लेखक की कलम

प्रियंका के लिए आसान नहीं वायनाड

(अशोक त्रिपाठी-हिफी फीचर)
पहली बार जनादेश लेने मैदान में उतर रहीं प्रियंका गांधी वाड्रा को केरल के वायनाड में जबर्दस्त चुनौती मिलेगी। कांग्रेस के साथ पश्चिम बंगाल में मिलकर लोकसभा चुनाव लड़ने वाली कम्युनिस्ट पार्टी आफ इंडिया (सीपीआई) ने वायनाड में प्रियंका गांधी वाड्रा के खिलाफ दिग्गज सत्येन मोकेरी को मैदान में उतारा है। भाजपा के उम्मीदवार से भी प्रियंका गांधी को टक्कर मिलेगी। कांग्रेस ने काफी विचार मंथन के बाद 16 अक्टूबर को प्रियंका गांधी वाड्रा को केरल के वायनाड से लोकसभा उप चुनाव में उम्मीदवार घोषित किया है। यह सीट प्रियंका के भाई राहुल गांधी के वहां से इस्तीफा देने के बाद खाली हुई है। राहुल गांधी ने रायबरेली और वायनाड दोनों सीटों से चुनाव लड़ा था और दोनों जगह उनको विजयीश्री मिली। उसी समय कहा जा रहा था कि राहुल गांधी वायनाड की सीट से इस्तीफा देंगे और प्रियंका गांधी वहां से चुनाव लड़ेंगी। अब पार्टी ने बहुत सोच-समझकर प्रियंका को चुनाव मैदान में उतारा है। इस प्रकार कांग्रेस ने राष्ट्रीय राजनीति के साथ केरल के समीकरण साधने का प्रयास किया है। केरल में 2026 में विधानसभा के चुनाव होने हैं। पार्टी के अंदर लम्बे समय से यह मांग उठती रही कि प्रियंका को अब चुनाव मैदान में उतरना चाहिए लेकिन श्रीमती सोनिया गांधी की हरी झंडी नहीं मिल रही थी। वर्ष 2022 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में भी यह मांग जोरदार तरीके से उठाई गयी थी कि प्रियंका गांधी को सीएम पद का चेहरा घोषित कर चुनाव लड़ाया जाए लेकिन पार्टी नेतृत्व ने योगी आदित्यनाथ की लोकप्रियता को भांपकर प्रियंका को मैदान में ही नहीं उतारा। अब वायनाड से वह चुनाव लड़ेंगी।
केरल की वायनाड लोकसभा सीट को गांधी परिवार का गढ़ बनाने में जुटी कांग्रेस की राह आसान नहीं दिख रही है। लेफ्ट की सीपीआई और राइट की बीजेपी यहां से मजबूत उम्मीदवार उतारकर प्रियंका के पहले ही चुनाव में खेल करना चाहती है। सीपीआई ने उम्मीदवार की घोषणा भी कर दी है। केरल की वायनाड लोकसभा सीट 2019 में सियासी सुर्खियों में तब आयी थी, जब कांग्रेस के तत्कालीन अध्यक्ष राहुल गांधी ने यहां से पर्चा दाखिल किया था। राहुल इस चुनाव में अपने परंपरागत अमेठी सीट से हार गए, जबकि वायनाड में उन्हें जीत मिली और इसी के बूते वे सांसद बने रहे।
अब केरल की वायनाड सीट से प्रियंका गांधी को कांग्रेस ने मैदान में उतारा है।वायनाड से 2024 में राहुल गांधी चुनाव जीतकर सदन पहुंचे थे, लेकिन राहुल ने रायबरेली को अपने पास रखते हुए वायनाड सीट छोड़ दी। प्रियंका पहली बार कोई चुनाव लड़ रही है। प्रियंका तक संगठन का काम देख रही थीं। वायनाड सीट पर प्रियंका की राह आसान नहीं है। इसकी 2 मुख्य वजहें हैं- पहली यह कि राहुल गांधी की वजह से वायनाड में फिर से चुनाव हो रहे हैं। वायनाड के पास करीब 6 महीने से अपना सांसद नहीं है। विपक्षी पार्टी इसे मुद्दा बना रही है। 2024 के चुनाव में राहुल गांधी की जीत की मार्जिन में कमी आई है। राहुल 2019 में 4 लाख 19 हजार से जीते थे लेकिन 2024 में यह 3 लाख 64 हजार रह गया। वायनाड की सीट लेफ्ट की सीपीआई के पास गई है। 2024 में सीपीआई ने यहां से राष्ट्रीय सचिव डी राजा की पत्नी एन्नी राजा को मैदान में उतारा था।इस बार सीपीआई ने स्थानीय और मजबूत नेता सत्यन मोकेरी को मैदान में उतारा है। सत्यन मोकेरी कोझिकोड के नादापुरम से 3 बार विधायक रह चुके हैं। उन्हें केरल की लेफ्ट सियासत में मजबूत नेता माना जाता है। छात्र राजनीति से करियर की शुरुआत करने वाले मोकेरी अखिल भारतीय किसान सभा के उपाध्यक्ष रहे हैं। मोकेरी के जरिए सीपीआई वायनाड में स्थानीय सांसद देने का आह्वान कर रही है।मोकेरी के नाम की घोषणा करते हुए सीपीआई के स्टेट सेक्रेटरी बिनॉय विश्वम ने कहा कि इंदिरा गांधी की तरह ही प्रियंका गांधी भी चुनाव हारेंगी। बिनॉय विश्वम के मुताबिक मोकेरी वायनाड के लिए सबसे राइट यानी सही उम्मीदवार हैं।
2024 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी को केरल की वायनाड सीट पर 13 प्रतिशत वोट मिले थे। इस वोट प्रतिशत को बढ़ाने के लिए बीजेपी भी वायनाड में मजबूत उम्मीदवार खोज रही है। राहुल गांधी के मुकाबले बीजेपी ने के सुरेंद्रन को मैदान में उतारा था। इस बार अब तक बीजेपी ने नामों की घोषणा नहीं की है।केरल के स्टेट सेक्रेटरी एमटी रमेश ने कहा कि हम समय आने पर सही उम्मीदवार घोषित करेंगे। बीजेपी के भीतर महिला उम्मीदवारों के नाम पर मंथन हो रहा है। कहा जा रहा है कि पार्टी किसी स्थानीय महिला को उम्मीदवार बना सकती है। सन् 2008 के परिसीमन में केरल की वायनाड सीट अस्तित्व में आया। वायनाड, कोझिकोड और मल्लपुरम जिले की विधानसभा सीट को मिलाकर इस वायनाड का गठन किया गया है। इस सीट से 2009 और 2014 में कांग्रेस के एमएन शानवास जीते। 2019 में शानवास ने राहुल गांधी के लिए यह सीट रिक्त कर दी। 2019 और 2024 में राहुल यहां से जीतकर संसद पहुंचे। वायनाड सीट पर 40 फीसद मुस्लिम और 20 फीसद ईसाई है। इसके बाद यहां 9.8 फीसद आदिवासी और करीब 7 फीसद दलित हैं। केरल की वायनाड लोकसभा के अधीन विधानसभा की 7 सीटें हैं। 2021 के केरल विधानसभा चुनाव में इनमें से 3 पर कांग्रेस, 2 पर सीपीएम और एक-एक पर आईयूएमएल और निर्दलीय को जीत मिली। वायनाड लोकसभा सीट पर हो रहे उपचुनाव के लिए नामांकन प्रक्रिया शुरू हो गई है और 13 नवंबर को इस सीट पर मतदान कराए जाएंगे। 23 नवंबर को वोटों की गिनती होगी। वायनाड सीट पर कांग्रेस के प्रियंका गांधी का सीधा मुकाबला सीपीआई के सत्यन मोकेरी से ही होगा।बीजेपी के उम्मीदवार यहां मुकाबला को त्रिकोणीय बनाने के लिए उतरेंगे।
केरल का वायनाड शहर अपनी सांस्कृतिक विरासत और परंपरा के लिए काफी मशहूर है।ये एक अहम लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र भी है।वायनाड में वल्लियूर केवु भगवती मंदिर और अन्य महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल बहुत प्रसिद्ध हैं, जिनकी धार्मिक मान्यताएं हैं।वायनाड अनुसूचित जनजातियों की सबसे बड़ी आबादी के आवास के लिए जाना जाता है।जिले के मूल आदिवासी पनियास, कुरुमास, अडियार, कुरिच्या, ओरालिस, कट्टुनैक्कन और उराली कुरुमास जैसे विभिन्न संप्रदायों से संबंधित पिछले 30 जुलाई को केरल के वायनाड में बड़ी प्राकृतिक आपदा आई थी।यहां आए भूस्खलन में 200 लोगों की मौत हो गई। कई गांव तबाह हो गए। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने यहां के पीड़ितों की मदद के लिए अपना एक माह का वेतन दान दे दिया। राहुल गांधी ने एक महीने की सैलरी यानी 2.3 लाख की मदद राशि केरल प्रदेश कांग्रेस कमेटी के खाते में दान दी है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी केरल के वायनाड में भूस्खलन प्रभावित इलाकों का दौरा किया।इस दौरान उन्होंने राहत शिविरों और अस्पतालों में भूस्खलन से प्रभावित लोगों से मुलाकात की।पीएम ने कहा कि यह त्रासदी सामान्य नहीं है।मैंने जाकर प्रकृति का रौद्र रूप देखा।पीएम मोदी ने कहा कि जिन परिजनों ने अपना स्वजन खोए हैं उसकी पूर्ति करना तो हम मनुष्यों के लिए संभव नहीं है लेकिन यह सुनिश्चित करना हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है कि उनका भविष्य और उनके सपने न टूटें।पीएम ने कहा कि दुख की इस घड़ी में राज्य-केंद्र सरकार और सभी देशवासी उनके साथ हैं। इस प्रकार वायनाड की जनता इस बार किसको अपना आशीर्वाद देगी, यह कहना अभी मुश्किल है। (हिफी)

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