धर्मस्थल में किया गया अधर्म

(मनोज कुमार अग्रवाल-हिफी फीचर)
कर्नाटक के धर्मस्थल में महिलाओं और लड़कियों से बलात्कार, हत्या और उन्हें दफनाने के दावे के बाद हड़कंप मचा हुआ है। कर्नाटक के मंगलुरु के पास स्थित धर्मस्थल मंदिर परिसर में कई साल पहले कथित तौर पर सैकड़ों महिलाओं के साथ यौन उत्पीड़न हुआ और उनकी हत्या करने के बाद शवों को परिसर में दफना दिया गया था। अब मामला विशेष जांच टीम को सौंपा गया। जिस तरह से जांच चल रही है उससे लगता है कि सरकार की दिलचस्पी धार्मस्थल के अधर्म को सामने लाने की नहीं है। कर्नाटक सरकार ने स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम का गठन किया गया है। यह मामला तब सामने आया जब धर्मस्थल में काम कर चुके एक सफाईकर्मी ने दावा किया कि उसे 1998 से 2014 के बीच महिलाओं और नाबालिगों के शवों को दफनाने और उनका अंतिम संस्कार करने के लिए मजबूर किया गया था। सफाई कर्मचारी ने दावा किया था कि इन महिलाओं और नाबालिग लड़कियों के शवों पर हमले के निशान भी थे। धर्मस्थल कर्नाटक का एक बड़ा तीर्थस्थल है, जहां बहुत सारे मंदिर हैं और यहां राज्य से बाहर के भी भक्त आते हैं।
पूर्व सफाई कर्मी ने बताया है कि पीड़िताओं के साथ किस तरह की खौफनाक घटनाएं हुई और इनमें एक स्कूली छात्रा भी शामिल है जिसे स्कूल यूनिफॉर्म में ही दफनाया गया था और एक 20 साल की महिला भी थी जिसका चेहरा तेजाब से जला दिया गया था। पूर्व सफाई कर्मी के दावे के बाद मामले में एफआईआर दर्ज की गई। मामले से जुड़े गवाहों को सुरक्षा दी गई और कंकाल के हिस्सों को अदालत में पेश किया गया। सफाई कर्मी के दावे के बाद कर्नाटक में बड़े पैमाने पर लोगों की नाराजगी सामने आई और अब राज्य सरकार ने जांच को आगे बढ़ाया है। मंदिर के प्राधिकरण ने कहा कि वह इस मामले में निष्पक्ष और पारदर्शी जांच का समर्थन करता है और एसआईटी को इस मामले में सच सामने लाना चाहिए।
हाल ही में 22 जून को एडवोकेट ओजस्वी गौड़ा और सचिन देशपांडे पूर्व सफाई कर्मचारी से मिले। सफाई कर्मचारी ने दावा किया कि वह धर्मस्थल में कब्रों को पहचान सकता है और वह इस अपराध को लोगों के सामने लाना चाहता है। बेंगलुरु के वकीलों का एक प्रतिनिधिमंडल दक्षिण कन्नड़ पुलिस अधीक्षक से मिला और दावों की जांच करने की अपील की।पूर्व सफाई कर्मचारी ने पुलिस अधीक्षक को लिखित शिकायत दी। धर्मस्थल संस्थान के इस पूर्व सफाई कर्मचारी ने दक्षिण कन्नड़ डिस्ट्रिक्ट के एसएसपी के नाम एक शिकायती पत्र लिखा था। इस कंप्लेन लेटर में कायदे से धर्मस्थला में एक सफाई कर्मचारी के तौर पर गुजारे इसके पूरे 19 सालों की कहानी है। उस शिकायत पत्र या कंप्लेन लेटर के बाद गत 11 जुलाई को नकाब में छुपाकर इस सफाई कर्मचारी को बेल्थांगडी कोर्ट में पेश किया गया था। उसने फोटोग्राफिक सबूत भी दिए और आरोप लगाया कि उसे 16 साल तक महिलाओं और नाबालिगों के शवों को दफनाने के लिए मजबूर किया गया।
धर्मस्थल पुलिस ने सफाई कर्मचारी की शिकायत के आधार पर भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 211 (ए) के तहत प्राथमिकी दर्ज की। पूर्व सफाई कर्मचारी ने कंकाल के अवशेष अदालत के सामने रखे। उसने दावा किया कि इस कंकाल को एक कब्रगाह से निकाला है। शिकायतकर्ता के वकील पवन देशपांडे ने मीडिया से कहा कि इस मामले में स्वतंत्र जांच होनी चाहिए। उधर राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष नागलक्ष्मी चैधरी ने मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को पत्र लिखकर मौतों की जांच के लिए एक विशेष जांच टीम के गठन की मांग की।
सफाई कर्मचारी जब पुलिस के पास अपनी शिकायत पत्र लेकर गया था। उसके हाथ में एक बोरी थी। उस बोरी में एक इंसानी खोपड़ी थी। सफाई कर्मचारी का दावा है कि जिन सैकड़ों लाशों को उसने दफनाया ये उन्हीं में से एक इंसानी खोपड़ी थी। वो सिर्फ पुलिस को यकीन दिलाने के लिए अपने साथ ये सबूत लेकर आया था। शिकायतकर्ता या गवाह के मुताबिक 19 साल की नौकरी के बाद जब इसके परिवार की एक लड़की के साथ यही सब कुछ हुआ, तब डर की वजह से 2014 में एक रात ये अपने पूरे परिवार के साथ धर्मस्थल से भाग गया। इसके बाद कर्नाटक के पड़ोसी राज्यों में छुप-छुप और डर-डर कर अपनी जिंदगी बिताता रहा। एसएसपी को दिए शिकायतपत्र के मुताबिक, 19 सालों का वो जख्म उसे परेशान करने लगा। उसे पता था कि वो लोग कभी भी इसे ढूंढ लेंगे और मार डालेंगे। बस इसी के बाद इसने दक्षिण कन्नड़ डिस्ट्रिक्ट एसपी को लेटर लिखा और फिर अपनी मर्जी से 11 जुलाई को कोर्ट पहुंच कर मजिस्ट्रेट के सामने अपना बयान दर्ज कराया। इतना ही नहीं इसने अपने शिकायतपत्र के आखिर में ये भी लिखा है कि वो इस मामले मे शामिल तमाम लोगों के नाम सबूत के साथ दे सकता है।
पूर्व सफाई कर्मचारी की शिकायत के मुताबिक, उसे धमकी दी जाती थी कि अगर उसने शवों को दफनाने से इनकार किया तो उसे जान से मार दिया जाएगा और काटकर बाकी लोगों की तरह दफना दिया जाएगा बेंगलुरु की एक महिला ने धर्मस्थल पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई कि एमबीबीएस में पढ़ने वाली उसकी बेटी अनन्या भट्ट 2003 में धर्मस्थल जाने के बाद लापता हो गई थी। उसकी मां सुजाता ने इस बार फिर से शिकायत दर्ज कराई। मां का कहना है कि पीड़िताओं में उनकी बेटी भी शामिल हो सकती है। अब इस गवाह के सामने आने से जैसे ही पूरे मामले के खुलने की उम्मीदें बढ़ने लगी हैं। सुजाता की मां इंसाफ की आस लिए फिर से धर्मस्थल पुलिस के पास फरियाद लेकर पहुंची। इस बार फर्क साफ नजर आया। धर्मस्थल के एसपी ने सुजाता मिसिंग केस में एफआईआर दर्ज कर जांच का भरोसा दिया है।
आपको बता दें कि सौजन्या, अनन्या, नारायण और यमुना, वेदावल्ली, पद्मलता, यूडीआर फॉरेस्ट और लॉड्ज डेथ केस। उन सैकड़ों रेप, मर्डर, गुमशुदगी के केसों में से हैं जिनका सच आजतक बाहर नहीं आया। तो क्या अब इस एक गवाह के सामने आने से तमाम गड़े मुर्दे बाहर आएंगे? एडवोकेट्स के एक समूह ने अदालत में याचिका दायर कर आरोप लगाया कि शिकायतकर्ता द्वारा दिए गए गोपनीय बयानों को एक यूट्यूबर को लीक कर दिया गया है और इससे गवाहों की सुरक्षा और जांच को लेकर चिंता खड़ी हो गई है। हाल ही में मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा कि सरकार किसी दबाव में नहीं है और तथ्यों के आधार पर कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने आश्वासन दिया कि जांच सही ढंग से आगे बढ़ेगी। दक्षिण कन्नड़ के जिला प्रभारी मंत्री दिनेश गुंडू राव ने कहा कि मामले की जांच पारदर्शी तरीके से की जाएगी और किसी भी व्यक्ति को बचाया नहीं जाएगा।
जिस धर्मस्थल और उसके आसपास के गांव के बारे में इस सफाई कर्मचारी ने सनसनीखेज खुलासा किया है, वो धर्मस्थल मंदिर मैंगलुरु के पास नेत्रावदी नदी के किनारे बसा एक बेहद प्राचीन मंदिर है। इस मंदिर की जो सबसे खास बात है वो ये कि इस मंदिर में पूजा तो हिंदू पंडित करते हैं लेकिन मंदिर का संचालन जैन धर्म के लोगों के पास है। शिकायत में इस नकाबपोश चश्मदीद ने बिना नाम लिए साफ-साफ ये लिखा है कि इस पूरी साजिश में जो लोग शामिल हैं वो सभी धर्मस्थल मंदिर एडमिनिस्ट्रेशन से जुड़े हैं या दूसरे स्टाफ हैं। यही वो लोग हैं जो उसे लगातार धमकी देते हैं। शिकायती पत्र में इसलिए उनके नाम उजागर नहीं कर रहा है क्योंकि इनमें से कुछ लोग ना सिर्फ बेहद प्रभावशाली हैं बल्कि उनका इतिहास रहा है कि जिन लोगों ने भी उनका विरोध किया वो मारे गए। धर्मस्थल का अपना स्कूल और कॉलेज भी है। इसके अलावा मंदिर में मुफ्त खाना भी खिलाते हैं। ये देश के न सिर्फ प्राचीन मंदिरों में से एक है बल्कि देश के सबसे अमीर मंदिरों में से भी एक है। (हिफी)