कहां राजा भोज, कहां गंगू तेली

(अशोक त्रिपाठी-हिफी फीचर)
जात-पांत को लेकर कोई बुरा न माने। हम यहां एक बहुत पुरानी कहावत का उल्लेख कर रहे हैं। यह कहावत कहां से पैदा हुई, इसका भी कोई प्रामाणिक इतिहास नहीं है लेकिन हमारे देश में उज्जैन नामक नगर आज भी है जहां आदिदेव महादेव भगवान शंकर का महाकाल भैरव मंदिर विश्व प्रसिद्ध है। महाकाल मंदिर मंे प्रतिदिन ब्रह्म मुहूर्त मंे चिता भस्म आरती होती है और भस्म प्रातःकाल जली चिता से ही लायी जाती है। इसी महानगरी मंे महाप्रतापी राजा भोज हुए थे जिनको सर्वगुण सम्पन्न राजा कहा जाता है। जाहिर है कि ऐसे महाप्रतापी राजा के सामने सामान्य व्यक्ति खड़ा होने की जुर्रत करे तो उसी के लिए कहा जाता है- कहां राजा भोज, कहां गंगू तेली।
ऐसा ही वाक्या पिछले दिनों तुर्किए की राजधानी अंकारा में देखने को मिला। भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अभी हाल मंे कुछ महत्वपूर्ण संगठनों की बैठक मंे भाग लेने के लिए जापान और अफ्रीकी देशों की यात्रा पर गये थे। यहां सभी राष्ट्राध्यक्षों ने पीएम मोदी का पलक पावड़े बिछाकर स्वागत किया। तोक्यो मंे जी-7 शिखर सम्मेलन मंे तो अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन पीएम मोदी की सीट तक चलकर आए और गले मिले। ऐसा लग रहा था कि विकसित देशों के राष्ट्राध्यक्ष भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से गले मिलकर स्वयं को गौरवान्वित समझ रहे हैं। पापुआ न्यूगिनी के पीएम ने तो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के पैर छूकर आशीर्वाद लिया। इसके बाद मोदी ने उन्हंे गले लगाया। यही सब देखकर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ तुर्किए के राष्ट्रपति एर्दोगन से गले मिलने लगे लेकिन एर्दोगन ने उन्हें लगभग झटक दिया। सिर्फ कंधे का स्पर्श हो पाया।
तुर्किए में हाल ही में राष्ट्रपति चुनाव हुए, इस चुनाव में रेसेप तैयप एर्दोगन ने लगातार तीसरी बार जीत हासिल की। ये उनकी किसी भी तरह के चुनाव में लगातार 11वीं जीत थी। इसके बाद 3 जून को एर्दोगन ने तुर्किए के 12वें राष्ट्रपति के तौर पर शपथ ली। उनके शपथ ग्रहण समारोह में दुनिया भर के नेता शामिल हुए थे। इसमें पाकिस्तान के पीएम शहबाज शरीफ भी शरीक हुए थे। पाकिस्तान के पीएम शहबाज शरीफ भारत के पीएम नरेंद्र मोदी की नकल करते नजर आए। अर्थात् मोदी की तरह अपना कद समझ लिया। पाकिस्तानी पीएम शहबाज शरीफ ने तुर्किए के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन को गले लगाने की कोशिश की, लेकिन एर्दोगन ने शहबाज शरीफ के तरीके को नजरअंदाज कर दिया और सिर्फ कंधे को सटाकर छोड़ दिया। इसी वाक्ये से जुड़ा वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हुआ। इस वीडियो पर कई लोगों ने शहबाज शरीफ की हरकत का मजाक भी उड़ाया। कुछ लोग यहां तक कहने लगे कि शहबाज और मोदी के कद में अभी कहां राजा भोज, कहां गंगू तेली का अंतर है।
पाक पीएम शहबाज का ये तरीका सोशल मीडिया यूजर्स को कतई पसंद नहीं आया। उन्होंने कहा कि तुर्किए के राष्ट्रपति एर्दोगन को पता है कि शहबाज जबरदस्ती उनके गले पड़ने की कोशिश कर रहे हैं। एक इंडियन यूजर ने वीडियो पर कमेंट करते हुए कहा कि एर्दोगन इग्नोर कर रहे हैं। उनको जबरदस्ती उनकी बात सुननी पड़ रही है, जिसका वो जवाब नहीं देना चाहते है और शायद शहबाज शरीफ उनके कान में पैसे मांगने की बात कर रहे हैं।
तुर्किए के लगातार तीसरी बार राष्ट्रपति बनने पर दुनियाभर के नेताओं ने एर्दोगन को बधाई दी थी। हालांकि, इस बार का उनके लिए राष्ट्रपति चुनाव जीतना आसान नहीं था। इस बार उनका सामना तुर्किए के गांधी कहे जाने वाले कमाल कलचदारलू से था, जिसकी वजह से चुनाव का फैसला दूसरी बार के मतदान के बाद हुआ। एर्दोगन को एक कट्टर इस्लामिक अनुयायी माना जाता है। उन्होंने पाकिस्तान का कश्मीर मुद्दे पर साथ भी दिया था।
ध्यान रहे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पापुआ न्यू गिनी पहुंचने पर भव्य स्वागत किया गया। एयरपोर्ट पर पापुआ न्यू गिनी के प्रधानमंत्री जेम्स मारापे ने पीएम मोदी की अगवानी की। पीएम मोदी जापान के हिरोशिमा में जी-7 शिखर सम्मेलन और क्वाड शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के बाद पापुआ न्यू गिनी पहुंचे थे। पापुआ न्यू गिनी के प्रधानमंत्री जेम्स मारापे ने पीएम मोदी का पैर छूकर स्वागत किया। इसके बाद पीएम मोदी ने उन्हें गले लगा लिया और उनकी पीठ थपथपाई।पापुआ न्यू गिनी के पीएम मरापे ने ऐसे ही पीएम नरेंद्र मोदी का पैर नहीं छू लिया। इसके पीछे भारत का दुनिया में बढ़ता कद है। मोदी का स्वागत इसलिए भी खास है, क्योंकि इसके लिए पापुआ न्यू गिनी ने अपनी बरसों पुरानी परंपरा तोड़ी है। पापुआ न्यू गिनी में किसी भी मेहमान का स्वागत रात के समय नहीं किया जाता है। लेकिन, पीएम मोदी की वैश्विक साख को देखते हुए पापुआ न्यू गिनी ने अपनी परंपरा तोड़ कर स्वागत किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपति जेम्स मारापे के साथ भारत-प्रशांत द्वीप सहयोग मंच के तीसरे शिखर सम्मेलन में हिस्सा लिया था। यह दौरा इसलिए भी खास माना जा रहा है। पहली बार कोई भारतीय प्रधानमंत्री पापुआ न्यू गिनी गए हैं।
बीजेपी नेता और इंडियन काउंसिल फोर कल्चरल रिलेशन्स (आईसीसीआर) के अध्यक्ष डॉक्टर विनय सहस्त्रबुद्धे ने इस पर लिखा, वैश्विक समुदाय इस तरह से भारत, भारत के नेता और संस्कृति का सम्मान करता है। ओलंपिक मेडल विजेता योगेश्वर दत्त ने लिखा है, अपने व्यक्तित्व से सम्मान कमाना क्या होता है, इसका अद्भुत उदाहरण देखने को मिला जब पापुआ न्यू गिनी के माननीय पीएम ने हमारे माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के पैर छूकर आशीर्वाद लिया।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी आम चुनाव में विजयी हो कर दोबारा तुर्किये के राष्ट्रपति बने रिसेप तैयप एर्दोगन को बधाई दी। एर्दोगन ने बेहद कड़ी प्रतिस्पर्धा में विजय हासिल की है। तुक्रिये ने हाल के वर्षों में कश्मीर के मुद्दे पर लगातार पाकिस्तान के रुख का समर्थन किया है और इस वजह से भारत के साथ उसकी कूटनीतिक तनातनी भी हुई है। इसके बावजूद पीएम मोदी राष्ट्रपति एर्दोगन को सबसे पहले बधाई देने वाले वैश्विक नेताओं में एक रहे।पीएम मोदी ने दोनों देशों के बीच रिश्तों में सुधार की उम्मीद भी जताई है और वैश्विक मुद्दों पर साथ काम करने की बात कही है।पीएम मोदी ने औपचारिक तौर पर यह बधाई दी है जो वैश्विक संबंधों का तकाजा है। सितंबर, 2023 में जी-20 देशों के प्रमुखों की बैठक है और इसमें राष्ट्रपति एर्दोगेन के भारत आने की पूरी उम्मीद है। जी-20 की हाल ही में कश्मीर में हुई बैठक में तुर्किये ने हिस्सा नहीं लिया था लेकिन भारत ने इस पर खास प्रतिक्रिया नहीं दिखाई है। आतंकवाद, डिजिटल ट्रांसमिशन और भ्रष्टाचार जैसे मुद्दे पर तुर्किये बतौर अध्यक्ष भारत के एजेंडे को पूरा समर्थन कर रहा है। (हिफी)