सम-सामयिक

रोहिंग्या घुसपैठियों पर योगी सरकार का प्रहार

(मनोज कुमार अग्रवाल-हिफी फीचर)
पाकिस्तान से सीमा हैदर चार बच्चों के साथ नेपाल के रास्ते उत्तर प्रदेश में आ गयी और पचास दिन तक राष्ट्रीय राजधानी नई दिल्ली की तलहटी यूपी के नोएडा में बड़े इत्मीनान के साथ रहती रही। यह घटना देश में होने वाली घुसपैठ को हमारी सीमा पर होने वाली जांच पड़ताल की लुंज पुंज व्यवस्था और खुफिया एजेंसियों की नाकामी का खुलासा करती है। यूपी की स्थानीय अभिसूचना ईकाई के नाकारापन पर भी सवाल खड़े हो गए थे ऐसे में मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी की भृकुटी तन गई हैं और पिछले दिनों उन्होंने उत्तर प्रदेश में कानून को दुरुस्त करने और सीमा हैदर के बेरोकटोक प्रवास के मामले से खराब हुई छवि का डैमेज कंट्रोल करने के लिए उच्चाधिकारियों को सख्त निर्देश दिए। इसी कड़ी में उत्तर प्रदेश में पाकिस्तान और बांग्लादेश से आए अवैध घुसपैठियों के खिलाफ अभियान चलाने के लिए हरी झंडी दे दी गई।
इस सिलसिले में यूपी एटीएस हरकत में आ गयी है। एटीएस की छापेमारी के पहले चरण में यूपी के छह जिलों से 74 रोहिंग्या मुसलमानों को गिरफ्तार किया गया। यूपी एटीएस ने ये छापेमारी कार्रवाई मथुरा, गाजियाबाद, मेरठ, अलीगढ़, सहारनपुर और हापुड में की है। बताया जाता है कि आईबी की रिपोर्ट के मुताबिक पश्चिम यूपी के अधिकांश जिलों में रोहिंग्या मुसलमानों की बड़ी आबादी निवास कर रही है। ये रोहिंग्या मुसलमान दशकों से यहां रह रहे हैं और इस तरह से घुलमिल गए हैं कि अब इनको पकड़ना और पहचान पाना काफी मुश्किल बना है। रोहिंग्या के खिलाफ यूपी एटीएस की छापेमारी में प्रदेश भर में 74 गिरफ्तारी हुई हैं। छह जिलों में शुरु हुई एटीएस की कार्रवाई अभी जारी रहेगी। रोहिंग्या मुसलमानों की गिरफ्तारी में और अधिक बढ़ोत्तरी हो सकती है।यूपी एटीएस ने ये जानकारी दी है। इनमें सबसे अधिक रोहिंग्या मुसलमानों की गिरफ्तारी मथुरा जिले में हुई है। यूपी एटीएस के छापेमारी में अभी तक रोहिंग्या मुसलमानों की गिरफ्तारी की बात करें तो इनमें मेरठ से रोहिंग्या गिरफ्तारी में एक महिला सहित चार लोग, सहारनपुर से दो, हापुड से महिला सहित 1, गाजियाबाद से एक महिला सहित 4, अलीगढ़ से 17 जिनमें 10 महिला और 7 पुरुष हैं। मथुरा से 29 रोहिंग्या गिरफ्तार हुए हैं। इनमें 2 महिलाएं भी शामिल हैं। मथुरा से कुल 31 रोहिंग्या की गिरफ्तारी हुई है। आधी रात के बाद शुरु हुई कार्रवाई देर सुबह तक चली। उसके बाद ये सभी गिरफ्तारियां हुई हैं।मीट फैक्टरी में मजदूरी और कूडा बीनने इकट्ठा करने का काम करते हैं। अधिकांश रोहिंग्या प्रतिदिन सैकड़ों टन कबाड़ गत्ता प्लास्टिक कांच शराब की खाली बोतल आदि इकट्ठा कर सैकड़ों टन कबाड़ बेच रहे हैं। तकरीबन हर शहर में एक सौ से दो सौ इस तरह के प्रवासी झोपडपट्टी डाल कर बसा दिए गए हैं। इनमें से अधिकांश के पास पश्चिमी बंगाल और असम के वाशिंदे होने का आधार कार्ड भी मौजूद रहता है जिस कारण स्थानीय खुफिया विभाग व पुलिस कार्रवाई करने से कतराती है। इसके चलते इनमें अधिकांश अवैध घुसपैठिए शामिल हैं।
यूपी में पकड़े गए अधिकांश रोहिंग्या मीट फैक्टरी में काम करते थे। इनमें से कुछ कूडा बीनने का काम भी करते थे। सभी ने अपना ठिकाना हाइवे किनारे झुग्गी झोपड़ियों में बनाया हुआ है। बता दें इससे पहले भी कई बार यूपी एटीएस ने रोहिंग्या मुसलमानों के खिलाफ अभियान चलाया। जिसमें रोहिंग्या मुसलमानों को गिरफ्तार किया गया है लेकिन इसके बाद भी यूपी में रोहिंग्या मुसलमानों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है।
अब एक बार फिर बांग्लादेश से भारत में घुसपैठ कर चुके रोहिंग्या मुसलमानों पर योगी सरकार ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया है, जिसका एक बड़ा उदाहरण मथुरा के थाना जैंत क्षेत्र में देखने को मिला जब यूपी एटीएस की टीम के साथ मथुरा पुलिस अधिकारियों के नेतृत्व में भारी पुलिस बल और पीएससी की बटालियन ने ताबड़तोड़ कार्रवाई करते हुए कई रोहिंग्या मुसलमानों को हिरासत में लिया। ये रोहिंग्या मुसलमान सैकड़ों की तादाद में झुग्गियां बना कर लंबे समय से रह रहे थे। वयस्कों से अधिक संख्या में बच्चे यहां देखने को मिले। मिली जानकारी के मुताबिक इन बच्चों को ट्रेंड करने के लिए एक मौलवी यहां इनको उर्दू के साथ-साथ तमाम तरह की तालीम दिया करता था। यूपी एटीएस के मुताबिक बड़ी संख्या में मथुरा के थाना जैंत क्षेत्र के अलहपुर और कोटा गांव के बीच मुसलमान झुग्गी झोपड़ी बनाकर रह रहे थे। उन्हें यह भी जानकारी मिली कि यह सभी अवैध रूप से बांग्लादेश से बॉर्डर क्रॉस कर भारत आये और यहां पर झोपड़ियों में रह रहे हैं। इसके बाद यूपी एटीएस ने गोपनीय तरीके से जांच शुरू की, तो यह जानकारी सही साबित हुई। इसके बाद मथुरा के एसएसपी शैलेश पांडे और एसपी सिटी मार्तंड प्रकाश सिंह के साथ एक टीम बनाई गयी और आगरा दिल्ली नेशनल हाईवे पर अलाहपुर गांव के पास बनी झुग्गी झोपड़ियों पर पहुंचकर कार्रवाई शुरू की। यहां टीम ने तीन स्थानों पर कार्रवाई की। आधी रात को पहुंची टीम ने पहले तो सभी के कागज चेक किये और बाद में करीब 31 रोहिंग्या मुसलमानों को हिरासत में लिया।
अलीगढ़ में अवैध तरीके से रह रहे 17 रोहिंग्या मुसलमान गिरफ्तार किए गए हैं। अलीगढ़ से मिली जानकारी के अनुसार इन सभी के खिलाफ विदेशी अधिनियम की धारा के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। एटीएस यूपी को सूचना मिली थी कि अवैध रूप से सीमा पार करके उत्तर प्रदेश के विभिन्न जनपदों में रोहिंग्या निवास कर रहे हैं। इस सूचना पर जिला पुलिस और एटीएस की यूनिट द्वारा सत्यापन कराया गया। गत 24 जुलाई को एटीएस द्वारा अलीगढ़ में पुलिस के सहयोग से अवैध रूप से आवास बनाकर रह रहे रोहिग्याओं के खिलाफ अभियान चलाया गया। अलीगढ़ में थाना कोतवाली के ऊपर कोट, मकदूम नगर इलाके से 17 लोगों को गिरफ्तार किया गया। गिरफ्तार किए गए 17 रोहिग्याओं के खिलाफ थाने में अभियोग पंजीकृत कर विधिक कार्रवाई की जा रही है। उधर, धौलाना के खिचरा से भी कुछ प्रवासियों को हिरासत में लेकर जांच की जा रही है।
यहां गौर तलब है कि उत्तर प्रदेश में इस ताजा कारवाई के बाद ही शहर कस्बों में रह रहे संदिग्ध लोगों का पलायन शुरू हो गया है। यहां लगता है कि पुलिस एटीएस की कार्रवाई बहुत कम लेबल व सांकेतिक मात्र साबित हुयी है जबकि सूत्र बताते हैं कि यहां तकरीबन हर जिले में घुसपैठिए मौजूद हैं यदि इनके पास मौजूद आधार कार्ड की सही ढंग से जांच कराई जाए तो बहुत बड़ा फर्जी वाड़ा सामने आ सकता है। देखना है योगी सरकार इन घुसपैठियों के खिलाफ कितने कदम कार्रवाई करती है। (हिफी)

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