योगी की विकासपरक राजनीति

उत्तर प्रदेश मंे भाजपा 2024 के लेाकसभा चुनाव मंे सभी 80 सीटें जीतकर रिकार्ड बनाना चाहती है। इसके लिए विकासपरक राजनीति का सहारा लिया जा रहा है। योगी आदित्यनाथ जानते हैं कि जनता को विकास परक राजनीति चाहिए जिससे लगे कि सरकार सिर्फ चुनाव जीतना नहीं चाहती बल्कि विकास भी करना चाहती है। इसीलिए योगी सरकार समय-समय पर कई कार्यक्रम शुरू करती है। अभी 22 अगस्त को योगी सरकार ने प्रदेश में बायोडीजल उत्पादन व बिक्री का रास्ता साफ कर दिया है। अब प्रदेश मंे बड़े पैमाने पर बायोडीजल बन सकेगा। इसके उत्पादन व बिक्री के लिए लाइसेंस प्रणाली तय कर दी गयी है। देश भर में ईंधन की समस्या है। पेट्रोल और डीजल की कीमतें बढ़ती ही जा रही हैं। बायोडीजल इस समस्या का समाधान कर सकता है। इसके अलावा योगी की कैबिनेट ने अटल आवासीय विद्यालयों मंे कोरोना काल मंे अनाथ हुए बच्चों को पढ़ने की व्यवस्था की है। युवाओं को प्रशिक्षण के लिए प्रोत्साहन भत्ता देने से भी बेरोजगारी कम करने मंे मदद मिलेगी। उच्च शिक्षा मंे भी मुख्यमंत्री शिक्षुता प्रोत्साहन योजना को मंजूरी मिल गयी है। इसके साथ ही लोकसभा चुनाव की तैयारी भी की जा रही है। पिछले दिनों राष्ट्रीय महामंत्री दुष्यंत गौतम ने इसी संदर्भ मंे लखनऊ में एक बैठक की थी। भाजपा ने लक्ष्य रखा है कि प्रदेश के 1 लाख 61 हजार मतदाता बूथों मंे हर बूथ पर भाजपा समर्थक 100 मतदाता अवश्य बढ़़ाए जाएं। इस प्रकार हर विधानसभा ़क्षेत्र में 20 हजार मतदाता बढ़ जाएंगे।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 20 अगस्त को उच्चस्तरीय बैठक में प्रदेश में बायो फ्यूल उत्पादन को बढ़ावा देने की जरूरत पर जोर देते हुए जैव ऊर्जा नीति तैयार करने के निर्देश देते हुए कहा कि भविष्य की जरूरतों के लिए हमें बायोमास सप्लाई चेन का विकास करना होगा। ऊर्जा और परिवहन के क्षेत्र में जैव ईंधन के उपयोग को बढ़ावा दिए जाने की जरूरत है। विद्युत उत्पादन गृहों में बायोमास पैलेट्स का उपयोग किया जाना चाहिए। इस दिशा में ठोस प्रयास किए जाने की जरूरत है। सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मंशा के अनुरूप कम्प्रेस्ड बायोगैस, बायोकोल, एथेनाल और बायो डीजल जैसे जैव ऊर्जा प्रकल्पों को प्रोत्साहन के हमारे प्रयासों के सकारात्मक परिणाम देखने की मिले हैं। अब तक बायोकोल की दो इकाइयों में उत्पादन शुरू हो चुका है और कम्प्रेस्ड बायोगैस की एक इकाई जून में पूरी हो चुकी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बायो फ्यूल को बढ़ावा देना कच्चे तेल पर निर्भरता को कम करने और स्वच्छ वातावरण को बढ़ावा देने में सहायक होगा। बायो फ्यूल न केवल हमारी ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने में मददगार होगा, बल्कि अतिरिक्त आय और रोजगार सृजन में भी सहायक होगा। बायो फ्यूल के उपयोग से कार्बन उत्सर्जन में कमी आएगी। पूरी दुनिया इस विषय पर चिंतित है। ऐसे में उत्तर प्रदेश के पास एक माडल प्रस्तुत करने का अवसर है। अपार संभावनाओं से भरे इस क्षेत्र में प्रदेश को अग्रणी राज्य बनने के लिए नई जैव ऊर्जा नीति तैयार की जाए। उन्होंने कहा कि अन्नदाता किसानों की ओर से पराली जलाए जाने से पैदा हो रही पर्यावरणीय चुनौतियों के स्थायी समाधान के लिए हमें विशेष प्रयास करना होगा। नवीन नीति में इस विषय का भी ध्यान रखा जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पांच वर्षों में 500 टन सीबीजी प्रतिदिन कम्प्रेस्ड गैस उत्पादन के लक्ष्य को लेकर प्रयास करें, तब प्रतिवर्ष 1।5 लाख टन उत्पादन का लक्ष्य हासिल किया जा सकेगा। बायोकोल, बायोडीजल और बायो एथेनाल के लिए 2000-2000 टन प्रतिदिन के लक्ष्य को लेकर काम किया जाना चाहिए। उन्होंने आश्वस्त किया कि इस क्षेत्र की निवेशकर्ता कंपनियों के लिए भूमि की सुलभ उपलब्धता, पूंजीगत उपादान सहित सभी जरूरी सहयोग उपलब्ध कराया जाएगा। नवीन जैव ऊर्जा नीति तैयार करते समय औद्योगिक जगत से परामर्श जरूर करें। निवेशकर्ता संस्थाओं व कंपनियों की जरूरतों को समझें। सभी पक्षों की राय लेते हुए व्यापक विमर्श के बाद नवीन नीति तैयार की जाए। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली उत्तर प्रदेश सरकार ने 2022 में प्रदेश के युवाओं को उद्योगों व एमएसएमई इकाइयों ऑन-जॉब ट्रेनिंग प्रदान कराते हुए उन्हें तय अवधि के रोजगार से जोड़ने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री शिक्षुता प्रोत्साहन योजना प्रारम्भ की थी। शिक्षुता प्रोत्साहन योजना के तहत प्रदेश के युवाओं को उद्योगों में प्रशिक्षण के साथ-साथ ढाई हजार रुपये मासिक प्रशिक्षण भत्ता दिया जाएगा। युवाओं को मिलने वाले कुल भत्ते में से 1500 रुपये प्रतिमाह की धनराशि केंद्र सरकार द्वारा और 1000 रुपये प्रतिमाह की धनराशि राज्य सरकार देगी। शेष धनराशि संबंधित उद्योग द्वारा वहन की जाएगी। इस योजना के लागू होने से प्रदेश के उद्योगों को कुशल कारीगर तथा युवाओं को प्रशिक्षण के साथ-साथ रोजगार भी प्राप्त होगा। प्रदेश सरकार ने 100 करोड़ रुपये की व्यवस्था की थी।
भारतीय जनता पार्टी ने 2024 चुनाव के लिए भी अपनी कमर कस ली है और यूपी की सभी 80 सीटों पर कमल खिलाने के लिए वोटर चेतना अभियान की शुरुआत की है। इस अभियान के तहत भारतीय जनता पार्टी उत्तर प्रदेश में सवा करोड़ नए मतदाता बनाने की मुहिम पर काम करेगी। भारतीय जनता पार्टी ने लक्ष्य रखा है कि प्रदेश के 1.61 लाख मतदाता बूथों में हर बूथ पर 100 मतदाताओं को बढ़ाना है तो वहीं 25 फर्जी मतदाताओं का नाम मतदाता सूची से कटवाना है, इसकी जिम्मेदारी जिलाअध्यक्षों को दी गई है। इस अभियान के मुताबिक हर विधानसभा क्षेत्र में तकरीबन 20,000 मतदाताओं का नाम बढ़ाने का लक्ष्य रखा गया है, इसमें खास तौर पर महिला और युवा मतदाताओं की संख्या बढ़ाने का एजेंडा है जो अभी तक किन्हीं कारण से मतदाता नहीं बन पाए हैं।
भारतीय जनता पार्टी ने इसको लेकर प्रदेश मुख्यालय पर एक बैठक की जिसकी अध्यक्षता राष्ट्रीय महामंत्री दुष्यंत गौतम ने की। इस बैठक में प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चैधरी, प्रदेश महामंत्री अनूप गुप्ता समेत पार्टी पदाधिकारी शामिल रहे। इस अभियान पर बात करते हुए राष्ट्रीय महामंत्री दुष्यंत गौतम ने कहा कि अन्य दलों की ओर से भी अपने मतदाताओं के नाम बढ़ाने और दूसरे दलों के मतदाताओं के नाम कटवाने पर जोर दिया जाता रहा है, तो उसी कड़ी में बीजेपी कार्यकर्ताओं को भी अपनी विचारधारा से जुड़े हुए मतदाताओं का नाम मतदाता सूची में शामिल कराना है, जो लोग नहीं जुड़े हैं उनको जोड़ना है। उन्होंने कहा कि इसमें पहले मतदाताओं का नाम मतदाता सूची में जुड़वाना है और फिर उनसे लगातार संपर्क में रहकर उनको अपनी विचारधारा से जोड़े रहना है। इस महाअभियान में प्रदेश से लेकर मंडल स्तर तक बीजेपी कमेटी गठित करने जा रही है। इस कमेटी में मतदाता सूची प्रमुख, सह प्रमुख, आईटी टीम के सदस्य, सांसद और विधायक शामिल रहेंगे।
बीजेपी का टारगेट युवाओं और महिलाओं को जोड़ने पर है। इस अभियान के तहत पन्ना प्रमुखों को विशेष जिम्मेदारी दी जाएगी, जिसमें वह अपने पन्ने में दर्ज सभी 60 मतदाताओं के घर लगातार जाकर उनसे जनसंपर्क करेंगे साथ ही जिन मतदाताओं के नाम 2022 की विधानसभा चुनाव के समय मतदाता सूची से कट गए थे, उनके नाम भी दोबारा मतदाता सूची में शामिल कराएंगे। (हिफी)
(अशोक त्रिपाठी-हिफी फीचर)