इंडोनेशिया के राष्ट्रपति के अंदर इंडियन डीएनए

भारत के 76वें गणतंत्र दिवस समारोह में इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांतो ने शिकरत की। इससे पहले उनके सम्मान में भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने डिनर का आयोजन किया था। उस मौके पर इंडोनेशियाई राष्ट्रपति ने कहा कि उनके अंदर इंडियन डीएनए हैं। यह बात तो उन्होंने हलके फुलके अंदाज में कही, पर उनका मकसद इडोनेशिया और भारत के एतिहासिक संबधों पर ध्यान दिलाना था।
प्रबोवो सुबियांतो ने बताया, कुछ हफ्ते पहले मैंने अपना जेनेटिक सीक्वेंसिंग और डीएनए टेस्ट कराया। इससे पता चला कि मेरे अंदर भारतीय डीएनए है। सभी जानते हैं कि जब मैं भारतीय संगीत सुनता हूं, तो नाचने लगता हूं। यह मेरे भारतीय जीन का असर होना चाहिए।’ इंडियन या भारतीय डीएनए का सरल शब्दों में मतलब कहें तो भारतीय लोगों के डीएनए होता है।अगर किसी शख्स का भारतीय डीएनए है तो इसका यही मतलब होता है कि उसके पूर्वज भारतीय थे। अगर भारत से बाहर रहने वाला शख्स ऐसा कहता है कि उसकी डीएनए भारतीय है तो वह बताना चाहता है कि उसके पूर्वज भारत के थे। यहां गौर करने वाली बात है कि पिछले कुछ सालों में भारतीय राजनीति में डीएनए शब्द पर खूब विवाद हुआ था, जब यह बहस चली थी भारत के सभी मुसलमानों का डीएनए भारतीय है, विदेशी नहीं है। इस पर भी खासी बहस हुई थी कि भारत के मुसलमान मूल रूप से हिंदू हैं और वो मुसलमान नहीं हैं जो विदेश से आए थे और इसकी पड़ताल डीएनए के जरिए हो सकती है।
सुबियांतो ने इस मजाकिया बयान से ध्यान दिलाने की कोशिश की कि इंडोनेशिया के भारत से एतिहासिक संबंध कितने पुराने हैं और भारतीय संस्कृति की जड़े आज भी इंडोनेशिया में देखने को मिलती हैं।
भारत-इंडोनेशिया के संबंध रामायण काल से चले आ रहे हैं। रामायण में जिस यव द्वीप का जिक्र है, वह आज के इंडोनेशिया का जावा द्वीप है। रामायण और महाभारत दोनों का प्रभाव इंडोनेशियाई संस्कृति में आज भी दिखाई देता है। इसके अलावा इतिहासकारों को इस बात के पक्के प्रमाण मिले हैं जो बताते हैं प्रचीनकाल से भी भारतीय इंडोनेशिया में आते जाते रहते थे और समुद्री व्यापार ने बहुत गहराई से दोनों देशों के भूभागों को जोड़ा था।