सम-सामयिक

यूपी में जल परिवहन व पर्यटन

 

आजकल गर्मी में पहाड़ों पर जनसैलाब उमड़ रहा है जिससे वहां अव्यवस्था जैसी स्थिति उत्पन्न हो गयी है। गर्मी में योगी आदित्यनाथ की सरकार बनने के बाद जल परिवहन और जल पर्यटन को विशेष रूप से बढ़ावा दिया गया है। इसके लिए देश मंे एक अलग से विभाग बनाया गया है। देश भर मंे सौ से ऊपर राष्ट्रीय जलमार्ग हैं। उत्तर प्रदेश मंे गंगा-यमुना समेत अन्य नदियों मंे 11 राष्ट्रीय जलमार्ग हैं। नदियों के सहारे सैर सपाटे का आनंद मिल रहा है। बनारस मंे गंगा जी की लहरों पर पर्यटन तो काफी पहले से चल रहा था, अब प्रयाग राज मंे संगम पर भी जल पर्यटन की आकर्षक सुविधा मिल रही है। भारत सरकार की एक रिपोर्ट के अनुसार अन्तर्देशीय जल परिवहन (आईडब्ल्यूटी) परिवहन का सबसे किफायती साधन है। कोयला, सीमेंट, लौह, अयस्क, खाद्यान्न और उर्वरक आदि की ढुलाई सस्ते में की जा सकती है। यूपी की सरकार जल मार्गों को मजबूत कर रही है और पर्यटन को भी बढ़ावा दे रही है।

प्रयागराज में नैनी ब्रिज के पास गऊ घाट पर बोट क्लब स्थित है । यहां आप गोवा जैसे बोटिंग सस्ते दाम पर कर सकेंगे। पहले बीच पर घूमने व बोटिंग जैसे पर्यटन का मजा लेने के लिए अपने शहर से दूर समुद्र तटीय राज्यों की सैर करना पड़ती थी। वहीं, अब यह सुविधा प्रयागराज में भी मौजूद है जहां बड़ी संख्या में पर्यटक आ रहे हैं। गऊघाट पर स्थित बोटिंग क्लब से लोगों की सुविधाओं के लिए कई प्रकार के वोट उपलब्ध होते हैं जिसमें गंगोत्री बोट, त्रिवेणी बोट, यमुना यमुना बोट आदि होते हैं। हर बोट में लोगों की बैठने की क्षमता अलग-अलग होती है। क्षमता के अनुसार ही इन बोट में सवारी करने का शुल्क भी निर्धारित किया जाता है। यह बोट क्लब आम लोगों के लिए सुबह 11.30 बजे से शाम 5 बजे तक खुला रहता है। इस बोर्ड क्लब में क्रूज के साथ पैडल बोट भी उपलब्ध हैं। इसके लिए निर्धारित शुल्क चुकाना होता है। कालिंदी बोट पर 28 लोग सवारी कर सकते हैं। वही गंगा बोट, भागीरथी बोट, जाह्नवी और पैडल बोट के साथ क्रूज भी उपलब्ध है। यहां बोटिंग करने के लिए दिन भर लोगों का जमावड़ा लगा रहता है। पैदल बोट के साथ ही सभी प्रकार के बोट पर नाविक मिलता है जो लोगों को सुरक्षित बोटिंग कराता है। कालिंदी बोट का एक घंटे का किराया 10 हजार रुपये है। यहां पर बोटिंग करने से पहले किराया जरूर जान लें। कालिंदी बोट का 10 हजार, जबकि 12 सीट वाली जमुना सरस्वती बोट का चार हजार रुपये बोट क्लब की ओर से निर्धारित किया गया है। भागीरथी बोट छह सीट वाली है, जिसका किराया चार हजार रुपये प्रति घण्टे है। पैडल बोट का चार सौ रुपये प्रति घंटा चार्ज लगता है। इस प्रकार बोट क्लब की ओर से पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए सुरक्षा का विशेष ध्यान दिया जाता है।

उत्तर प्रदेश में जल परिवहन और जल पर्यटन को सरकार बढ़ावा देने जा रही है। देशभर में कुल 111 राष्ट्रीय जलमार्ग हैं जिनमें से यूपी में गंगा-यमुना सहित अन्य नदियों में कुल 11 राष्ट्रीय जलमार्ग हैं। प्राधिकरण के गठन होने के बाद प्रदेश में सस्ता परिवहन उपलब्ध कराने में मदद मिलने वाली है। इसके साथ ही जल परिवहन, जल पर्यटन और पोत परिवहन, नौवहन के क्षेत्र में विकास, विनियमन और पर्यावरणीय सुरक्षा को बढ़ावा मिलेगा। प्रदेश में अंतर्देशीय जल मार्ग प्राधिकरण बन जाने के बाद अपने प्रदेश के उत्पादों को बेहतर तरीके से और सस्ती दरों पर उनको अन्य राज्यों और दूसरे देशों में निर्यात करने की सुविधा उपलब्ध होगी। इस प्राधिकरण के बनने से प्रदेश के उत्पादों को एक शहर से दूसरे शहर, वहीं उत्तर प्रदेश से बाहर प्रदेशों में भी भेजा जा सकेगा। इसके साथ ही विदेश में निर्यात के लिए भी इनका इस्तेमाल हो सकेगा। इन जलमार्गों पर पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। नदी के किनारे बसे शहरों पर आने वाले समय में जलमार्ग के माध्यम से पर्यटक भी घूम सकेंगे।
जानकारी के मुताबिक इन क्षेत्रों में विशेषज्ञ और व्यावसायिक अनुभव वाले व्यक्ति को प्राधिकरण का उपाध्यक्ष बनाया जाएगा। वहीं परिवहन आयुक्त प्राधिकरण के सीईओ बनाए जाएंगे।इसके साथ ही लोक निर्माण विभाग, परिवहन विभाग, सिंचाई विभाग, वित्त विभाग, पर्यटन एवं संस्कृति विभाग, जल संसाधन विभाग, वन एवं पर्यावरण विभाग के अपर मुख्य सचिव या प्रमुख सचिव प्राधिकरण के पदेन सदस्य होंगे।

उत्तर प्रदेश में सड़कों का तेजी से जाल बिछाया जा रहा है। राज्य में 13 एक्सप्रेसवे बन रहे हैं, जिनमें से 6 बनकर तैयार हो गए हैं। सड़कों का जाल बिछाने के साथ ही यूपी सरकार की योजना अब प्रदेश की नदियों के माध्यम से भी राज्य के एक हिस्से से दूसरे हिस्से को जोड़ने की है। इन नदियों का इस्तेमाल अंतर्देशीय जलमार्ग के तौर पर करने की योजना को सिरे चढ़ाने के लिए अब अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण स्थापित किया जाएगा। जलमार्ग प्राधिकरण में परिवहन, सिंचाई और पर्यटन विभागों के अधिकारी शामिल होंगे। संभावित जलमार्गों के सर्वेक्षण का काम परिवहन विभाग के अधिकारियों को सौंपा गया है।

प्रदेश की नदियों के जलमार्ग के रूप में बदलने से न केवल मालढुलाई के लिए एक नया विकल्प मिलेगा साथ ही लोगों को भी एक स्थान से दूसरे स्थान तक आने-जाने के लिए एक नया परिवहन विकल्प मिल जाएगा। साथ ही इससे राज्य में पर्यटन को भी बढ़ावा मिलने की पूरी उम्मीद है। सरकार फिलहाल आठ नदियों को अंतर्देशीय जलमार्ग के तौर पर इस्तेमाल करने और इसके लिए एक अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण स्थापित करने की योजना पर काम कर रही है। राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों ने पुष्टि की है कि यमुना, गोमती, अस्सी, घाघरा, राप्ती, बेतवा, चंबल और वरुणा सहित आठ नदियों को माल ढुलाई और परिवहन के लिए जलमार्ग के तौर पर इस्तेमाल करने का इरादा है। यह कदम मैरीटाइम इंडिया विजन (डप्ट)-2030 का हिस्सा है, जिसमें 2030 तक अंतर्देशीय जल परिवहन की हिस्सेदारी को पांच प्रतिशत तक बढ़ाने की परिकल्पना की गई है। भारतीय जनता पार्टी नीत केंद्र सरकार के इस महत्वाकांक्षी लक्ष्य पर काम पहले ही शुरू हो चुका है। उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली भारतीय जनता पार्टी की सरकार का लक्ष्य इस योजना को बढ़ावा देना है। राज्य के परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह ने बताया, ‘‘हम नदियों को जनता के लिए और अधिक उपयोगी बनाने का प्रयास कर रहे हैं। जलमार्ग विकसित करने की योजना इसी दिशा में एक कदम है।” (हिफी)

(मोहिता-हिफी फीचर)

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