भारतीय प्रवासियों की अमेरिका से हो रही वापसी

अमेरिका अवैध प्रवासियों को बाहर का रास्ता दिखाना शुरू कर चुका है। इसी क्रम में भारतीय प्रवासियों की भी अमेरिका से वापसी हो रही है। अमेरिकी सेना के एक अधिकारी की मानें तो अमेरिकी सेना का एक विमान प्रवासियों को भारत भेज रहा है। ट्रंप प्रशासन प्रवासियों के लिए सैन्य परिवहन उड़ानों का इस्तेमाल कर रहा है। भारत अब तक का सबसे दूर का डेस्टिनेशन है।
समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक, अमेरिका का सी-17 विमान प्रवासियों को लेकर भारत के लिए रवाना हो चुका है। हालांकि, भारत पहुंचने में उसे कम से कम 24 घंटे का वक्त लगेगा। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अपने इमिग्रेशन एजेंडे को पूरा करने के लिए सेना की मदद पर बहुत ज्यादा निर्भर हो गए हैं। इसमें अमेरिका-मेक्सिको सीमा पर अतिरिक्त सैनिकों को भेजना, प्रवासियों को वापस भेजने के लिए सैन्य विमानों का उपयोग करना और उन्हें रखने के लिए सैन्य ठिकानों को खोलना शामिल है।
सूत्रों की मानें तो अमेरिका से भारत आ रही फ्लाइट में 205 अवैध प्रवासी भारतीय हैं। यह फ्लाइट अमेरिका के टेक्सास से उड़ान भरी है। उम्मीद है कि जर्मनी होते हुए यह अमृतसर लैंड कर सकता है। प्लेन रिफ्यूलिंग के लिए विमान जर्मनी में रुक सकता है। यहां बताना जरूरी है कि अमेरिका में अवैध प्रवासी भारतीयों की संख्या 7.25 लाख है। अमेरिकी दूतावास ने क्या कहा
भारत आ रहे प्रवासी वाले विमान पर अमेरिकी दूतावास के प्रवक्ता ने कहा, ‘मुझे भारत के लिए विमान के उड़ान भरने की खबर मिली है। मगर मैं कोई विवरण साझा नहीं कर सकता लेकिन मैं रिकॉर्ड पर यह कह सकता हूं कि अमेरिका अपनी सीमा सुरक्षा को सख्ती से लागू कर रहा है। इमिग्रेशन कानूनों को कड़ा कर रहा है और अवैध प्रवासियों को हटा रहा है।’
भारत पेंटागन ने टेक्सास के एल पासो और कैलिफोर्निया के सैन डिएगो में अमेरिकी अधिकारियों की ओर से पकड़े गए 5,000 से ज्यादा अप्रवासियों को वापस भेजने के लिए उड़ानें प्रदान करना भी शुरू कर दिया है। अब तक सैन्य विमान प्रवासियों को ग्वाटेमाला, पेरू और होंडुरास ले जा चुके हैं। प्रवासियों को भेजने के लिए सैन्य उड़ानें एक महंगा तरीका हैं। समाचार एजेंसी रॉयटर ने बताया कि पिछले हफ्ते ग्वाटेमाला के लिए एक सैन्य निर्वासन उड़ान में प्रति प्रवासी कम से कम $4,675 यानी भारतीय रुपए में 4,07,298 रुपए की लागत आई थी। इसका मतलब है कि एक प्रवासी को भेजने में अमेरिका के 4,07,298 रुपए खर्च हो रहे हैं।