लेखक की कलम

सीएम की कुर्सी पर योगी का रिकार्ड

(मनीषा-हिफी फीचर)
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बेजोड़ नेता हैं। केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह पिछले महीने लखनऊ आये तो योगी को भाजपा का सबसे अच्छा मुख्यमंत्री बताया था। अब 28 जुलाई को योगी आदित्यनाथ ने सीएम की कुर्सी पर बैठने का रिकार्ड बनाया है। इससे पूर्व बसपा प्रमुख मायावती ने मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठने का 7 वर्ष 16 दिन का रिकार्ड बनाया था। सबसे पहले पं. गोविन्द बिल्लभ पंत स्वतंत्रता से पूर्व और बाद में इस पद को सुशोभित कर चुके हैं। उनका कार्यकाल भी 8 वर्ष 127 दिन का था। अब योगी आदित्यनाथ ने 8 साल 130 दिन का कार्यकाल पूरा किया है। यूपी में 2027 में विधानसभा के चुनाव होने हैं और तब तक योगी के ही मुख्यमंत्री बने रहने की संभावना है। इस प्रकार योगी का रिकार्ड किसी के लिए तोड़ना काफी कठिन होगा। राजनीति में आने से पहले योगी आदित्यनाथ गोरक्षनाथ पीठ के महंत हुआ करते थे। उन्हांेने 1998 मंे महज 26 वर्ष की आयु में लोकसभा चुनाव जीता था। इस प्रकार योगी आदित्यनाथ देश के सबसे युवा सांसदों मंे अपना नाम बहुत पहले दर्ज करवा चुके हैं। उन्होंने 19 मार्च 1917 को यूपी मंे सीएम का पद संभाला था।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक नया ऐतिहासिक कीर्तिमान स्थापित किया है। वे राज्य के इतिहास में सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री पद पर बने रहने वाले
पहले नेता बन गए हैं। उन्होंने इस मामले में प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री
रहे पंडित गोविंद बल्लभ पंत का
रिकॉर्ड तोड़ दिया है। योगी आदित्यनाथ ने अब तक 8 साल 4 महीने और 10 दिन का कार्यकाल पूरा कर लिया
है, जबकि पंडित गोविंद बल्लभ पंत
का कुल कार्यकाल (स्वतंत्रता से पूर्व सहित) 8 साल और 127 दिन का
रहा था।
योगी आदित्यनाथ ने 19 मार्च 2017 को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। उनके नेतृत्व में, भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने 2022 के विधानसभा चुनावों में भी बहुमत हासिल किया, जिसके बाद वे लगातार दूसरी बार मुख्यमंत्री बने। वह पहले ऐसे मुख्यमंत्री हैं जिन्होंने पूर्ण कार्यकाल के बाद दोबारा लगातार पद संभाला है। उत्तर प्रदेश के 22वें मुख्यमंत्री के रूप में योगी आदित्यनाथ भारतीय जनता पार्टी के एक वरिष्ठ और प्रभावशाली नेता हैं। राजनीति में आने से पहले, वे गोरखपुर स्थित गोरखनाथ मठ के महंत यानी मुख्य पुजारी रहे हैं। उन्होंने 1998 में मात्र 26 वर्ष की आयु में गोरखपुर लोकसभा सीट से चुनाव जीतकर सियासत में कदम रखा था, जिससे वे देश के सबसे युवा सांसदों में से एक बन गए थे।
उत्तर प्रदेश मंे मायावती- 7 वर्ष 16 दिन का कार्यकाल, मुलायम सिंह यादव- 6 वर्ष 274 दिन का कार्यकाल, डॉ. सम्पूर्णानंद- 5 वर्ष 345 दिन का कार्यकाल, अखिलेश यादव- 5 वर्ष 4 दिन का कार्यकाल, नारायण दत्त तिवारी- 3 वर्ष 314 दिन का कार्यकाल, चंद्रभानु गुप्ता- 3 वर्ष 311 दिन का कार्यकाल और कल्याण सिंह- 3 वर्ष 217 दिन का कार्यकाल रहा है।
योगी आदित्यनाथ लगातार पांच बार गोरखपुर से लोकसभा के लिए निर्वाचित हुए। वर्ष 2017 में उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के दौरान, वे बीजेपी के सबसे प्रमुख और प्रभावशाली चेहरों में शामिल थे। उनके कुशल प्रचार और नेतृत्व का पार्टी को पूर्ण बहुमत मिलने में महत्वपूर्ण योगदान रहा और इसी के परिणामस्वरूप 19 मार्च 2017 को उन्होंने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली।
उत्तर प्रदेश में अगला विधानसभा चुनाव 2027 में होगा। पिछला विधानसभा चुनाव मार्च 2022 में हुआ था और विधानसभा का कार्यकाल 22 मई 2027 को समाप्त होगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपनी इस उपलब्धि के बाद वाराणसी पहुंचे, सीएम का स्वागत प्रशासनिक अधिकारियों व पार्टी पदाधिकारियों ने किया। वह बाबा कालभैरव और श्रीकाशी विश्वनाथ धाम में दर्शन-पूजन के लिए भी गये। इस दौरान वह धर्मसम्राट स्वामी करपात्री महाराज के 118वें प्राकट्योत्सव के उपलक्ष्य में दुर्गाकुंड स्थित श्रीधर्मसंघ शिक्षा मंडल में आयोजित कार्यक्रम में भी शामिल हुए। हिन्दुत्व की राजनीति के टाइगर कहे जाने वाले योगी आदित्यनाथ का जन्म 5 जून 1972 को उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल जिले के यमकेश्वर तहसील में पंचुर गांव में हुआ। सीएम योगी का बचपन का नाम अजय सिंह बिष्ट था, जिन्हें आज दुनिया योगी आदित्यनाथ के नाम से जानती है। सीएम योगी ने सिर्फ बीजेपी के फायरब्रांड नेता हैं बल्कि राजनीति की ऐसी शख्सियत हैं जो देश के दिग्गज नेताओं के बीच खड़े होकर भी एकदम अलग नजर आते हैं। सीएम योगी ने न सिर्फ अपनी मेहनत, समर्पण और दृढ़ इच्छाशक्ति से उत्तर प्रदेश जैसे विशाल सूबे के मुख्यमंत्री पद तक का सफर तय किया बल्कि राजनीति की दुनिया में ऐसी लकीर खींच दी, जिसको पार करना किसी और के लिए आसान नहीं। एक महंत के देश के सबसे बड़े राज्य की बांगडोर संभालना कोई आसान काम नहीं था। यह कहानी न केवल उनकी व्यक्तिगत उपलब्धियों की है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि कैसे एक बेहद आम पृष्ठभूमि से निकला शख्स आस्था, राजनीति और नेतृत्व के मिश्रण से राजनीति में सफलता की नई इबारत लिख सकता है।
योगी आदित्यनाथ 1990 में ग्रेजुएशन की पढ़ाई करते हुए एबीवीपी से जुड़े और 1992 में कोटद्वार के गढ़वाल यूनिवर्सिटी से गणित में बीएससी की परीक्षा पास की। गणित में एमएससी की पढ़ाई के दौरान गुरु गोरखनाथ पर रिसर्च करने गोरखपुर आए। यहां गोरक्षनाथ पीठ के महंत अवैद्यनाथ की नजर अजय सिंह आदित्यनाथ पर पड़ी। उनके प्रभाव में 1994 में सांसारिक मोहमाया त्यागकर अजय सिंह पूर्ण संन्यासी बन गए, जिसके बाद अजय सिंह बिष्ट का नाम योगी आदित्यनाथ हो गया। 1998 में योगी आदित्यनाथ सबसे पहले गोरखपुर से चुनाव भाजपा प्रत्याशी के तौर पर लड़े और जीत गए। तब उनकी उम्र महज 26 साल थी। इसके बाद 1999 में गोरखपुर से दोबारा सांसद चुने गए। अप्रैल 2002 में योगी ने हिन्दू युवा वाहिनी बनायी और 2004 में तीसरी बार लोकसभा का चुनाव जीता। इसके बाद 7 सितंबर 2008 को सांसद योगी आदित्यनाथ पर आजमगढ़ में जानलेवा हिंसक हमला हुआ था। इस हमले में वे बाल-बाल बचे थे। यूपीए की लहर के बावजूद 2009 में योगी आदित्यनाथ 2 लाख से ज्यादा वोटों से जीतकर लोकसभा पहुंचे थे। योगी 2014 में पांचवी बार एक बार फिर से दो लाख से ज्यादा वोटों से जीतकर सांसद चुने गए। 2017 विधानसभा चुनाव में बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने योगी आदित्यनाथ से पूरे राज्य में प्रचार कराया। यहां तक कि इन्हें एक हेलीकॉप्टर तक दे दिया गया था। भाजपा की सरकार बनी और 19 मार्च 2017 को उत्तर प्रदेश के बीजेपी विधायक दल की बैठक में योगी आदित्यनाथ को विधायक दल का नेता चुनकर मुख्यमंत्री का ताज सौंप दिया गया। योगी आदित्यनाथ ने 20 मार्च 2027 को देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। उन्होंने उत्तर प्रदेश के 21वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी। ततपश्चात 2022 के विधानसभा चुनाव में भी योगी ने गोरखपुर शहरी सीट से पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ा
और धमाकेदार जीत हासिल की।
इसके बाद 25 मार्च 2022 को उन्होंने दूसरी बार यूपी मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। (हिफी)

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