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भिंडी पर सफेद मक्खी कर सकती है हमला

भिंडी जिसे दुनियाभर में लेडी फिंगर और ओकरा के नाम से जाना जाता है स्वाद और पौष्टिकता के लिए प्रसिद्ध है। इसमें प्रोटीन, कैल्शियम, आयरन, और अन्य आवश्यक विटामिन्स होते हैं। लेकिन इस पौष्टिक सब्जी की फसल पर सफेद मक्खी का हमला किसानों के लिए एक गंभीर समस्या बन गया है। कृषि विशेषज्ञों के अनुसार सफेद मक्खी भिंडी की फसल को बड़े पैमाने पर नुकसान पहुंचा रही है। ये कीट, जो आमतौर पर सफेद या हल्के पीले रंग के होते हैं पत्तियों के नीचे छिपकर पौधे का रस चूसते हैं, जिससे पौधा कमजोर हो जाता है। इसके परिणामस्वरूप फसल में 10 से 50 प्रतिशत तक की हानि हो सकती है।
विशेषज्ञों ने सफेद मक्खी के प्रकोप को नियंत्रित करने के लिए कुछ प्रभावी उपाय सुझाए हैंसफेद मक्खी की शुरुआत में कीटनाशकों का उपयोग प्रभावी हो सकता है, हालांकि यह ध्यान रखना जरूरी है कि कीट समय के साथ प्रतिरोधी हो सकते हैं।
40 ग्राम प्रति हेक्टेयर की मात्रा में दो बार छिड़काव करने से वायरस के प्रभाव को कम किया जा सकता है। साथ ही खेत को खरपतवार से मुक्त रखना आवश्यक है।
भिंडी के फूल आने से पहले और बाद में एक मिलीलीटर प्रति लीटर पानी की दर से छिड़काव करने से रोग का प्रकोप कम हो सकता है। डायमेथेएट 2 मिलीलीटर/लीटर, नीम ऑयल 5 मिलीलीटर/लीटर या एसिटामिप्रीड 2 ग्राम/लीटर दवा को पानी में मिलाकर छिड़काव करें। 10 दिनों के अंतराल पर 4 से 5 बार छिड़काव की आवश्यकता हो सकती है। भिंडी की फसल को सफेद मक्खी से बचाने के लिए उचित समय पर सही उपाय अपनाना अत्यंत आवश्यक है। ऑर्गेनिक ट्रीटमेंट और कीटनाशकों के सटीक उपयोग से किसान अपनी फसल को सुरक्षित रख सकते हैं और बेहतर पैदावार सुनिश्चित कर सकते हैं।

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