पुतिन के बयान से ट्रम्प की बादशाहत खतरे में

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अपने एक बयान से दुनिया भर में खलबली पैदा कर दी है। पुतिन ने चीन दौरे के समापन पर एक प्रेस वार्ता में कहा कि अब एकध्रुवीय विश्व व्यवस्था को समाप्त हो जाना चाहिए। उन्होंने जोर देकर कहा कि एक बहुध्रुवीय वैश्विक व्यवस्था की आवश्यकता है, जिसमें किसी भी देश का वर्चस्व न हो और सभी राष्ट्र समान अधिकार के साथ सहभागिता करें। पुतिन के इस ऐलान से अमेरिका और डोनाल्ड ट्रंप की बादशाहत को बड़ा खतरा पैदा हो गया है।
पुतिन ने अमेरिका का नाम लिए बगैर कहा, एकध्रुवीय दुनिया अन्यायपूर्ण है, यह स्पष्ट है। हम अपने रिश्ते इस विचार पर विकसित कर रहे हैं कि दुनिया बहुध्रुवीय होनी चाहिए, जिसमें सभी देश बराबर हों। उन्होंने इस नई व्यवस्था में ब्रिक्स और एससीओ जैसे संगठनों की भूमिका को महत्वपूर्ण बताया और कहा कि यह बदलाव धीरे-धीरे आकार ले रहा है। उन्होंने कहा कि ब्रिक्स और एससीओ में कोई भी यह नहीं कह रहा कि इस नई बहुध्रुवीय व्यवस्था में कोई नया वर्चस्व होना चाहिए।
पुतिन ने भारत और चीन जैसे आर्थिक दिग्गजों का उल्लेख करते हुए कहा कि हां, भारत और चीन जैसी बड़ी अर्थव्यवस्थाएं हैं…और हमारा देश भी क्रय शक्ति समानता के आधार पर शीर्ष चार में है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि कोई देश राजनीति या वैश्विक सुरक्षा पर हावी हो। पुतिन के इस बयान को यूक्रेन युद्ध पर पश्चिमी प्रतिबंधों और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा लगाए गए टैरिफ की पृष्ठभूमि में देखा जा रहा है। विशेष रूप से भारत और चीन पर लगाए गए टैरिफ को लेकर रूस ने एकध्रुवीय सोच की आलोचना की है। भारत पर अमेरिकी टैरिफ अब 50 प्रतिशत तक पहुंच गया है, जिसमें 25 फीसद अतिरिक्त शुल्क केवल रूसी तेल खरीदने के कारण लगाया गया है। पुतिन ने कहा कि उन्होंने मोदी को अलास्का में हाल ही में ट्रंप से हुई बातचीत की जानकारी दी। यह कोई रहस्य नहीं है।