था। जब ऑपरेटर गणेश को करंट लगा उस वक्त भी एसटीपी के टिन शेड से लेकर रास्ते में लोहे की जाली तक करंट दौड़ा था। एसटीपी में धमाके की आवाज हुई थी और धुंआ उठा लेकिन बारिश होने के कारण कोई भी उस तरफ नहीं गया।
यह बातें स्थानीय ग्रामीणों ने बताईं। बुधवार को दिन में भी कई ग्रामीणों ने घरों में करंट महसूस किया और हादसे के बाद तो ग्रामीणों ने पूरी रात एक जगह बैठकर बिताई। अलकनंदा किनारे पुराने पुल के समीप 12 परिवार रहते हैं। यहीं एसटीपी भी स्थित है और यहां के ग्रामीण अभी तक करंट हादसे के बाद से खौफ में हैं। किरन ने बताया कि बुधवार को पूर्वाह्न 11 बजे जब एसटीपी पर करंट दौड़ा तो वह उस वक्त घटनास्थल से 100 मीटर दूर अपने मकान में थीं और वहां तक करंट महसूस हुआ।
पानी के नल पर भी करंट आ रहा था। वह दौड़कर बाहर आईं तो वहां लोग और पुलिस के जवान चिल्लाते हुए सड़क की ओर दौड़ रहे थे। उन्होंने कहा कि 16 शव उन्हीं के आंगन से होते हुए सड़क तक पहुंचाए गए, जिस कारण उन्हें बुधवार रातभर नींद नहीं आई। सभी परिवारों ने एक जगह पर इकट्ठा होकर रतजगा किया।