सम-सामयिक

हादसे की पटरी पर दौड़ती ट्रेनें ?

 

रेल हादसों की कड़ी टूटने का नाम नहीं ले रही है। पिछले एक साल में डेढ़ दर्जन से अधिक दुर्घटनाएं रेलवे संचालन में बरती जा रही हद दरजे की लापरवाही को रेखांकित कर रही है। गत 17 जून को दार्जलिंग के पास एक बड़ा हादसा हुआ। एक मालगाड़ी की एक्सप्रेस ट्रेन से टक्कर हो गई। हादसे कई हताहत हुए। इस हादसे में मारे जाने वाले लोगों में 3 रेलवे कर्मचारी भी हैं। सवाल यह है कि आखिर कब तक भारतीय रेल हादसे दर हादसे का शिकार बनती रहेगी।

कंचनजंगा रेल हादसे ने पिछले साल की भीषण रेल दुर्घटना की याद ताजा करा दी है आप को याद है बीते साल 2023 में देश के भीषणतम ट्रेन हादसों में से एक बालासोर ट्रेन हादसा भी जून महीने में हुआ था। इस हादसे ने करीब 300 लोगों की जान ले ली थी, जबकि हजार के करीब लोग घायल हुए थे। पिछले एक साल में देश ने दर्जनों रेल हादसे देखे हैं जिसमें कई लोगों को अपनी जान भी गंवानी पड़ गई। कंचनजंगा एक्सप्रेस ट्रेन हादसे ने ओडिशा के बालासोर में हुए उस वीभत्स ट्रेन हादसे की भी याद दिला दी, जो पिछले साल जून महीने में ही हुआ था। पिछले साल से लेकर अब तक करीब 19 रेल हादसे हुए हैं।

पिछले साल 2 जून की शाम ओडिशा के बालासोर में उस समय बड़ा ट्रेन हादसा हो गया, जब 3 ट्रेनें आपस में टकरा गईं। कोरोमंडल एक्सप्रेस (ट्रेन संख्या 12841) फुल स्पीड से चल रही थी। इस बीच बहनागा बाजार स्टेशन के पास वह मुख्य लाइन की जगह पासिंग लूप में चली गई जिससे ट्रेन वहां पर खड़ी एक मालगाड़ी से टकरा गई थी। इस बीच कोरोमंडल एक्सप्रेस हावड़ा से होकर चेन्नई रेलवे स्टेशन तक जा रही थी। कोरोमंडल एक्सप्रेस की तेज गति के कारण ट्रेन के 21 डिब्बे पटरी से उतर गए। इनमें से 3 डिब्बे पास के ट्रैक पर आ रही एसएमवीटी बेंगलुरु-हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस (12864) से टकरा गए। इस हादसे में कुल 296 लोगों की मौत हो गई जबकि 1,200 से अधिक अन्य घायल हो गए थे।

23 अगस्त 2023 को पूर्वोत्तर राज्य मिजोरम में बड़ा हादसा हो गया। इस हादसे में कम से कम 26 मजदूरों की मौत हो गई। राजधानी आइजोल से करीब 21 किलोमीटर दूर सैरांग के पास पहाड़ी इलाके में बैराबी-सैरांग लाइन पर कुरंग नदी पर निर्माणाधीन रेलवे पुल (ब्रिज संख्या 196) टूटकर नदी में गिर गया, जिससे 26 मजदूरों की मौत हो गई। मारे गए सभी मजदूर पश्चिम बंगाल के मालदा जिले से आए हुए थे। हादसे के बाद जांच के लिए समिति का गठन किया गया था। मिजोरम में हादसा होने के 3 दिन बाद ही एक और दुखद ट्रेन हादसा हो गया। 26 अगस्त 2023 की सुबह करीब 5 बजे मदुरै जंक्शन के पास खड़ी लखनऊ-रामेश्वरम भारत गौरव ट्रेन में अचानक से आग लग गई। हादसे में 10 लोगों की जान चली गई जबकि 20 लोग घायल हो गए। हादसे के बारे में पता चला कि श्रद्धालु ट्रेन में गैस सिलेंडर लेकर जा रहे थे और कोच में खाना बना रहे थे, तभी आग लग गई।

11 अक्टूबर 2023 की रात एक ट्रेन हादसे में 4 लोगों की मौत हो गई जबकि 70 से अधिक लोग घायल हो गए थे। रात 9।50 बजे बिहार के बक्सर में दिल्ली-कामाख्या नॉर्थ ईस्ट एक्सप्रेस ट्रेन जब रघुनाथपुर स्टेशन के पास पहुंची तो उसके 6 डिब्बे पटरी से उतर गए, जिससे यह बड़ा हादसा हो गया। ट्रेन की पटरी से उतरने के कारण कम से कम 2 एसी 3 टियर डिब्बे पलट गए, जबकि 4 अन्य डिब्बे पटरी से उतर गए।

29 अक्टूबर, 2023, रात को हावड़ा-चेन्नई लाइन पर आंध्र प्रदेश के विजयनगरम में बड़ा ट्रेन हादसा हो गया, जिसमें 14 लोगों की मौत हो गई और 50 से अधिक लोग जख्मी हो गए। विजयनगरम जिले के कोट्टावलासा जंक्शन रेलवे स्टेशन के पास विशाखापत्तनम-रायगढ़ पैसेंजर ट्रेन, विशाखापत्तनम-पलासा पैसेंजर ट्रेन से टकराने के बाद पटरी से उतर गई। विशाखापत्तनम-पलासा पैसेंजर के लोकोपायलट ने सिग्नल को पार कर एक ही ट्रैक पर आगे चल रही विशाखापत्तनम-रायगढ़ पैसेंजर ट्रेन को टक्कर मार दी।

चालू साल 2024 में पहला बड़ा रेल हादसा फरवरी में हुआ जब 28 फरवरी की शाम झारखंड के जामताड़ा जिले में बड़ा ट्रेन हादसा हो गया। रांची से 140 किलोमीटर दूर कालझरिया में यह हादसा हुआ। शाम 7 बजे के करीब अंगा एक्सप्रेस (12254) विद्यासागर और कासितार के बीच चेन पुलिंग की वजह से ट्रेन रूक गई। इस बीच 2 लोग ट्रैक को पार कर रहे थे, लेकिन अचानक से वे दोनों मेमू ट्रेन की चपेट में आ गए।

ताजा हादसे में कंचनजंगा एक्सप्रेस ट्रेन न्यू जलपाईगुड़ी और रंगापानी स्टेशनों के बीच अगरतला से सियालदाह जा रही थी। मालगाड़ी ने कंचनजंगा एक्सप्रेस को ठोकर मारी, जिससे उसके पिछले दो डिब्बे पटरी से उतर गये।

पीएम मोदी ने ट्रेन एक्सीडेंट की घटना पर एक पोस्ट करते हुए दुख व्यक्त किया है। उन्होंने इस हादसे में घायल लोगों के लिए लिखा है- मैं प्रार्थना करता हूं कि घायल लोग जल्द से जल्द ठीक हो जाएं। मैंने अधिकारियों से बात की है और स्थिति की लगातार जानकारी ले रहा हूं। पीएम मोदी ने इस घटना में मारे गए लोगों के परिजन को 2 लाख रुपये प्रधानमंत्री राहत कोष से देने की घोषणा की है। साथ ही इस हादसे में घायल हुए लोगों को 50 हजार रुपये की सहायता राशि भी देने की घोषणा की है।

बोर्ड की चेयरमैन और सीईओ जया वर्मा ने इस मामले पर कहा है कि पायलट ने सिग्नल पर गाड़ी नहीं रोकी। शुरुआती जांच से उन्हें पता चला है कि रुकने का सिग्नल था, लेकिन पायलट ने गाड़ी नहीं रोकी, जिसके चलते यह बड़ा हादसा हुआ है। इस हादसे में लोको पायलट की भी मौत हो गई है। उन्होंने बताया है कि अभी इस मामले की जांच चल रही है और सही कारण का पता लगाने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने बताया कि कार्रवाही हर स्तर पर होती है। अभी फील्ड पर रेस्क्यू चल रहा है। उन्होंने कहा कि बोर्ड को जो भी इन्फॉर्मेशन मिलती है, हम कमांड सेंटर से जुड़ जाते है। सबसे पहले रेस्क्यू का काम किया जाता है।

रेल हादसे पर विपक्ष जमकर बरस रहा है पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने एक पोस्ट करते हुए लिखा है- देश में लगातार हो रहे रेल हादसों का जिम्मेवार कौन है? वहीं कांग्रेस अध्यक्ष खडगे ने रेलमंत्री के इस्तीफे की मांग की है। मामले पर गृह मंत्री अमित शाह ने भी दुख जताते हुए एक पोस्ट की है। इस पोस्ट में उन्होंने लिखा है- पश्चिम बंगाल के न्यू जलपाईगुड़ी में हुआ रेल हादसा बहुत दुःखद है। इस दुर्भाग्यपूर्ण हादसे में जिन लोगों ने अपने परिजनों को खोया है, उनके प्रति संवेदनाएँ व्यक्त करता हूँ और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूँ। घटना की जानकारी पाते ही रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इस पर अपडेट दिया।

सवाल है कि रेलवे हादसों की झड़ी क्यों लग रही है? एक साल के भीतर 19 हादसे और करीब साढ़े तीन सौ लोगों की मौत रेलवे के संचालन में बरती जा रही लापरवाही अनियमितता और कुप्रबंधन को चीख चीख कर बयान कर रहे हैं। सवाल उठता है कि क्या हम इसी निचले दर्जे के लापरवाही भरे कुप्रबंधन के बूते पर बुलेट ट्रेन जैसी महत्वाकांक्षी योजना को अंजाम देने का सपना देख रहे हैं। यदि यह हादसे सुपरफास्ट या बुलेट ट्रेन के साथ होते तो मंजर कितना खतरनाक भयानक व कितना जिंदगियों के लिए आखिरी सफर बन सकता है। हमारे तमाम सुरक्षा इंतजाम जरा सा मानवीय चूक से धराशायी हो जाते है। हम ऐसी सुरक्षा प्रणाली क्यो नहीं विकसित कर पा रहें हैं जिसमें सुरक्षा बंदोबस्त दो या तीन स्तरिय हो यानी किसी एक भूल के बाद भी दुर्घटना को टाला जा सके। रेलवे को और अधिक मजबूत सुरक्षा तंत्र की तकनीक से जोडने की जरूरत है तभी रेल प्रगति का नया अध्याय जोड़ सकती है। (हिफी)

(मनोज कुमार अग्रवाल-हिफी फीचर)

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