राजनीति

इस ‘विष्णु’ को भी निभाने हैं बड़े दायित्व

 

पौराणिक आख्यानों को देखें तो भगवान विष्णु को कई दायित्व निभाने पड़े हैं। मीन, कमठ, सूकर, नर हरी, बामन, परशुराम, बपुधरी। कभी मछली बनकर अवतरित हुए तो कभी कछुआ बनना पड़ा। इतना ही नहीं अमृत मंथन के समय विश्व सुन्दरी बनकर राक्षसांे को मदिरा पिलायी। त्रेता युग मंे रावण का संहार करके मर्यादा की स्थापना की तो द्वापर मंे धर्म की स्थापना के लिए अपने यदुवंश का भी संहार करवा दिया था। इसलिए छत्तीसगढ़ के नये मुख्यमंत्री विष्णु देव साय को कठिन दायित्वों का निर्वहन करना है। विष्णु नाम को सार्थक करने के लिए उन्हें उन सभी गारंटियों को पूरा करना है जो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने चुनाव से पहले प्रचार के दौरान छत्तीसगढ की जनता को दे रखी हैं। गत 13 दिसम्बर को विष्णु देव साय ने रायपुर में मुख्यमंत्री पद की शपथ ग्रहण की है। उनकी मदद के लिए दो उपमुख्यमंत्री भी बनाये गये हैं। राज्य मंे भाजपा के अध्यक्ष रहे अरुण साय और महामंत्री रहे विजय शर्मा डिप्टी सीएम बनाये गये हैं। विष्णु देव साव आदिवासी समुदाय के हैं तो उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा सवर्ण ब्राह्मण समुदाय का प्रतिनिधित्व करते हैं। दूसरे डिप्टी सीएम अरुण साव (साहू) पिछड़े वर्ग से हैं। इस प्रकार सभी वर्गों को संतुष्ट करने का प्रयास किया गया है लेकिन राज्य की जनता को संतुष्ट करने के लिए विष्णु देव साय को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की गारंटियों को पूरा करना ही पड़ेगा।

छत्तीसगढ़ की जनता के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गारंटी दी है कि राज्य में कृषक उन्नति योजना की शुरुआत की जाएगी। इसके अंतर्गत किसानों से 21 कुंतल प्रति एकड़ धान की खरीदी की जाएगी। इसकी कीमत किसानों को 3100 रुपये मिलेगी। किसानों को अपना भुगतान पाने के लिए लाइन मंे नहीं खड़ा होना पड़ेगा और न भुगतान किस्तों मंे होगा। किसानों को भुगतान एकमुश्त सुनिश्चित किया जाएगा। भुगतान के लिए किसानों को भागदौड़ न करनी पड़े इसके लिए पंचायत भगवन में बैंकों के काउंटर बनाए जाएंगे जहां नकद भुगतान होगा। धान की खरीद मंें किसी प्रकार का बहाना नहीं चलेगा। कभी बोरे नहीं हैं, ऐसा बहाना करके किसानों को लटकाया जाता था। मोदी ने गारंटी दी है कि धान की खरीद से पहले ही बोरे खरीद लिये जाएंगे। इस कार्य को विष्णु देव साय की सरकार को मुश्तैदी से करना होगा। कहीं से भी कमी रह गयी तो विपक्षी दल के लोग इसे आलोचना का मुद्दा बनाएंगे।

किसानों के साथ ही महिलाओं के हित साधन की भी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गारंटी दे रखी है। मोदी ने कहा था कि राज्य मंे भाजपा की सरकार बनने पर महतारी वंदन योजना शुरू की जाएगी। राज्य में भाजपा को सरकार बनाने के लिए जनता ने पूर्ण बहुमत दिया है। छत्तीसगढ़ की 90 सदस्यीय विधानसभा मंे भाजपा को 54 विधायक मिले हैं। इसलिए महतारी वंदन योजना को भी विष्णु देव साय को लागू करना होगा। इस योजना के तहत प्रत्येक विवाहित महिला को एक हजार रुपये प्रतिमाह के हिसाब से साल में 12 हजार रुपये दिये जाएंगे। मोदी ने यह भी गारंटी दी थी कि गरीब परिवार की महिलाओं को 500 रुपये में गैस सिलेण्डर दिया जाएगा। विष्णु देव साय को यह गारंटी भी पूरी करनी होगी।
इसी तरह पीएम मोदी ने प्रधानमंत्री आवास योजना को लेकर छत्तीसगढ़ की जनता को आश्वासन दिया था। यह आश्वासन था कि राज्य मंे गरीबों के लिए 18 लाख घरों का निर्माण रुका हुआ है और भाजपा की सरकार बनते ही कैबिनेट की पहली बैठक में इन आवासों के निर्माण के लिए धनराशि का आवंटन कर दिया जाएगा। विष्णुदेव साय की सरकार को यह कार्य करना होगा। इसी तरह राज्य के प्रत्येक घर में 2 साल के अंदर पाीने का पानी उपलब्ध कराया जाएगा। विष्णु देव साय की सरकार को यह भी सुनिश्चित करना होगा। पीएम ने गारंटी दे रखी है कि दीनदयाल उपाध्याय कृषि मजदूर कल्याण योजना की शुरुआत छत्तीसगढ़ मंे करके भूमिहीन खेतिहर मजदूर को हर साल 10 हजार रुपये की आर्थिक मदद दी जाएगी। यह कार्य भी विष्णुदेव साय को करना होगा।

आदिवासी बहुल राज्य के लिए तेंदू पत्ता बहुत महत्वपूर्ण है। जंगलों से तेंदू पत्ता को तोड़कर बीड़ी बनायी जाती है। इसमंे बीड़ी के उद्यमियों और बिचैलियों को तो भरपूर पैसा मिल जाता था लेकिन आदिवासियों को बहुत कम पैसे मिल पाते थे। इसके साथ ही उन्हंे कई प्रतिबंधों का सामना करना पड़ता था। प्रधानमंत्री मोदी ने तेंदू पत्ता संग्रहण दर और बोनस की गारंटी दे रखी है। इसके तहत तेंदूपत्ता इकट्ठा करने वाले को एक बोरे की कीमत 5500 रुपये देने का वादा किया गया था। यह भी कहा गया था कि तेंदूपत्ता संग्रहण अवधि को 15 दिन और बढ़ाया जाएगा। तेंदूपत्ता संग्राहकों को 4500 रुपये तक बोनस देने की गारंटी दी गयी थी। उनको जंगल मंे चलने मंे परेशानी न हो, इसलिए जूते (चरण पादुका) व अन्य सुविधाएं देने की गारंटी दी गयी थी। आदिवासी मुख्यमंत्री को यह गारंटी तो तत्काल पूरी करनी होगी।

इसके अलावा छत्तीसगढ़ के लोगों को अयोध्या में श्रीरामलला के प्राण-प्रतिष्ठा समारोह के बाद सरकारी खर्चे पर दर्शन कराने का वादा भी विष्णु देव साय को पूरा करना है। सरकारी पदों पर लगभग एक लाख लोगों की भर्ती कराने की गारंटी भी पीएम मोदी ने जनता को दे रखी है। नौकरी के लिए प्रमुख परीक्षाओं की प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने की चुनौती भी विष्णु देव साय की सरकार के सामने होगी। इस प्रकार साय की नयी सरकार सबका साथ सबका विकास और सबका विश्वास हासिल कर पाएगी। यह कार्य आसान नहीं है। यह नये मुख्यमंत्री को पता है लेकिन उनकी क्षमताओं को देखकर ही भाजपा हाईकमान ने उनको यह पद सौंपा है।

छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के साथ शपथ लेने वाले दो उपमुख्यमंत्री भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव और महामंत्री विजय शर्मा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से जुड़े रहे हैं। साव प्रमुख ओबीसी नेता हैं, वहीं शर्मा ब्राह्मण समुदाय का प्रतिनिधित्व करते हैं। दोनों नेता पहली बार विधायक चुने गए हैं। छत्तीसगढ़ में 2018 में हुए चुनाव में करारी हार और लगातार संघर्ष के बाद, इस वर्ष हुए विधानसभा चुनाव के नतीजों ने पार्टी के भीतर और बाहर साव के कद को बढ़ा दिया है। अधिवक्ता से नेता बने 55 वर्षीय साव के साथ कोई विवाद नहीं जुड़ा है। गैर-विवादास्पद और तटस्थ नेता के रूप में देखा जाता है। लोरमी विधानसभा सीट पर अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस के थानेश्वर साहू को 45,891 वोटों से पराजित किया। 2019 के संसदीय चुनाव में उन्होंने मोदी लहर के बीच बिलासपुर लोकसभा सीट से 1.41 लाख वोटों के अंतर से जीत हासिल की थी। विधानसभा चुनाव से एक साल पहले अरुण साव को विष्णु देव साय की जगह भाजपा की छत्तीसगढ़ इकाई का अध्यक्ष बनाया गया था।

उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ब्राह्मण समुदाय से ताल्लुक रखते हैं। वह राज्य में भारतीय जनता पार्टी के महामंत्री हैं। हिंदुत्व के समर्थक शर्मा ने कवर्धा निर्वाचन क्षेत्र में प्रभावशाली कांग्रेस नेता और निवर्तमान मंत्री मोहम्मद अकबर को 39,592 वोटों से हराया है। शर्मा अक्टूबर 2021 में कबीरधाम जिले के कवर्धा शहर में सांप्रदायिक झड़प की एक घटना के बाद सुर्खियों में आए थे। तीन अक्टूबर, 2021 को कवर्धा शहर में एक चैराहे से धार्मिक झंडे हटाने को लेकर दो समुदायों के लोगों के बीच झड़प हो गई थी। घटना के दो दिन बाद दक्षिणपंथी संगठनों ने घटना के विरोध में शहर में रैली की थी, इसी दौरान हिंसा हुई। भारतीय जनता पार्टी के सांसद संतोष पांडे, पूर्व सांसद अभिषेक सिंह और विजय शर्मा उन लोगों में थे जिनके खिलाफ दंगा भड़काने प्राथमिकी दर्ज की गई थी। शर्मा को गिरफ्तार भी किया गया और बाद में जमानत पर रिहा किया गया। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) की कवर्धा शहर इकाई के संयुक्त संयोजक के रूप में की थी। (हिफी)

(अशोक त्रिपाठी-हिफी फीचर)

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