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म्यांमार की जातीय आर्मी बांग्लादेश के अंदर 10 किमी तक घुसी

म्यांमार के जातीय उग्रवादी संगठन अराकान आर्मी से जुड़ी एक खबर ने बांग्लादेश के राजनीतिक हलकों में हड़कंप मचा दिया है। दावा किया जा रहा है कि म्यांमार के सैन्य शासन से जंग करके रखाइन प्रांत पर कब्जा करने वाली अराकान आर्मी ने बांग्लादेश के 10 किलोमीटर अंदर आकर एक समारोह में भाग लिया। इस दौरान उसे बांग्लादेशी सेना से किसी तरह के प्रतिरोध का सामना नहीं करना पड़ा। अराकान आर्मी की इस घुसपैठ की बांग्लादेश जमात-ए-इस्लामी के महासचिव और पूर्व सांसद मिया गुलाम परवर ने निंदा की है।
जमात-ए-इस्लामी के अनुसार, म्यांमार स्थित विद्रोही समूह अराकान आर्मी के र्दीधारी और हथियारबंद सदस्य बांग्लादेशी क्षेत्र में लगभग 10 किलोमीटर अंदर घुस आए। वहां, उन्होंने स्थानीय स्वदेशी समुदायों के साथ मिलकर जल महोत्सव का आयोजन किया। अराकान आर्मी ने सोशल मीडिया पर वीडियो शेयर करके इसका प्रचार भी किया। अराकान आर्मी की राजनीतिक शाखा यूनाइटेड लीग ऑफ अराकान कथित तौर पर स्थानीय निवासियों के साथ समारोह में शामिल हुई।परवर ने अराकान आर्मी की घुसपैठ को बांग्लादेश की संप्रभुता का खुला उल्लंघन बताया है। इस घटना ने बांग्लादेश की सीमा सुरक्षा को लेकर व्यापक चिंता पैदा कर दी है। परवर का कहना है कि यह घुसपैठ देश की संप्रभुता के लिए एक गंभीर खतरा बताया है, जो सरकार, बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश और सशस्त्र बलों पर सवाल उठाती है। उन्होंने कहा, ‘देश जवाब मांग रहा है- ऐसी दुस्साहसिक घुसपैठ कैसे संभव थी? अराकान सेना ने बंदरबन इलाके में घुसपैठ की है, जो दक्षिण-पूर्वी बांग्लादेश का एक पहाड़ी जिला है। यह क्षेत्र म्यांमार के रखाइन राज्य के साथ सीमा साझा करता है। बंदरगाह शहर सित्तवे समेत तीन शहरों को छोड़कर रखाइन के लगभग पूरे हिस्से पर अराकान आर्मी का कब्जा है। अराकान आर्मी एक जातीय समूह है, जो रखाइन राज्य के लिए स्वायत्तता के लिए म्यांमार की सेना के खिलाफ सशस्त्र संघर्ष कर रही है।

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