ट्रम्प ने लंदन के मेयर पर शरिया लागू करने का लगाया आरोप

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने लंदन के मुस्लिम मेयर सादिक खान पर निशाना साधा है। ट्रंप ने 23 सितम्बर को संयुक्त राष्ट्र महासभा में अपने संबोधन के दौरान सादिक खान के लेकर बड़ा बयान दिया है। ट्रंप ने कहा कि सादिक खान ब्रिटेन की राजधानी लंदन में शरिया कानून लागू करना चाहते हैं। उन्होंने कहा, लंदन में बहुत अजीब सा मेयर है, आज जब मैं लंदन को देखता हूं, तो पाता हूं कि यह शहर पूरी तरह बदल चुका है। अब वो वहां शरिया कानून लागू करना चाहते हैं लेकिन आपको याद रखना चाहिए कि आप किसी दूसरे देश (ब्रिटेन में) हैं और यहां आप ये काम नहीं कर सकते हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से दिए गए बयान के बाद विवाद बढ़ गया है। लंदन के मेयर सादिक खान ने भी इसे लेकर प्रतिक्रिया दी है। मेयर के प्रवक्ता ने ट्रंप के बयानों को नफरती और पक्षपातपूर्ण बताया है। ब्रिटिश अखबार द इंडिपेंडेंट के मुताबिक, प्रवक्ता ने कहा, लंदन दुनिया का सबसे महान शहर है, जो अमेरिका के बड़े शहरों से भी ज्यादा सुरक्षित है। हमें खुशी है कि यहां रिकॉर्ड संख्या में अमेरिकी नागरिक बस रहे हैं।
ब्रिटेन की सत्ताधारी लेबर पार्टी ने भी लंदन के मेयर का बचाव किया है। लेबर पार्टी के सांसद वेस स्ट्रेटिंग ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर लिखा, सादिक खान लंदन में शरिया कानून लागू करने की कोशिश नहीं कर रहे। वो ऐसे मेयर हैं जो प्राइड मार्च में शामिल होते हैं, विविधता का समर्थन करते हैं और लंदन के परिवहन, वायु गुणवत्ता, सड़कों, सुरक्षा और अवसरों में सुधार पर फोकस करते हैं। मुस्लिम काउंसिल ऑफ ब्रिटेन ने भी ट्रंप के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। काउंसिल ने तंज कसते हुए कहा कि वो ट्रंप के स्वास्थ्य और भलाई के लिए दुआ कर रहे हैं क्योंकि उनकी भ्रम की स्थिति दिन-ब-दिन और खराब होती जा रही है।
शरिया एक अरबी शब्द है। इसका शाब्दिक मतलब है सही रास्ता। इसके नियम और सिद्धांत कुरआन से लिये गए हैं। ऐसा माना जाता है कि कुरआन में सीधे अल्लाह के शब्द हैं। इसके अलावा, हदीस से भी नियम लिसे गए हैं। हदीस में पैगंबर मुहम्मद के कहे और किए गए काम शामिल हैं। शरिया कानून बताता है कि मुसलमानों को अपनी जिंदगी समेत सामाजिक और व्यापारिक मामलों में कैसे व्यवहार करना चाहिए।