शुभांशु शुक्ला को आप आईएसएस में देख सकते हैं

भारतीयों की शान बन चुके शुभांशु शुक्ला इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन में पहुंचते ही हमारा कनेक्शन अपने आप उस जगह से जुड़ गया। अब उनसे जुड़ी हुई हर खबर जानने में हमारी दिलचस्पी रहती है। ऐसे में आपको ये मौका दे रहे हैं कि आप उन्हें गुजरते हुए देख सकते हैं।
हम भारतीय इतने इमोशनल हैं कि अगर कोई अपना अंतरिक्ष में भी हो, तो हमारा दिल वहीं लगा रहता है। ऐसे में शुभांशु शुक्ला के आईएसएस मिशन को आप अगर धरती से देखना चाहते हैं, तो ये खबर सिर्फ आपके लिए है। आईएसएस लगातार आसमान में तैरता रहता है लेकिन हम कैसे जानेंगे कि ये अब भारत के ऊपर है। चलिए हम आपकी मदद इसमें करते हैं और बताते हैं कि आप शुभांशु शुक्ला को इसमें ट्रैवेल करते हुए कब और कैसे देख पाएंगे।
भारतीय एस्ट्रोनॉट शुभांशु शुक्ला अंतरिक्ष में रहकर भी वहां से अपनी धरती और भारत को देख रहे हैं। इसी बीच उन्होंने एक मैसेज में भारतीयों से कहा कि वे उन्हें अंतरिक्ष से देख रहे हैं, ऐसे में वे भी उन्हें नजरें ऊपर उठाकर देखें, ताकि उन्हें एक कनेक्शन महसूस हो। ये मौका हमें मिलने वाला है क्योंकि इस वक्त इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन भारत के ऊपर से गुजर रहा है और अगले 3 दिन तक हमें ये नजारा देखने को मिल सकता है। 150 बिलियन यूएस डॉलर की लागत से बना हुआ ये स्पेस लैब अंतरिक्ष में जिंदगी, चांद और मंगल के मिशन को समझने के लिए वहां मौजूद है। हमें भी इससे जुड़ने का मौका मिल रहा है। आईएसएस भारतीय आसमान से इस वक्त गुजर रहा है। ये घटना 7 जुलाई से शुरू हो चुकी है और 12 जुलाई तक अलग-अलग समय पर घटित होने वाली है। आपकी सुविधा के लिए हम आज यानि 10 जुलाई से 12 जुलाई का शेड्यूल आपको बता देते हैं-
10 जुलाई- 3.22 एएम-3.27 एएम, 4.58 एएम-5.04 एएम, 7.59 पीएम- 8.05 पीएम
11 जुलाई- 2.34 एएम-2.36 एएम, 4.09 एएम-4.15 एम
12 जुलाई- 7.59 पीएम-8.03 पीएम
अगर आप सोच रहे हैं कि ये सिर्फ टेलीस्कोप से ही देखा जा सकता है, तो ऐसा नहीं है। दिन में कुछ ऐसे भी समय होंगे, जब आप नंगी आंखों से भी इसे देख सकते हैं। खासतौर पर बिल्कुल सुबह यानि भोर में या फिर शाम के वक्त आप इसे देख सकते हैं, जब सूर्य की किरणें इसकी सतह से रेफ्लेक्ट हो रही होंगी। इस वक्त आपको ये एक चमकते हुए डॉट की तरह आसमान में गुजरता हुआ दिखाई देगा। ये नजारा कुछ ही मिनट तक रहेगा, ऐसे में आपको अपनी नजरें हॉरिजन पर टिकाकर रखनी होंगी। थोड़ी सावधानी ये रखें कि ऐसी जगह खड़े हों, जहां पेड़ और बिल्डिंग्स बीच में न हों। ये फ्लाइट से भी तेज जाएगा, ऐसे में ध्यान रखना होगा।