अमेरिका में फिर विमान हादसा, 67 की मौत

अमेरिका में घातक विमान हादसा हुआ था जिसमें 67 लोगों की मौत हो गई थी। अधिकारियों ने इस बारे में जानकारी दी है। रीगन राष्ट्रीय हवाई अड्डे के पास पोटोमैक नदी के ऊपर बीते सप्ताह यह हादसा हुआ था। यह प्लेन हादसा अमेरिका में 2001 के बाद हुए अब तक के सबसे घातक हवाई हादसों में से एक है।अमेरिका में बीते 1 हफ्ते के दौरान 2 बार प्लेन हादसे हो चुके हैं। पहला हादसा वॉशिंगटन में जिसमे एक सैन्य हेलिकॉप्टर अमेरिकन एयरलाइन से टकरा गया, जिसमें सभी लोगों की मौत हो गई। हेलिकॉप्टर में जहां 4 लोग मौजूद थे, वहीं दूसरी ओर प्लेन में 64 लोग यात्रा कर रहे थे, जिसमें से 4 क्रू मेंबर थे। वॉशिंगटन हादसे के 2 दिन बाद अमेरिका के अन्य जगह पर एक छोटा प्लेन क्रैश कर गया। प्लेन उड़ान भरने के महज 30 सेकेंड बाद हादसे का शिकार हो गया, जिसमें 7 लोगों की मौत हो गई।
इस बीच पीड़ितों के परिजन भी रीगन राष्ट्रीय हवाई अड्डे के पास पोटोमैक नदी के किनारे घटनास्थल पर पहुंचे थे और अपने प्रियजनों को श्रद्धांजलि दी। कई लोग बसों के जरिए उस स्थान पर पहुंचे जहां अमेरिकन एयरलाइंस के विमान और सेना के ब्लैक हॉक हेलीकॉप्टर की टक्कर हुई थी। इस दौरान पुलिस भी लोगों के साथ रही। अधिकारी दुर्घटना के कारणों की जांच कर रहे हैं, जबकि बचाव दल मलबा निकालने में जुटा है। घटना को लेकर परिवहन सचिव सीन डफी ने कई सवाल उठाए। उन्होंने ‘सीएनएन’ पर एक कार्यक्रम के दौरान पूछा, ‘‘टावर के अंदर क्या हो रहा था? क्या वहां कर्मचारियों का अभाव था? क्या ब्लैक हॉक के पायलट ने ‘नाइट विजन गॉगल्स’ पहने हुए थे?
यूनाइटेड एयरलाइंस फ्लाइट 1382 के इंजन में रविवार (2 फरवरी) की सुबह टेकऑफ से पहले ह्यूस्टन के जॉर्ज बुश इंटरकांटिनेंटल हवाई अड्डे पर आग लग गई। एयरबस-319 में सवार 104 यात्री और 5 चालक दल के सदस्य सुरक्षित रूप से उतारे गए। एफएए की रिपोर्ट के अनुसार, सुबह 8.35 के आसपास यूनाइटेड एयरलाइंस फ्लाइट 1382 के चालक दल ने इंजन में प्रोब्लम की सूचना दी, जिसके बाद टेकऑफ रोक दिया गया।
ह्यूस्टन एयरपोर्ट की ओर से जारी की गई वीडियो में विमान के पंख में आग लगी हुई दिखाई दे रही है। एक फ्लाइट अटेंडेंट को यात्रियों से शांत रहने और अपनी सीटों पर बने रहने का निर्देश देते हुए सुना गया। ह्यूस्टन फायर डिपार्टमेंट ने पुष्टि की कि इस घटना में किसी के घायल होने की कोई सूचना नहीं है और उन्हें आग बुझाने की जरूरत भी नहीं पड़ी।