20 साल पुराने मामले में दो दोषियों को आजीवन कारावा

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लखनऊ। मेडिकल रिप्रजेंटेटिव कुणाल चतुर्वेदी का अपहरण करके उसकी नृशंस हत्या के 20 साल पुराने मामले में एडीजे राहुल मिश्रा ने दो दोषियों रहनुर्रहमान और कासिफ को उम्रकैद और 19-19 हजार रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई है। साथ ही 19-19 हजार रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई है।
पीड़ित इंद्रभूषण चतुर्वेदी ने अलीगंज थाने में 18 अक्तूबर 2005 को बेटे कुणाल के लापता होने की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। कुणाल 15 अक्तूबर को घर से निकला था, पर लौटा नहीं। बाद में एक और रिपोर्ट दर्ज कराकर अपहरण व हत्या की आशंका जताई थी। पुलिस ने कुणाल की बाइक से घूमते मिले रहनुर्रहमान व कासिफ को पकड़ा। पूछताछ में पता चला कि दोनों 15 अक्तूबर को कुणाल को गाड़ी बेचने के बदले 50 हजार रुपये दिलाने की बात कहकर रसूलपुर ले गए। वहां डरा-धमका कर उसके डेबिट कार्ड का पासवर्ड जान लिया। फिर कुणाल की गर्दन रेत दी और सिर पर हथौड़ा मारकर हत्या कर दी।
कुणाल का शव उन्नाव के समदपुर गांव के पास फेंक दिया था। कुणाल का डेबिट कार्ड, पर्स व बाइक लेकर चले आए। डेबिट कार्ड से चार दिन में 60 हजार रुपये निकाल लिए। इसके बाद पर्स व डेबिट कार्ड जला दिया था।
उन्नाव की हसनगंज पुलिस को 16 अक्तूबर को जंगल में एक लाश मिली थी। शिनाख्त न होने पाने पर लावारिस में अंतिम संस्कार कर दिया गया था। बाद में कपड़े और अन्य सामान के जरिये वादी ने शिनाख्त अपने बेटे के रूप में की थी।