रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का भव्य आयोजन

(मोहिता स्वामी-हिफी फीचर)
अयोध्या मंे रामलला की मूर्ति की प्राण-प्रतिष्ठा कार्यक्रम वृहद आयोजन होगा। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने अब प्राण-प्रतिष्ठा कार्यक्रम की तारीख भी घोषित कर दी है। प्राण-प्रतिष्ठा कार्यक्रम से 10 दिन पहले से रामनाम संकीर्तन शुरू किया जाएगा। आयोजन की सभी व्यवस्थाएं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ संभालेगा। मंदिर ट्रस्ट के महासचिव बिना लागलपेट के कहते हैं- मैं मंदिर ट्रस्ट में हूं, विश्व हिन्दू परिषद मंे हूं लेकिन मैं आरएसएस का हूं और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और उससे जुड़े लोगों को देश मंे बड़े आयोजन सम्पन्न कराने का अनुभव है।
अयोध्या में निर्माणाधीन राम मंदिर में पहली मंजिल पर पांच साल के बच्चे के रूप में भगवान राम की मूर्ति स्थापित की जाएगी और गर्भगृह में मूर्ति की प्राण-प्रतिष्ठा अगले साल 15 से 24 जनवरी के बीच किसी एक दिन होगी। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने इस संबंध में जानकारी दी है। चंपत राय ने बताया, अक्टूबर महीने तक मंदिर की सबसे निचले तल का काम पूरा हो जाएगा। इसके बाद उसे सिर्फ अंतिम रूप देना बाकी रह जाएगा। दिसंबर तक यह पूरा हो जाएगा। पांच साल के बच्चे के रूप में भगवान राम की मूर्ति स्थापित की जाएगी।’’ महासचिव ने कहा कि भूतल पर पूरे परिवार के साथ भगवान राम की मूर्ति स्थापित की जाएगी। अभी दूसरी मंजिल पर कोई मूर्ति स्थापित करने की योजना नहीं है। राय ने कहा, दूसरी मंजिल केवल मंदिर को ऊंचाई देने के लिए बनाई जाएगी। वर्तमान में मंदिर के निर्माण में 21 लाख घन फुट ग्रेनाइट, बलुआ पत्थर और संगमरमर का उपयोग किया जा रहा है। उन्होंने कहा, राम मंदिर का ढांचा संगमरमर का है, जबकि दरवाजे महाराष्ट्र से लायी गयी सागौन की लकड़ियों से बने हैं। उन पर नक्काशी का काम भी शुरू हो गया है। मंदिर में 1000 साल से अधिक समय तक किसी मरम्मत कार्य की आवश्यकता नहीं होगी।’’ राय ने कहा कि राम मंदिर के निचले तल का 80 फीसदी काम पूरा हो चुका है। इसके 162 खंभे बनकर तैयार हैं और इन खंभों पर 4500 से ज्यादा मूर्तियां गढ़ी जा रही हैं। इसमें त्रेता युग की झलक देखने को मिलेगी।
खंभों की नक्काशी के लिए केरल और राजस्थान के 40 कारीगरों को लगाया गया है। उन्होंने बताया, प्रत्येक स्तंभ को तीन भागों में विभाजित किया गया है। हर स्तंभ में 20 से 24 मूर्तियां बनाई जा रही हैं। ऊपरी हिस्से में आठ से 12 मूर्तियां बनाई जा रही हैं। मध्य भाग में चार से आठ मूर्तियां बनाई जा रही हैं। एक कारीगर को एक स्तंभ पर एक मूर्ति बनाने में लगभग 200 दिन लगते हैं। राय ने कहा कि मंदिर की नींव 15 फुट गहरी है और पत्थरों से बनी है और निर्माण में किसी भी लोहे या स्टील का उपयोग नहीं किया जा रहा है। 6.5 तीव्रता वाले भूकंप के दौरान भी मंदिर को कोई नुकसान नहीं होगा। सूर्य की किरणें लेंस और दर्पण के
माध्यम से मूर्ति पर पड़ेंगी।
अयोध्या में निर्माणाधीन राम मंदिर में वाल्मीकि रामायण को चित्रों के
माध्यम से सहेजा जा रहा है। वाल्मीकि रामायण के छह काण्ड (बाल से लेकर लंका काण्ड) के प्रमुख 98 श्लोकों को भित्तिचित्रों के माध्यम से निचले राम चबूतरे पर उकेरा जा रहा है। राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा जनवरी में करने के लिए अगले 120 दिन में इसके प्रथम चरण के तहत महत्वपूर्ण कार्यों को पूरा करने पर तेजी से काम जारी है। निचले चबूतरे पर ‘रामकथा’ उकेरी जा रही है, जिसमें वाल्मीकि रामायण के 98 प्रमुख श्लोकों के आधार पर 98 भित्तिचित्र शामिल हैं। वाल्मीकि रामायण में कुल 24000 श्लोक हैं।
पिछले महीने मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेन्द्र मिश्रा ने कहा था कि मंदिर ट्रस्ट को रामलला की प्रतिमा में प्राण प्रतिष्ठा के लिए देश के शीर्ष ज्योतिषियों ने 21, 22, 24 और 25 जनवरी को शुभ मुहूर्त बताया है। वहीं, न्यास के एक अन्य सदस्य परमानंद गिरि जी महाराज ने बताया कि प्राण प्रतिष्ठा के कार्यक्रम को लेकर किसी भी अनुकूल तारीख के बारे में प्रधानमंत्री से आग्रह किया जायेगा। सूत्रों ने बताया कि ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय और कोषाध्यक्ष गोविंद गिरि जी महाराज की सदस्यता वाली एक समिति का गठन किया गया है, जिसे इस बात पर विचार करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है कि राम लला की प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा के कार्यक्रम में किन्हें आमंत्रित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इसमें निश्चित तौर पर साधु संतों को महत्व दिया जाएगा। सूत्रों ने बताया कि देश के गांव में लोग प्राण प्रतिष्ठा के कार्यक्रम को कैसे देख सकें, विदेशों में इसे कैसे दिखाया जाए।। इस पर भी काम जारी है। उन्होंने बताया कि विदेश में कार्यक्रम को पहुंचाने के लिए दूतावासों से सम्पर्क किया जायेगा। उन्होंने बताया कि 2024 की जनवरी में मकर संक्राति के बाद से करीब एक सप्ताह तक भजन कीर्तन आदि का आयोजन किया जायेगा, जिसमें देश के गांव, कस्बों आदि से पांच लाख मंदिर एवं मठों को जोड़ने की योजना है।
राम मंदिर में करीब 400 खम्भे होंगे, जिसमें भूतल में करीब 160 खम्भे और प्रथम तल पर 132 खम्भे और दूसरे तल पर 72 खम्भे होंगे। इसमें 46 दरवाजे होंगे, जो सागवान की लकड़ी के बने होंगे। सूत्रों ने बताया, ‘‘खम्भे का निर्माण काफी महीन एवं जटिल काम है, क्योंकि प्रत्येक खम्भे पर 14-16 मूर्तियां बनाई जा रही हैं।’’ समझा जाता है कि कुल 3600 मूर्तियों का निर्माण किया जायेगा, जो मंदिर को भव्यता प्रदान करेंगे। श्री राम जन्मभूमि मंदिर के गर्भगृह में रामलला की मूर्ति प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम को पूरे देश का मेगा इवेंट बनाने की तैयारी है। अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के लगभग 10 दिन पहले से पूरे देश के 5 लाख से अधिक मंदिरों में राम नाम संकीर्तन शुरू कराया जाएगा और इसमें सिख, जैन समेत कई धर्मों के लोगों को जोड़ा जाएगा। श्री राम जन्मभूमि मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम इन स्थानों पर लाइव दिखाया जाएगा। कार्यक्रम के बाद मौजूद लोगों को तो प्रसाद दिया ही जाएगा साथ ही घर-घर प्रसाद भी बांटा जाएगा। श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने इसी के साथ यह भी साफ कर दिया कि श्री राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम की पूरी जिम्मेदारी आरएसएस संभालेगा क्योंकि देश में बड़े कार्यक्रम करने का सबसे ज्यादा अनुभव इसी संगठन के पास है और इसकी तैयारी भी शुरू कर दी गई है। जनवरी 2024 में जब राम लला की गर्भगृह में प्राण प्रतिष्ठा होगी उस समय सर्दी का मौसम होगा। ऐसे में लाखों लोगों के अयोध्या में रुकने के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित किया जा रहा है, लेकिन यह नाकाफी होगा इसीलिए ट्रस्ट ने पूरे देश के लोगों को इस कार्यक्रम से जोड़ने के लिए बड़ी योजना तैयार की है। इस योजना के अनुसार पूरे देश के सभी गांवों और नगरों में इस कार्यक्रम को लाइव दिखाया जाएगा। यही नहीं सिख और जैन समाज समिति कई धर्मों के लोगों को इस कार्यक्रम के साथ जोड़ने की अपील की जाएगी जिन्हें यह आजादी होगी कि वह अपने धर्म के अनुसार मंदिरों में पाठ और धार्मिक कार्यक्रम करें। (हिफी)