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सोशल इंजीनियरिंग में भी सिद्धहस्त

(मनीषा स्वामी-हिफी फीचर)

आजमगढ़ से इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने वाले गांव के एक सीधे-सादे किन्तु दृढ़ निश्चयी युवक को क्या पता था कि उसे मैकेनिकल इंजीनियरिंग की जगह सोशल इंजीनियरिंग मंे अपनी बुद्धि लगानी पड़ेगी। बिजनौर जिले के नगीना तहसील के हरनंगला गांव मंे पैदा हुए धर्मपाल सिंह मौजूदा समय मंे उत्तर प्रदेश जैसे देश के सबसे बड़े राज्य मंे भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय महामंत्री (संगठन) 2024 लोकसभा चुनाव के लिए मिशन-80 को सफल बनाने मंे जुटे हुए हैं। उत्तर प्रदेश में भाजपा को 2019 के लोकसभा चुनाव मंे 64 सांसद मिले थे। सपा-बसपा ने जिन 15 सीटों पर सफलता प्राप्त की थी, उनको भाजपा की झोली मंे कैसे डाला जाए, इसके लिए यूपी मंे भाजपा के महामंत्री संगठन धर्मपाल सिह बूथ स्तर पर कार्यकर्ताओं की टीम को मजबूत कर रहे हैं। वह बहुत बारीकी से पार्टी के महा जनसम्पर्क अभियान पर नजर रखे हुए हैं और वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से प्रदेश अध्यक्ष भूपेन्द्र चैधरी के साथ कार्यकर्ताओं की समस्याओं का समाधान करते हैं। कार्यकर्ताओं के साथ टिफिन बैठक भी कर रहे हैं। सरकार और संगठन में बेहतर तालमेल बना रहे, इसके लिए धर्मपाल सिंह प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से भी निरंतर संवाद बनाए रखते हैं। करीब 32 वर्षों तक धर्मपाल सिंह ने विभिन्न दायित्वों का सफलतापूर्वक निर्वहन किया है। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से उन्हंे दीक्षा मिली है।
लोकसभा चुनाव 2024 की तैयारियों के बीच यूपी बीजेपी के संगठन महामंत्री का दायित्व मिलने के बाद धर्मपाल सिंह जब पहली बार पार्टी कार्यालय पहुंचे तभी उन्होंने अपने इरादे जाहिर कर दिये थे। राज्यभर के पदाधिकारियों के साथ उनकी पहली बैठक हुई जिसमें परिचय की औपचारिकता के साथ ही पदाधिकारियों को चुनावी तैयारी के लिए मार्गदर्शन भी दिया। इसमें सभी प्रदेश पदाधिकारी, काशी, ब्रज, पश्चिम और गोरखपुर क्षेत्र के अध्यक्ष और महामंत्री, सभी संगठनात्मक जिलों के अध्यक्ष और प्रभारी बुलाए गए थे। बीजेपी ने संगठन में बड़े बदलाव करते हुए सुनील बंसल को प्रोन्नत कर राष्ट्रीय महासचिव बना दिया और झारखंड के प्रदेश महामंत्री संगठन धर्मपाल सिंह को बंसल के स्थान पर यूपी का जिम्मा सौंपा है।
धर्मपाल सैनी के सामने सबसे बड़ा लक्ष्य 2024 का लोकसभा चुनाव है और माना जा रहा है कि ये राह इतनी आसान नहीं है। 2024 लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने उत्तर प्रदेश में 80 में 80 सीटें जीतने का जो लक्ष्य रखा है। 2014 और 2019 में जब बीजेपी ने यूपी में शानदार सफलता हासिल की थी तब भी 80 सीट जीत पाने का सपना अधूरा रह गया था। वहीं 2024 तक सरकार के खिलाफ जो एन्टी इनकंबेंसी का माहौल होगा उससे निपटना भी एक बड़ी चुनौती होगी। साथ ही साथ सांसदों के क्षेत्र में लोगों की जो नाराजगी है, उसे कैसे कम करेंगे यह भी काफी महत्वपूर्ण हो जाता है। पार्टी के संगठनात्मक विस्तार में जाति और क्षेत्रीय समीकरण के संतुलन को बनाए रखना भी एक बड़ी चुनौती है। ध्यान रहे 2022 के विधानसभा चुनाव में ऐसा भी देखने को मिला था कि ओबीसी का एक बड़ा तबका पार्टी से संतुष्ट नहीं था ऐसे में धर्मपाल सिंह उन्हें अपने साथ कैसे लाएंगे यह भी देखना होगा। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में सपा और आरएलडी का गठबंधन और किसानों का लगातार विरोध भी लोकसभा चुनाव में अहम मुद्दा होगा। जब बोर्ड निगम में कार्यकर्ताओं का एडजस्टमेंट किया जाएगा तब कार्यकर्ता असंतुष्ट न हों यह भी काफी महत्वपूर्ण होगा। इसके अलावा सहयोगी दल भी इससे कहीं नाराज न हों, यह भी एक बड़ी चुनौती होगी। इन सबके अलावा सबसे बड़ी चुनौती सरकार और संगठन के बीच सामंजस्य बनाकर रखने की है। शहरी निकाय चुनाव में शानदार जीत हासिल कर धर्मपाल सिह ने साबित कर दिया कि उनकी टीम लक्ष्य की तरफ बढ़ रही है।
एक छोटे से गांव और साधारण परिवार से ताल्लुक रखने वाले धर्मपाल सिंह को यूपी में एक बड़ी जिम्मेदारी मिली है। बीजेपी ने धर्मपाल सिंह को उत्तर प्रदेश में पार्टी संगठन के महामंत्री की जिम्मेदारी सौंपी है। धर्मपाल सिंह बिजनौर जिले के नगीना तहसील के हूर नंगला गांव के रहने वाले हैं। राजनीति से पहले प्रदेश संगठन महामंत्री ने इसी जिले से अपनी शिक्षा पूरी कर राजनीति में हिस्सा लिया। धर्मपाल ने राजनीति की शुरुआत देहरादून से की और आरएसएस में शामिल होकर देश सेवा में लग गए। बिजनौर जिले के नगीना तहसील के हूर नगला गांव के रहने वाले धर्मपाल सिंह इसी गांव में पैदा हुए थे। धर्मपाल सिंह ने गांव के निकट भुरापुर से अपनी औपचारिक शिक्षा की शुरुआत की थी। साथ ही हाईस्कूल और इंटर की शिक्षा दीक्षा उन्होंने नगीने के हिंदू इंटर कॉलेज से पूरी की है। बाद में उन्होंने आजमगढ़ से मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई भी करी है।
धर्मपाल सिंह के पिता रामस्वरूप का काफी समय पहले देहांत हो चुका है जबकि माता भागवती अभी भी परिवार के साथ रह रही हैं। अगर हम धर्मपाल सिंह के परिवार की बात करें तो धर्मपाल सिंह अपने परिवार में भाई-बहनों के बीच तीसरे नंबर के व्यक्ति हैं। धर्मपाल सिंह के परिवार में कुल चार भाई दो बहने हैं जिसमें की एक बहन की मृत्यु हो चुकी है। धर्मपाल सिंह के बड़े भाई खजान सिंह किसानी खेती करके परिवार का गुजर-बसर कर रहे हैं। वहीं दूसरे भाई आनंदपाल सिंह बिजनौर में एक निजी स्कूल में शिक्षक के पद पर तैनात हैं जबकि चैथे नंबर के भाई यशपाल सिंह ठेकेदारी का काम कर रहे हैं। धर्मपाल सिंह सैनी के प्रदेश संगठन महामंत्री बनाए जाने पर जहां परिवार के लोगों ने खुशी जाहिर की तो वहीं क्षेत्र में भी खुशी का माहौल देखा गया था। धर्मपाल सिंह की मां की माने तो उनका कहना है कि देश की सेवा के लिए उन्होंने शिक्षा भी एकांत में करके देश हित को आगे बढ़ाने का काम किया है। देशहित के चलते उन्होंने अभी तक शादी भी नहीं की। उधर परिवार वालों का कहना है कि शुरू से ही शिक्षा के साथ-साथ वह राजनीति में काम करते रहे हैं। उन्होंने राजनीति में जाकर देशहित में काम करने का काम किया है।
धर्मपाल सिंह सैनी समाज से आते हैं। जनपद बिजनौर में लगभग दो लाख से ज्यादा सैनी समाज के लोग हैं।सैनी समाज बीजेपी के वोटर है, संगठन व्यवस्था को दुरस्त करने के लिये इन लोगों को लगाया जाता है। पार्टी को मजबूत करने के लिये संगठन द्वारा किस तरीके से काम लेना है, उसका फैसला इनके द्वारा लिया जाता है। धर्मपाल सिंह पहले अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद में भी रह चुके हैं। इस प्रकार संगठन का प्रशिक्षण छात्र जीवन से ही मिला था। (हिफी)

 

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