अब सूडान पर टेढ़ी हुई ट्रम्प की निगाहें

अमेरिका के राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने सूडान की मौजूदा स्थिति पर गहरी चिंता जताई। उन्होंने कहा कि सूडान में भयानक अत्याचार हो रहे हैं। ट्रंप ने कहा कि एक समय यह देश महान सभ्यता के लिए जाना जाता था, लेकिन अब यह धरती पर सबसे हिंसक जगह बन चुकी है जहां सबसे बड़ा मानवीय संकट आया हुआ है। राष्ट्रपति ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ सोशल पर लिखा, सूडान में भयानक अत्याचार हो रहे हैं। यह धरती पर सबसे हिंसक जगह बन गई है और साथ ही सबसे बड़ा मानवीय संकट भी यहां है। वहां खाना, डॉक्टर और हर जरूरी चीज की सख्त कमी है।
ट्रंप ने कहा, दुनिया भर के अरब नेता, खासकर सऊदी अरब के सम्मानित क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान, जिन्होंने अभी-अभी अमेरिका का दौरा पूरा किया है, मुझसे अनुरोध कर रहे हैं कि मैं राष्ट्रपति पद की ताकत और प्रभाव का इस्तेमाल करके सूडान में जो कुछ हो रहा है, उसे तुरंत रोकूं। सूडान को एक महान सभ्यता और संस्कृति माना जाता था, जो दुर्भाग्य से खराब हालत में है, लेकिन इसे विभिन्न देशों के सहयोग और समन्वय से ठीक किया जा सकता है। क्षेत्र के अमीर देशों की भी सूडान में रुचि है। हम सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात, मिस्र और अन्य मध्य पूर्वी साझेदार देशों के साथ मिलकर इन अत्याचारों को खत्म करने और सूडान को स्थिर करने का काम करेंगे।
इस बीच सूडान में 2 साल से ज्यादा समय से चल रहे गृहयुद्ध के बीच एक राहत की खबर आई है। सूडान की अर्धसैनिक बल रैपिड सपोर्ट फोर्सेज (आरएसएफ) ने अमेरिका के प्रस्ताव पर युद्धविराम स्वीकार करने की घोषणा की है। उसने कहा कि वह अमेरिका की अगुवाई वाले ‘क्वाड’ मध्यस्थ समूह, जिसमें सऊदी अरब, मिस्र और संयुक्त अरब अमीरात शामिल हैं, के प्रस्तावित ‘मानवीय युद्धविराम’ को स्वीकार करता है। इसका मकसद युद्ध के विनाशकारी मानवीय परिणामों को कम करना और आम नागरिकों की सुरक्षा बढ़ाना है। अमेरिका के वरिष्ठ सलाहकार (अरब और अफ्रीकी मामलों के) मसाद बूलोस ने कहा कि युद्धविराम के लिए प्रयास चल रहे हैं और दोनों पक्ष सिद्धांत रूप में सहमत हो चुके हैं।
सूडान में सेना (सूडानी आम्र्ड फोर्सेज-एसएएफ) और आरएसएफ के बीच अप्रैल 2023 से संघर्ष चल रहा है। इस लड़ाई में अब तक हजारों लोग मारे जा चुके हैं और लाखों बेघर हो चुके हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने बताया कि एक पूर्व बाल चिकित्सालय पर कब्जे के दौरान 460 से ज्यादा मरीजों और मेडिकल स्टाफ की दर्दनाक हत्या हुई।



