लेखक की कलमसम-सामयिक

योगी के सुशासन में नारी शक्ति

 

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नवदुर्गा पर मिशन शक्ति का शुभारंभ किया था। वस्तुतः इस दिवस का चयन अपने आप में बड़ा सन्देश देने वाला था। महिला सुरक्षा व सशक्तिकरण के दृष्टिगत सरकार अपने स्तर से प्रयास कर रही है। इसकी शुरुआत योगी आदित्यनाथ ने अपने पहले कार्यकाल में कर दी थी। उन्होंने इस अवसर पर शास्त्रों की सूक्ति का उल्लेख किया था।
नास्ति मातृसमा छाया, नास्ति मातृसमा गतिः।
नास्ति मातृसमं त्राण, नास्ति मातृसमा प्रपा।।
माता के समान कोई छाया नहीं है,माता के समान कोई सहारा नहीं है। माता के समान कोई रक्षक नहीं है,माता के समान कोई प्रिय नहीं है और इस विश्व में माता के समान कोई जीवनदाता नहीं है। इस प्रकार जब नारी सुरक्षा,नारी सम्मान और नारी स्वावलंबन एक साथ जुड़ेंगे तो नारी सशक्तिकरण का लक्ष्य स्वतः ही प्राप्त होगा। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश की नारी शक्ति की सुरक्षा,सम्मान, स्वावलंबन एवं सर्वांगीण उन्नयन के लिए सरकार प्रतिबद्ध है।

देश और समाज की प्रगति के लिए विभिन्न क्षेत्रों में महिलाओं की समान भागीदारी आवश्यक है। भारतीय इतिहास में अनेक महिलाओं के संदर्भ मिलते हैं जिन्होंने अपने व्यक्तित्व और कृतित्व से उपलब्धियों के उच्चतम आयाम स्थापित किए। वर्तमान समय में भी महिलाएं अपने विशिष्ट कार्यों से समाज को राह दिखा रही हैं। प्रदेश सरकार महिलाओं तथा बालिकाओं की सर्वांगीण प्रगति के लिए कृत संकल्पित है। इस उद्देश्य से राज्य सरकार द्वारा अनेक योजनाएं क्रियान्वित की जा रही हैं। महिलाओं एवं बालिकाओं की सुरक्षा, सम्मान और स्वावलम्बन के लिए प्रदेश में मिशन शक्ति अभियान संचालित किया जा रहा है। प्रदेश में महिलाओं की सुरक्षा के लिए शारदीय नवरात्र में मिशन शक्ति अभियान शुरू किया था। नारी शक्ति की प्रतीक मां दुर्गा के अनुष्ठान का कार्यक्रम हम वर्ष में दो बार करते हैं। दोनों अवसरों पर नारी शक्ति व उसकी महिमा के बारे में अवगत होते हैं।योगी आदित्यनाथ ने मिशन शक्ति में बेटियों महिलाओं की सुरक्षा के साथ ही उनके स्वावलंबन को भी समाहित किया गया है। इसके आयोजन में अनेक विभागों की जिम्मेदारी निर्धारित की गई है। मुख्यमंत्री ने इसके दृष्टिगत अंतर्विभागीय समन्वय पर बल दिया। इसके साथ ही शिक्षण संस्थाओं की भी इसमें भूमिका रहेगी। इन सभी प्रयासों के माध्यम से महिला सुरक्षा व स्वावलंबन का प्रभावी सन्देश दिया जाएगा।

महिला स्वावलंबन संबधी सुमंगला योजना का शुभारंभ भी योगी आदित्यनाथ ने किया था। अपने ढंग की यह अभिनव योजना है। इसमें बेटियों को शिक्षित व स्वावलंबी बनाने का उद्देश्य निर्धारित किया गया। मिशन शक्ति की समीक्षा बैठक में योगी आदित्यनाथ ने इसका भी उल्लेख किया। उन्होंने मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना को प्रभावी ढंग से संचालित करते हुए इसे गतिशील बनाने के निर्देश दिए। इसके अलावा वीमेन पावर लाइन पर आने वाली शिकायतों की समीक्षा करते हुए इनके त्वरित समाधान के निर्देश दिए। इसमें ढिलायी बरतने वालों की जवाबदेही तय करने के लिए कहा। शिकायतों का सम्बन्धित जनपदों के स्तर पर निस्तारण सुनिश्चित किया जाए।

प्रदेश में कानून व्यवस्था को सुदृढ़ किया है। उनके कार्यकाल में सभी धार्मिक मजहबी आयोजन शांति के साथ सम्पन्न होने लगे हैं। बिना भेदभाव के सभी की आस्था का सम्मान किया गया। धार्मिक स्थलों के लाउडस्पीकर की आवाज कम करने का निर्णय हुआ। योगी आदित्यनाथ ने इसकी शुरुआत भी मथुरा के मन्दिर से की थी। इसी प्रकार कांवड़ यात्रायें भी निर्बाध रूप से सम्पन्न होने लगीं। मुख्यमंत्री प्रत्येक सार्वजनिक आयोजनों के पहले प्रशासन को निर्देशित करते है। अस्था के सम्मान का निर्देश देते हैं। इसी के साथ वह शांति व्यवस्था स्वच्छता यातायात आदि के सम्बन्ध में भी निर्देशित करते है। इस बार नवरात्र के पहले ही उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि प्रदेश में परम्परागत रूप से माँ दुर्गा की प्रतिमाएं स्थापित की जाती रही हैं जिसको लेकर दुर्गा पूजा आयोजन समितियों से संवाद के माध्यम से प्रतिमाओं की स्थापना सुरक्षित स्थान जैसे-सार्वजनिक पार्क आदि में करायी जाए, ताकि सड़क पर सामान्य यातायात प्रभावित न हो। इस कार्यवाही में लोगों की आस्था और जनभावना का पूरा सम्मान किया जाए।

पर्व-त्योहार में प्रशासन द्वारा आमजन को जरूरी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं। धार्मिक परम्परा व आस्था को सम्मान दें लेकिन परम्परा के विरुद्ध कोई कार्य न हो। आयोजकों को कार्यक्रम की अनुमति दें, लेकिन यह सुनिश्चित हो कि हर कोई नियम-कानून का पालन करे। दुर्गा पूजा आस्था के उत्साह का आयोजन है। परम्परागत रूप से नृत्य, गीत, संगीत इसका हिस्सा रहे हैं। यह सुनिश्चित करें कि डी0जे0, गीत-संगीत आदि की आवाज निर्धारित मानकों के अनुरूप ही हो। अभियान चलाकर धार्मिक स्थलों पर लगे लाउड स्पीकर की ध्वनि पूर्व की भांति मानक के अनुरुप निर्धारित कराई जाए। इसके अलावा मुख्यमंत्री ने महिलाओं और बेटियों को सशक्त व स्वावलम्बी बनाने के लिए चल रहे मिशन शक्ति अभियान के चैथे चरण के शुभारम्भ की तैयारियों की समीक्षा की। कहा कि महिलाओं एवं बालिकाओं की सुरक्षा, सम्मान और स्वावलम्बन के लिए राज्य सरकार द्वारा संचालित मिशन शक्ति अभियान का समाज पर सकारात्मक प्रभाव पड़ा है। चैदह अक्टूबर को प्रदेश भर में एक साथ वाहन रैली निकालकर केन्द्र और राज्य सरकार की महिलाओं से जुड़ी योजनाओं के बारे में लोगों को जागरूक करते हुये मिशन शक्ति के नवीन चरण को प्रारम्भ जाएगा। यह अभियान प्रत्येक ग्राम पंचायत व वॉर्ड में आयोजित किया जाएगा। इस अवसर पर केन्द्र व राज्य सरकार की महिला सशक्तिकरण से सम्बन्धित योजनाओं की जानकारी व महिला सुरक्षा जागरूकता जैसे कार्य भी होंगे। बीट अधिकारी सप्ताह में एक दिन पंचायत भवन में जाकर प्राथमिकता के आधार पर महिलाओं की समस्याओं का निस्तारण करें। लोगों को शासन की विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं से अवगत कराएं। योजनाओं का लाभ प्राप्त करने में आ रही समस्याओं का निराकरण करने के कार्य को आगे बढ़ाएं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस अभियान के दौरान प्रदेश भर के बेसिक और माध्यमिक शिक्षा विभाग के विद्यार्थियों को साथ में जोड़ते हुए उनके द्वारा जनजागरूकता की प्रभात फेरियां निकाली जाएं। इसके साथ ही गृह विभाग मिशन शक्ति के जागरुकता अभियान के लिए पब्लिक एड्रेस सिस्टम का इस्तेमाल करे। मिशन शक्ति अभियान से जुडे़ सभी विभाग आगामी चैदह और पंद्रह अक्टूबर को जनजागरूकता के कार्यक्रमों का आयोजन होंगे। सोलह अक्टूबर से विभागवार निर्धारित कार्यक्रमों के भव्य आयोजन होंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेशवासियों के साथ प्रशासन और पुलिस के लोग सहयोगपूर्ण व्यवहार करें। पर्वों एवं त्योहारों का आगामी एक माह का समय संवेदनशील है। यह समय त्योहार की उमंग से परिपूर्ण होगा। बाजारों में भीड़ होगी। विभिन्न आयोजनों में बड़ी संख्या में महिलाएं, बच्चे, वरिष्ठ नागरिक आदि की सहभागिता होगी। इसके दृष्टिगत विशेष सतर्कता बरतने के साथ-साथ सभी आवश्यक सुरक्षा उपाय सुनिश्चित किए जाएं। मथुरा में योगी आदित्यनाथ ने कहा कि ब्रजभूमि में आज से पांच हजार वर्ष पूर्व भगवान श्री कृष्ण ने धर्म, सत्य व न्याय की स्थापना के लिए अवतार लिया था। भगवान श्री कृष्ण द्वारा कुरुक्षेत्र में दिये गये उपदेश आज भी प्रासंगिक हैं, जितने कि उस समय थे। यह भारत की पौराणिक तथा समृद्ध संस्कृति का सर्वश्रेष्ठ उदाहरण है। ब्रजभूमि की रज-रज तथा कण-कण में राधा-कृष्ण का वास है। यहां भी पहले नारी को ही पूजनीय माना गया। (हिफी)

(डॉ दिलीप अग्निहोत्री-हिफी फीचर)

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button