टैरिफ को लेकर ट्रम्प का रुख अब भी सख्त

डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि अमेरिका अन्य देशों के साथ व्यापार के लिए टैरिफ दरों पर बातचीत करते समय किसी तरह का दबाव बनाने की कोशिश नहीं कर रहा है। ट्रंप ने पेंसिल्वेनिया में पत्रकारों से बात करते हुए कहा, मैं निष्पक्षता चाहता हूं। उन्होंने आगे कहा कि अमेरिका जहां भी हो सके, पारस्परिक टैरिफ देखना चाहता है। उन्होंने दावा किया कि उनकी टैरिफ नीति अमेरिकी अर्थव्यवस्था में सैकड़ों अरब डॉलर लाएगी। उन्होंने अपने पूर्ववर्ती जो बाइडेन पर कुप्रबंधन का भी आरोप लगाया।ट्रंप की यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब अमेरिका ने कई व्यापार समझौते किए हैं, लेकिन भारत सहित कई देशों के साथ अभी भी बातचीत चल रही है। ट्रंप ने भारत पर 25 प्रतिशत का टैरिफ ऐलान किया है लेकिन रूस के साथ अपने व्यापारिक संबंधों को लेकर नरम रुख अपनाया है। उन्होंने यहां तक कहा है कि दोनों देशों की मृत अर्थव्यवस्थाएं हैं। अगस्त में छठे दौर की वार्ता शुरू होने की संभावना है जब अमेरिका का एक दल भारत आएगा।मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, राजनीतिक बयानबाजी से इतर भारत और अमेरिका पारस्परिक रूप से लाभकारी व्यापार समझौते की दिशा में काम कर रहे हैं। कुछ विश्लेषकों का कहना है कि 25 फीसदी शुल्क शायद सिर्फ सौदेबाजी की एक रणनीति हो सकती है। ट्रंप ने पत्रकारों के साथ अपनी बातचीत में किसी देश का जिक्र किए बिना स्वीकार किया कि कुछ देशों के लिए समान पारस्परिक दरें संभव नहीं हो सकतीं हैं।
विकासशील अर्थव्यवस्थाएं अमेरिका जैसे अमीर देशों से आयात पर ज्यादा शुल्क लगाती रही हैं, ताकि स्थानीय बाजारों को विदेशी वस्तुओं से प्रभावित होने से बचाया जा सके। इसके विपरीत विकसित क्षेत्रों में अपनी वस्तुओं और सेवाओं को बेचने पर उन्हें कम शुल्क देना पड़ता है।
हाल ही में ट्रंप ने यह भी कहा था कि भारत के साथ बहुत अच्छे संबंध होने के बावजूद एकमात्र समस्या यह है कि भारत दुनिया में सबसे अधिक सीमा शुल्क लगाने वाले देशों में से एक है। उन्होंने तब यह भी कहा था कि मेरा मानना है कि वो (भारत) शुल्कों में काफी हद तक कटौती करने जा रहे हैं।