विश्व-लोक

जेलेंस्की ने घरेलू मिसाइल से रूस मंे मचाई तबाही

रूस-यूक्रेन के बीच युद्ध में समझौता छोड़िए, प्रहार का दौर भी खत्म नहीं हो रहा है। कभी रूस की ओर से हमले हो रहे हैं, तो कभी यूक्रेन अपनी सीमित हथियारों में भी उसे तगड़ी चोट दे रहा है। गत दिनों कुछ ऐसा ही हुआ, जब यूक्रेन की सेना ने रूस की ऑयल रिफायनरी को ब्लास्ट कर दिया। यूक्रेन की सेना ने दावा किया कि उसने पहली बार अपने देश में विकसित किए गए लंबी दूरी वाले फ्लैमिंगो रॉकेट का इस्तेमाल करते हुए रूस और कब्जे वाले क्षेत्रों में कई ठिकानों पर हवाई हमले किए। पश्चिमी देशों से हथियारों की सप्लाई में देरी और कुछ मिसाइलों के इस्तेमाल पर लगी पाबंदियों के कारण, यूक्रेन अब अपनी लंबी दूरी की मिसाइलें खुद बनाने पर जोर दे रहा है। वैसे भी डोनाल्ड ट्रंप ने जिस तरह जेलेंस्की को टॉमहॉक के मुद्दे पर गच्चा दिया है, वे जान चुके हैं कि घरेलू हथियार बनाना बेहद जरूरी है, तभी वे इस लड़ाई में ज्यादा दिनों तक टिके रह सकते हैं।
यूक्रेन के जनरल स्टाफ ने बताया कि रातभर चली इस कार्रवाई में फ्लैमिंगो के अलावा कई ड्रोन और अन्य लंबी दूरी की मिसाइलों का भी इस्तेमाल किया गया। यूक्रेन की सेना के मुताबिक उन्होंने कई दर्जन टार्गेट को सफलतापूर्वक निशाना बनाया। उनका वार इस बार भी रूस की कमजोर नस मानी जाने वाली ऑयल रिफायनरी थी। ये रूस के तेल सेक्टर पर यूक्रेन का चैथा बड़ा हमला था, जिसने रूस का बड़ा नुकसान किया है। यूक्रेन के मुताबिक जिन ठिकानों को निशाना बनाया गया, उनमें- क्रीमिया में एक ऑयल टर्मिनल, ड्रोन स्टोरेज साइट्स, एक रडार स्टेशन और और जापोरीज्जिया के कब्जे वाले हिस्सों में कमांड पोस्ट और हथियार डिपो शामिल रहे। यूक्रेन की सेना ने रात के समय खुले मैदान से दागी गई मिसाइलों का एक वीडियो भी जारी किया और उन्होंने कहा कि हमलों से हुए नुकसान का आकलन अभी जारी है। मॉस्को टाइम्स के मुताबिक रूस के रक्षा मंत्रालय ने दावा किया है कि उसकी एयर डिफेंस ने क्रीमिया और कई रूसी क्षेत्रों के ऊपर से 130 यूक्रेनी ड्रोन मार गिराए। रूस ने मिसाइल हमलों का कोई जिक्र नहीं किया। यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने फ्लैमिंगो को यूक्रेन के हथियारों में सबसे सफल मिसाइल बताया है। यह मिसाइल फायर प्वाइंट नाम की यूक्रेनी कंपनी ने बनाई है। इसकी रेंज 3000 किलोमीटर तक बताई गई है, जिसमें 1150 किलोग्राम का वारहेड लगाया जाता है, जो इसे बेहद ताकतवर बनाता है। जेलेंस्की ने अक्टूबर में कहा था कि यूक्रेन पहले ही नई मिसाइलों का युद्ध में इस्तेमाल शुरू कर चुका है। जेलेंस्की ने यह भी बताया कि घरेलू मिसाइल उत्पादन तेजी से आगे बढ़ रहा है। यूक्रेन की इस मिसाइल का बड़े पैमाने पर उत्पादन पहले 2026 में होना था, लेकिन अब टाइमलाइन घटाकर 2025 के आखिर तक कर दी गई और उसका प्रभाव भी दिखाई दे रहा है।

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