महाकाल की विशेष पूजा कर योगी ने लिया बाबा का आशीर्वाद

उज्जैन। उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इंदौर और उज्जैन के दौरे पर हैं। सीएम योगी ने बाबा महाकाल के दर पर हाजिरी लगाई और अब वे भर्तृहरि गुफा पहुंचे हैं।
सीएम योगी भर्तृहरि गुफा में दर्शन करने के बाद इंदौर के लिए रवाना हो गए हैं। सीएम योगी इंदौर में देवी अहिल्या बाई की पुण्यतिथि के कार्यक्रम में शामिल होंगे, इसके साथ ही वह छत्रपति शिवाजी महाराज के राज्यभिषेक की 350वीं वर्षगांठ पर आयोजित कार्यक्रम में शिवाजी प्रतिमा पहुंचेंगे।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बाबा महाकाल का पूजन अर्चन करने के बाद भर्तृहरि गुफा पहुंचे, जहां नाथ संप्रदाय के प्रमुख स्थल पर भर्तृहरि गुफा के मठाधीश पीर योगी महंत रामनाथ महाराज के सान्निध्य में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का भव्य स्वागत किया गया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अखिल भारतीय भेष बारह पंथ नाथ संप्रदाय के अध्यक्ष भी हैं। इसलिए उनका परंपरानुसार 101 बटुकों ने मंत्रोच्चार के बीच रुद्राक्ष और मोतियों की माला पहनाकर स्वागत किया गया। जिसके बाद योगी आदित्यनाथ गुरु गौरक्षनाथजी महाराज, राज भर्तृहरिजी, गोपीचंदजी महाराज की तपस्या स्थली के दर्शन करेंगे।
भर्तृहरि गुफा जाने के पहले उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ महानिर्वाणी अखाड़े के महंत विनीत गिरी से भेंट करने अखाड़े पहुंचे, जहां महंत विनीत गिरी ने आत्मीयता के साथ योगी आदित्यनाथ का स्वागत किया और उन्हें बाबा महाकाल का एक स्मृति चिन्ह भी भेंट किया। इस दौरान उनके साथ सांसद अनिल फिरोजिया भी मौजूद थे।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आज इंदौर में विभिन्न कार्यक्रमों में शामिल होंगे, लेकिन इसके पूर्व वे बाबा महाकाल की नगरी उज्जैन पहुंचे, जहां गर्भगृह में महाकाल मंदिर के पुजारी पंडित घनश्याम शर्मा और पंडित संजय शर्मा के द्वारा बाबा महाकाल का विशेष पूजन अर्चन और अभिषेक करवाया गया। बाबा महाकाल कि गर्भगृह में पूजा अर्चना के दौरान योगी आदित्यनाथ ने पहले बाबा महाकाल का अभिषेक पूजन किया, जिसके बाद उन्हें कमल के फूल रुद्राक्ष, मखाने की माला और वस्त्र अर्पित किए। इसके बाद बाबा महाकाल को नैवेद्य लगाकर आरती की। योगी आदित्यनाथ अखिल भारतीय भेष बारह पंथ नाथ संप्रदाय के अध्यक्ष भी हैं, इसीलिए गर्भगृह में उनके द्वारा की गई पूजा अर्चना कुछ विशेष रही, जिसमें बाबा महाकाल को अर्पित की गई सामग्री दूध, दही, पंचामृत भी भर्तृहरि गुफा से लाया गया था। इस दौरान उनके साथ भर्तृहरि गुफा के पीर महंत रामनाथ महाराज ओर वाल्मिकी धाम के पीठाधीश्वर उमेशनाथ महाराज भी उपस्थित रहे।