हिन्द महासागर में नहीं चल पाएगी चीन की दादागिरी

चीन की दादागिरी साउथ चाईना सी में ही चल सकती है, हिंद महासागर क्षेत्र में उसकी एक नहीं चलने वाली। भारतीय नौसेना ने कमर कस ली है। साल 2025 का पहला महीना भारतीय नौसेना के लिए बेहद खास है। खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नौसेना को एक साथ तीन सौगात देने जा रहे हैं। 15 जनवरी को मुंबई में एक साथ तीन स्वदेशी वॉरशिप, सबमरीन को नौसेना में शामिल किया जाएगा। प्रोजेक्ट 15-बी के तहत दुनिया का सबसे खतरनाक स्टील्थ गाइडेड मिसाइल डिस्ट्रॉयर आईएनएस सूरत, प्रोजेक्ट 75 के तहत वगशीर स्कॉर्पीन क्लास सबमरीन और 17ए के तहत नीलगिरी क्लास फ्रीगेट शामिल किया जाना है।
स्वदेशी डिस्ट्रॉयर सूरत दुनिया का सबसे खतरनाक स्टेल्थ गाइडेड मिसाइल डिस्ट्रॉयर में से एक है। विशाखपत्तनम क्लास स्टेल्थ गाइडेड मिसाइल डिस्ट्रॉयर का चौथा जंगी जहाज है। ‘सूरत’ की खास बात यह है कि देश में यह अब तक के बने वॉरशिप में ये सबसे कम समय में तैयार हुआ। मझगांव डॉक लिमिटेड (एमडीएल) में इसे बनाया गया है। स्वदेशी स्टेल्थ गाइडेड मिसाइल डिस्ट्रायर दुश्मन के रडार की पकड़ में नहीं आने वाला। इसमें सतह से सतह में मार करने वाली मिसाइल वर्टिकल लॉन्चर लगे हैं। कुल 32 मीडियम रेंज सर्फेस टू एयर मिसाइल दागी जा सकती है। आईएनएस सूरत एंटी सर्फेस वॉरफेयर के लिये ब्रह्मोस एंटी शिप मिसाइल सिस्टम से लैस है। इस सिस्टम से 16 ब्रह्मोस मिसाइलें फायर की जा सकती हैं। इसमें आधुनिक सर्विलांस रडार लगा हुआ है। इसमें दुश्मन की सबमरीन को नष्ट करने के लिए रॉकेट लॉन्चर और टॉरपिडो लॉन्चर भी मौजूद है। इस डिस्ट्रायर की लंबाई 163 मीटर है। 7400 टन वजनी यह डिस्ट्रायर चार पावरफुल गैस टर्बाइन की मदद से 30 नॉटिकल मील की अधिकतम रफ्तार से चल सकता है। एयरक्राफ्ट कैरियर किलर सबमरीन वगशीर प्रोजेक्ट 75 की छठी और आखिरी स्कॉर्पीन क्लास सबमरीन है। यह डीजल इलेक्ट्रिक अटैक सबमरीन है। यह आधुनिक फीचर्स से लैस है। आकार में 221 फिट लंबी और उचांई 40 फिट है। इसकी रफ्तार पानी के अंदर 35 किलोमीटर प्रति घंटा से ज्यादा है तो पानी सतह पर इसकी रफ्तार 20 किलोमीटर प्रति घंटे के करीब है। दुश्मन की नजरों से बचकर टॉरपीडो और एंटी शिप मिसाइलों से दुश्मन पर सटीक हमला कर सकती है। दुश्मन के टार्पीडों से बचने के लिए ये एंटी टॉर्पीडो काउंटरमेजर सिस्टम से लैस है।