लेखक की कलमसम-सामयिक

कौन होगा जनसुराज का नेता

 

बिहार में इसी साल राजनीतिक समीकरणों में बड़ा बदलाव आने वाला है। इस तरह का दावा चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने गत 18 जुलाई को उस मधेपुरा में किया जो राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के संस्थापक लालू प्रसाद यादव का गढ़ माना जाता है। प्रशांत किशोर ने इतना तो साफ कर दिया कि उनका जन सुराज अभियान आगामी अक्टूबर अर्थात दो महीने बाद ही राजनीतिक शक्ल अख्तियार कर लेगा। ऐसी घोषणा प्रशांत किशोर (पीके) पहले से करते रहे हैं लेकिन अब इसकी पुष्टि कर दी है। गत 18 जुलाई को मधेपुरा में उन्होंने कहा कि गांधी जयंती के दिन 2 अक्टूबर को जन सुराज अभियान को राजनीतिक दल के रूप में परिवर्तित कर दिया जाएगा और नया दल बिहार की सभी 243 विधान सभा सीटों पर चुनाव भी लड़ेगा। पार्टी का नाम भी जनसुराज होगा लेकिन इस पार्टी का नेता कौन होगा? इसपर प्रशांत किशोर अभी पर्दा डाले हुए हैं। वह यह भी कहते है कि वे अर्थात प्रशांत किशोर जनसुराज पार्टी के नेता नहीं होंगे, तब इसका नेता कौन होगा, इसको लेकर अटकलें लगायी जा रही हैं। प्रशांत किशोर नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली सरकार पर जमकर हमला बोल रहे हैं तो लालू यादव के जंगल राज का भी उल्लेख करना नहीं भूलते। चिराग पासवान की लोजपा और जीतन राम मांझी की हम का जिक्र तक नहीं करते जैसे उनका कोई अस्तित्व ही नहीं है। हालांकि अभी सम्पन्न हुए लोकसभा चुनाव में चिराग पासवान की पार्टी ने एनडीए कोटे से मिली पांच सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे और पांचों विजयी रहे। इसी प्रकार जीतनराम मांझी को कोटे में एक सीट मिली थी जिसपर उनको विजय मिली है। इस तरह बिहार की राजनीति अब उतनी सरल नहीं रह गयी, जैसे पहले हुआ करती थी। ऐसे हालात में प्रशांत किशोर कौन सा मसीहा उतारने वाले हैं, इसको लेकर जनता में उत्सुकता है।
मधेपुरा पहुंचे जन सुराज अभियान के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने पदयात्रा के बाद 18 जुलाई प्रेस वार्ता की। जहां उन्होंने कहा कि बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव में जन सुराज सभी 243 सीटों पर चुनाव लड़ेगी।
बिहार की राजनीति में प्रशांत किशोर की पार्टी की एंट्री से एनडीए और ‘इंडिया’ गठबंधन की मुसीबत बढ़ने वाली है। सीएम नीतीश और लालू यादव के लिए प्रशांत किशोर परेशानी खड़ा करने वाले हैं। प्रशांत किशोर को लेकर आरजेडी ने पहले ही लेटर जारी किया था। प्रशांत किशोर ने कहा कि बिहार में कानून व्यवस्था पूरी तरह से चैपट हो चुकी है। लॉ एंड ऑर्डर की जो एजेंसियां हैं उसका आधा समय शराबबंदी लागू करने, उसको लाने छिपाने में इस्तेमाल हो रहा है। उन्होंने कहा कि लोग कहते हैं कि लालू यादव के राज में अपराधियों का जंगलराज था। अब नीतीश कुमार के राज में अधिकारियों का जंगलराज है। जन सुराज अभियान के सूत्रधार ने कहा कि बिहार में चपरासी से लेकर मुख्य सचिव तक सब की संख्या अगर जोड़कर देखा जाए तो 1.97 फीसद लोग ही सरकारी नौकरी करते हैं। जो लोग यह दावा कर रहे हैं कि सरकारी नौकरी से आपका जीवन बदल जाएगा वह बिल्कुल आपको भरमा रहे हैं। आपको गलत सपना दिखा रहे हैं। पिछले 75 सालों में मात्र 1.97 फीसद लोगों को सरकारी नौकरी मिली है। यह तो सिर्फ समाज को लॉलीपॉप दिखाकर वोट लेने की राजनीति है।
उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया में ऐसा कहीं कोई प्रमाण नहीं है कि 13 करोड़ आबादी वाले राज्य में सरकारी नौकरी के जरिए बेरोजगारी दूर की जा सकती है। दुनिया में इस बात का जरूर प्रमाण है कि अगर लोगों को अच्छी शिक्षा, स्किल और काम करने की सुविधा दे दी जाए तो उससे रोजी-रोजगार मिल सकता है।
प्रशांत किशोर ने मधेपुरा में 16 जुलाई से अपनी पदयात्रा की शुरुआत की थी अगले 15 दिनों तक प्रशांत किशोर मधेपुरा के विभिन्न प्रखंडों में पदयात्रा कर लोगों को संबोधित करेंगे। वहीं, इस मौके पर मीडिया से बात करते हुए उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी, सीएम नीतीश कुमार और आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि नेताओं को अपने बच्चों के भविष्य की चिंता है। आपके बच्चों की भविष्य की नहीं है। उन्होंने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी देश का पैसा लेकर गुजरात का विकास कर रहे हैं और बिहारी से मजदूरी करवा रहे हैं तो वहीं, लालू प्रसाद यादव का बेटा 9वीं तक पढ़ा है और वह बिहार का राजा बनेगा, लेकिन आपका बेटा ग्रेजुएशन कर गुजरात और दिल्ली में जाकर मजदूरी करेगा। इसलिए सचेत होने की जरूरत है और अपने बच्चों की चिंता करने की जरूरत है।
कुछ दिन पहले आरजेडी ने प्रशांत किशोर को लेकर लेटर जारी किया था और अपने कार्यकर्तओं को आगाह करते हुए कहा कि प्रशांत किशोर का संगठन बीजेपी की बी टीम है। बहरहाल बिहार में पिछले दो सालों से प्रशांत किशोर दौरा पर हैं. वो बिहार के सभी जिलों में पदयात्रा कर रहे हैं। इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार उनकी पार्टी बिहार की सभी सीटों पर चुनाव लड़ेगी. साथ ही 75 सीटों पर मुस्लिम कैंडिडेट उतारेगी. उससे पहले 21 नेताओं की एक कमेटी गठित करेंगे जो पार्टी के इन मामलों को देखेगी।
दल बनाने के ऐलान को लेकर प्रशांत किशोर ने कहा था कि बिहार में 50 प्रतिशत से ज्यादा आबादी चाहती है कि नया दल बने। लोग चाहते हैं कि अगर बिहार में सुधार होना है तो राज्य में एक नया दल या नया विकल्प बनना चाहिए। वहीं, दल बनाने के निर्णय के दौरान उन्होंने पार्टी में महिलाओं की भागीदारी को लेकर भी बड़ा बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि जन सुराज आगामी विधानसभा चुनाव में महिलाओं की भागीदारी भी सुनिश्चित करेगा। हर लोकसभा क्षेत्र की भीतर आने वाली एक विधानसभा सीट से कम से कम एक महिला को जरूर चुनाव लड़ाया जाएगा। इस प्रकार प्रशांत किशोर सियासत में पूरे दमखम से उतरेंगे। (हिफी)

(अशोक त्रिपाठी-हिफी फीचर)

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