राजनीतिलेखक की कलम

हरियाणा में होगी जोरदार टक्कर

 

हरियाणा में भाजपा की सरकार है लेकिन लोकसभा चुनाव से ठीक पहले मनोहर लाल की जगह नायब सिंह सैनी को मुख्यमंत्री की कुर्सी सौंपी गयी थी। लोकसभा चुनाव मंे भाजपा और कांग्रेस लगभग बराबर के मुकाबले पर रहे हैं। राज्य की 10 लोकसभा सीटों में 5 कांगे्रस को तो पांच ही भाजपा के हिस्से मंे आयीं। इससे पहले 2019 में भाजपा ने सभी 10 सीटों पर कब्जा किया था। इस बार 46.11 फीसद मतदान भाजपा के पक्ष में हुआ तो 43.67 फीसद मतदाता कांग्रेस के साथ रहे हैं। इसलिए राज्य की 90 विधानसभा सीटों पर भाजपा और कंाग्रेस के बीच ही सीधा मुकाबला होता दिख रहा है। भाजपा के सामने 10 वर्ष की सत्ता विरोधी लहर है तो कांग्रेस अंदरूनी कलह से जूझ रही है। हालांकि लोकसभा चुनाव में बेहतर प्रदर्शन के बाद कांग्रेस कार्यकर्ताओं मंे उत्साह दिखाई पड़ता है। भाजपा ने आगामी 22 और  23 अगस्त को चुनाव समिति की बैठक बुला रखी है और प्रत्याशियों की पहली सूची भी जारी हो सकती है। चर्चा है कि कुछ विधायकों के टिकट कट भी सकते हैं। उधर, कांग्रेस मंे भी उन्हीं को प्रत्याशी बनाने की बात कही जा रही है जो चुनाव जीत सकते हैं। इसका आधार 2024 के लोकसभा चुनाव के नतीजे होंगे। कांग्रेस ने इस बार लोकसभा चुनाव में पांच सीटें जीतकर 42 विधानसभा सीटों पर बढ़त बनायी है जबकि भाजपा ने 44 सीटों पर अपना वर्चस्व कायम रखा है। पिछली बार 2019 मंे विधानसभा चुनाव मंे भाजपा ने 40 सीटों पर सफलता पायी थी। उसे स्पष्ट बहुमत नहीं मिल पाया था। सरकार बनाने के लिए 46 विधायकों की जरूरत होती हैं। इसलिए जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) के तीन विधायकों और निर्दलीयों को लेकर भाजपा ने सरकार बनायी थी। इस बार जेजेपी से भाजपा के रिश्ते टूट चुके हैं। जेजेपी और बसपा का गठबंधन है। कांग्रेस भाजपा से हिसाब मांग रही है। दीपेन्द्र हुड्डा ने कई सवाल उछाल रखे हैं।

हरियाणा में विधानसभा चुनाव  के ऐलान के बाद अब टिकट आवंटन को लेकर सरगर्मियां तेज हो गई हैं। राजनितिक दलों में अब टिकट के ऐलान को लेकर मंथन किया जा रहा है। वहीं, नेता भी लॉबिंग के जरिये टिकट पाने की जुगत में लगे हैं। हरियाणा में भाजपा ने 22 और 23 अगस्त को चुनाव समिति की बैठक रखी है और इस मीटिंग में नामों पर चर्चा होने की पूरी उम्मीद है।  मीटिंग के बाद  25 से 30 उम्मीदवारों के नाम की पहली लिस्ट भी जारी हो सकती है। सूत्रों से पता चला है कि कई मौजूदा विधायकों का टिकट काटने की तैयारी है। चुनाव समिति की बैठक के बाद भाजपा संसदीय बोर्ड की बैठक होगी और इसमें टिकट आवंटन पर अंतिम मुहर लगेगी। गौरतलब है कि बीते विधानसभा चुनाव में भाजपा 40 सीटें जीतीं थी। लगातार 10 साल से भाजपा हरियाणा में सत्ता में काबिज है और इस बार सत्ता विरोधी लहर के चलते भाजपा नए चेहरों पर दांव खेल सकती है। इसी कारण भाजपा ने चंद माह पहले सीएम को बदल दिया था और मनोहर लाल की जगह नायब सैनी को सीएम बनाया था। उधर, बीजेपी ने हरियाणा में मैनिफेस्टो समिति की भी घोषणा कर दी है। राष्ट्रीय सचिव ओम प्रकाश धनखड़ को मैनिफेस्टो समिति का प्रमुख बनाया गया है और उनके अलावा, 14 और सदस्य भी नियुक्त किए गए हैं। इनमें विपुल गोयल, कैप्टन अभिमन्यु, कृष्ण लाल पवार, किरण चैधरी, सुनीता दुग्गल शामिल हैं। प्रदेश अध्यक्ष मोहनलाल बडोली ने यह लिस्ट जारी की है। मैनिफेस्टो बनाने के लिए भाजपा लोगों से सुझाव मांग रही है।

हरियाणा भाजपा के पूर्व अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद सुभाष बराला ने कहा है कि राज्यसभा चुनाव के लिए बीजेपी के पास पूरा बहुमत है किरण चैधरी का राज्यसभा जाना तय है। उधर, विधानसभा चुनाव के उमीदवारो की सूची को लेकर बराला ने कहा कि अभी इंतजार करना होगा। उम्मीदवारों की पहली सूची जारी होने में अभी समय है। पहले विधानसभा के अनुरूप राज्य भाजपा अपना पैनल भेजेगी और फिर उसके बाद केंद से विचार के बाद उम्मीदवारों के नाम सामने आएंगे।

हरियाणा में विधानसभा चुनाव के लिए बिगुल बज चुका है। 1 अक्तूबर को हरियाणा में वोट डाले जाएंगे। ऐसे में अब भाजपा, कांग्रेस, इनेलो, जेजेपी और आम आदमी पार्टी ने सियासी कसरत शुरू कर दी है। कांग्रेस के विधायक चिरंजीव राव ने तो कांग्रेस की तरफ से डिप्टी सीएम बनने का दावा किया है और साथ ही टिकट आवंटन से पहले ही नोमिनेशन की घोषणा कर दी है। दरअसल, बिहार के पूर्व सीएम लालू प्रसाद यादव के दामाद चिरंजीव राव ने बड़ा ऐलान किया है। हरियाणा के पूर्व मंत्री कैप्टन अजय सिंह यादव के बेटे ने गत दिनों कार्यकर्ताओं के साथ बैठक की थी। इस दौरान कांग्रेस की टिकटों की घोषणा होने से पहले ही कार्यकर्ताओं को कहा कि चिरंजीव राव 9 तारीख को नामांकन भरेंगे।  रेवाड़ी विधायक चिरंजीव राव ने कहा कि अगर जनता इस बार उन्हें विधायक चुनती है तो वे उपमुख्यमंत्री के दावेदार होंगे।

कप्तान अजय यादव ने कहा कि चिरंजीव राव ही कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़ेंगे, ये यकीन के साथ कह रहे हैं। वहीं, चिरंजीव राव ने कहा कि हर किसी की महत्वाकांक्षा रहती है।  उनकी  भी महत्वाकांक्षा है कि उपमुख्यमंत्री बने और ये लड़ाई अकेले उनकी नहीं, दक्षिण हरियाणा की है। उधर, कप्तान अजय यादव और चिरंजीव राव ने कहा कि भाजपा राज में इलाके में कोई काम नहीं हुआ। जितने भी कार्य हुए है, वो सभी कांग्रेस शासनकाल में हुए थे। उन्होंने कहा कि ट्रिपल इंजन की सरकार होने के बावजूद रेवाड़ी के लोग आज भी मूलभूत सुविधाओं से वंचित है। गौरतलब है कि लालू यादव के दामाद चिरंजीव राव रेवाड़ी से पहली बार 2019 में चुनाव लड़े थे। उनके पिता कैप्टन अजय सिंह यादव साल 1989 से 2014 तक यहां पर 6 बार चुनाव जीते हैं। भाजपा यहां पर 36 साल से हार रही है। कैप्टन अजय यादव तो पूर्व सीएम भजन लाल और भूपेंद्र सिंह हुड्डा के कार्यकाल में मंत्री रहे और इस कारण इलाके में उनकी पकड़ है। अहीरवाल बेल्ट में 11 सीटों में से केवल महेंद्रगढ़ और रेवाड़ी से ही कांग्रेस बीते चुनाव में जीती थी। हरियाणा में पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा के बेटे दीपेंद्र हुड्डा हरियाणा मांगे हिसाब यात्रा निकाल रहे हैं। इसी कड़ी में वह सोनीपत की राई विधानसभा में पहुंचे। उन्होंने राई विधानसभा में एथनिक इंडिया से यात्रा शुरू की और फिर बहालगढ़ चैक तक गए।

दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि बीजेपी अपने कार्यकाल में हुए कार्यों का हिसाब दे। जो जनता मांग रही है, लेकिन बीजेपी तो कांग्रेस पार्टी से ही सब मांग रही है। अब भाजपा का हिसाब जनता चुनाव में करेगी। दीपेंद्र ने कहा कि गृहमंत्री राई विधानसभा में खनन माफिया का हिसाब दें।इसी के साथ उन्होंने तीसरे मोर्चे पर कहा कि हरियाणा में कांग्रेस और बीजेपी का सीधा मुकाबला है। अन्य सभी का नोटा से मुकाबला होगा। दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि हमारे 15 सवाल है। जो हम प्रदेश की सरकार से कर रहे हैं। प्रदेश में बेरोजगारी, महंगाई और अपराध पर सरकार लगाम क्यों नहीं लगा पाई। विकास की जगह फैमिली आईडी जैसे पोर्टल में जनता को फंसाया गया है। राई विधानसभा की बात कर ली जाए तो कांग्रेस पार्टी के राज्य में ही राजीव गांधी एजुकेशन सिटी हब कांग्रेस लेकर आई थी, जिसमें बीआर अंबेडकर यूनिवर्सिटी और छोटू राम यूनिवर्सिटी कांग्रेस पार्टी ने बनवाए थे। इसके साथ ही एजुकेशन का हब बनाने के लिए कांग्रेस पार्टी ने कार्य किए थे, लेकिन बीजेपी पार्टी में भ्रष्टाचार चरम सीमा पर है। अमित शाह जी यूनिवर्सिटी में कार्यक्रम के लिए आए, वह यूनिवर्सिटी भी कांग्रेस राज में ही बनी थी। बीजेपी पार्टी ने एजुकेशन के हब बनाने की वजह यूनिवर्सिटी तो बहुत दूर की बात है, यहां स्कूल तक नहीं बना पाई। दीपेंद्र कहते हैं कि अपराधियों के लिए सबसे सेफ राज्य अब हरियाणा बन चुका है। (हिफी)

(अशोक त्रिपाठी-हिफी फीचर)

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