विश्व-लोक

नेतन्याहू पर भारी पड़ रहा हमास से समझौता

गाजा में शांति का ऐलान हो गया। इजरायल और हमास युद्ध खत्म करने के लिए राजी हो गए हैं। कतर की राजधानी में सीजफायर समझौते पर सहमति बन गई। मगर इजरायल को हमास से डील की भारी कीमत चुकानी पड़ रही है। डील के तहत जो फॉर्मूला तय हुआ है, उससे साफ है कि इजरायल ने अपने नागरिक को बचाने के लिए सबकुछ दांव पर लगाया है। जी हां, आतंकवादी संगठन हमास ने इजरायल के 2 साल के बच्चे के बदले 30 आतंकवादियों को रिहा करने की मांग की है। वहीं, एक मां और उसके बच्चों के बदले 100 आतंकवादियों को रिहा करने को कहा है।
हालांकि, हमास ने अभी तक ऐसा कोई सबूत नहीं दिया है, जिससे यह साबित हो कि ये बच्चे और उनकी मां पूरी तरह से सुरक्षित हैं। दोहा में हमास और इजरायल के बीच बंधकों को छोड़ने के समझौते पर हस्ताक्षर हो चुके हैं। राष्ट्रपति ट्रंप की शपथ वाले दिन कुछ आतंकवादियों को छोड़ा जा सकता है। हमास को यह अच्छी तरह से पता है कि इजरायल अपने नागरिकों की सुरक्षा के लिए कुछ भी कर सकता है। वह सालों पहले इजरायल को आजमा भी चुका है। इजरायल पहले भी अपने नागरिक के बदले आतंकियों को छोड़ चुका है। उसी अनुभव के आधार पर हमास ने फिर इजरायल के 35 बंधकों के बदले अपने 1000 आतंकवादियों को छोड़ने की मांग की है। दिलचस्प यह है कि हमास ने 35 बंधकों के बदले अपने 1000 लोगों को छोड़ने की जो डिमांड रखी है, उसमें उसने बाकायदा ब्रेकअप दिया है। किस आतंकी की रिहाई पर किस बंधक को छोड़ेगा। हमास के आतंकवादियों ने इजरायल के 2 साल के बच्चे को बंधक बनाया हुआ है। इस बच्चे के बदले उसने 30 आतंकवादियों को छोड़ने को कहा है। उसके कब्जे में मां के साथ दो छोटे बच्चे भी हैं। इन तीन लोगों के बदले हमास ने इजरायल की जेल में बंद अपने 100 आतंकवादियों को छोड़ने को कहा है। हालांकि, अभी इजरायल का पक्ष सामने नहीं आया है। इजरायल की सुरक्षा कैबिनेट की बैठक के बाद रिहा किए जाने वाले फिलिस्तीनी कैदियों की सूची प्रकाशित की जाएगी। माना जा रहा है कि पहले तीन बंधकों को अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप के शपथ के दिन रिहा किया जा सकता है।

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