यूएन आयोग ने कहा गाजा पट्टी में हुआ नरसंहार

इजरायल-हमास के युद्ध की वजह से गाजा पट्टी में इजरायल के हमलों पर संयुक्त राष्ट्र के आयोग ने कहा है ये विशुद्ध रूप से नरसंहार है। दो साल की जांच के बाद आयोग का कहना है कि यहां अंतरराष्ट्रीय कानूनों का खुली अवहेलना की जा रही है और जब से युद्ध हो रहा है, तब से यहां नरसंहार का अभियान चल रहा है। ये जांच यूनाइटेड नेशंस के स्वतंत्र आयोग की ओर से की जा रही थी। पहली बार आयोग ने इस युद्ध में नरसंहार जैसे शब्द का इस्तेमाल किया है। आयोग की 72 पेज की रिपोर्ट में कहा गया है कि अक्टूबर, 2023 से इजरायल ने तीन या चार बार ऐसा किया है, जिसे 1948 के जेनोसाइड कंवेंशन के अंदर रखा जा सकता है। इस रिपोर्ट को बनाने वालों ने कहा कि जांच के ये नतीजे यूएन की अब तक की जांच में सबसे ज्यादा मजबूत और आधिकारिक हैं।
जांचकर्ताओं ने कहा है कि इजरायली लोगों और मिलिट्री अधिकारियों के मुखर बयानों के आधार पर रिपोर्ट बनाई गई है। इसके मुताबिक इजरायली सेनाओं ने ये नरसंहार की घटनाएं गाजा पट्टी से फिलिस्तीनी लोगों को खत्म करने के लिए की हैं। संयुक्त राष्ट्र की जांच रिपोर्ट में कहा गया है कि इजराइल के राष्ट्रपति इसाक हेर्जोक, प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू और पूर्व रक्षा मंत्री योआव गलांट ने नरसंहार को उकसाया है और इजराइली अधिकारी इस उकसावे के खिलाफ कार्रवाई करने में नाकाम रहे हैं। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि इन जघन्य अपराधों की जिम्मेदारी इजरायल के शीर्ष अधिाकारियों पर है। यह बयान पूर्व दक्षिण अफ्रीकी न्यायाधीश और रवांडा के अंतरराष्ट्रीय न्यायाधिकरण के पूर्व प्रमुख नवी पिल्लै ने दिया। उधर इजरायल ने इस रिपोर्ट को पूरी तरह से खारिज कर दिया है। विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि यह रिपोर्ट गलत और विकृत है और उन्होंने इस जांच आयोग को तुरंत समाप्त करने की मांग की है।