लेखक की कलम

भजन गायक मित्तल की सियासत

(अशोक त्रिपाठी-हिफी फीचर)
राजनीति मंे विभिन्न क्षेत्रों से लोग आते हैं और जनता उन्हंे उनकी लोकप्रियता के चलते संसद या विधानसभाओं मंे भी भेज देती है। किसी एक का नाम लेने से वे नाराज हो जाएंगे लेकिन अपनी चमक-दमक और जनप्रियता के कारण कितने ही लोग विधानसभाओं से लेकर संसद तक मंे बैठे हैं जिनका राजनीति से कोई लेना-देना नहीं है। उनको जीएसटी से लेकर टैरिफ के प्रभावों तक की चिंता नहीं है। ऐसे ही एक भजन गायक कन्हैया मित्तल हैं जो खाटू श्याम जी का भजन गाकर चर्चा मंे आए और अब राजनीति में आना चाहते हैं। सामान्य रूप से सत्तारूढ़ दल से जुड़ना सभी की ख्वाहिश होती हैं। भजन गायक कन्हैया मित्तल भी भाजपा से जुड़ना चाहते थे। हरियाणा विधानसभा चुनाव के समय वह पंचकुला सीट से टिकट प्राप्त करना चाहते थे लेकिन वहां से भाजपा ने टिकट नहीं दिया। भाजपा का दामन नहीं मिलने के बाद उन्हांेने कांग्रेस का हाथ थामने की इच्छा जतायी लेकिन शर्त रखी है कि यदि राहुल गांधी अयोध्या जाते हैं तो मैं आज भी कांग्रेस मंे जाने को तैयार हूं। अपने को पक्का सनातनी मानने वाले भजन गायक कन्हैया मित्तल कहते हैं कि अगर मेरे एक कदम हिलाने से कोई राम के पास जाता है तो मैं अपना सब कुछ कुर्बान करने को तैयार हूं। यहां पर ध्यान देने की बात है कि राम मंदिर मंे प्राण प्रतिष्ठा समारोह के समय राहुल गांधी ने विवादास्पद बयान दिया था। भाजपा नेताओं ने विशेष रूप से इसकी आलोचना की थी। अब भजन गायक मित्तल इसीलिए चर्चा में हैं कि क्या राहुल गांधी राम मंदिर जाएंगे?
भजन गायक कन्हैया मित्तल एक बार फिर अपने बयान को लेकर सुर्खियों में हैं। राजनीति में आने की इच्छा जता चुके कन्हैया मित्तल ने अब कहा है कि अगर सोनिया गांधी और राहुल गांधी राम मंदिर जाते हैं, तो वे कांग्रेस में शामिल होने को तैयार हैं। दशहरा मेला कमेटी द्वारा निजी होटल में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में भजन गायक कन्हैया मित्तल ने पत्रकारों से बातचीत की। कन्हैया मित्तल ने कहा, मैं रामजी के लिए सभी को कह सकता हूं। राहुल गांधी अयोध्या क्यों नहीं जा सकते हैं। कोई मना करता है। सोनिया गांधी अयोध्या क्यों नहीं जा सकती हैं। कांग्रेस कहती है कि बीजेपी राम के नाम की राजनीति करती है, तो क्या कांग्रेस राम के पास जाकर राजनीति नहीं करती है। राम सब के हैं, किसी की बपौती नहीं है। राम मंदिर सभी के लिए बना है। उन्होंने कहा, राहुल गांधी अयोध्या जाते
हैं तो मैं आज भी कांग्रेस में आने के लिए तैयार हूं। अगर मेरे एक कदम हिलाने से कोई राम के पास जाए और सनातन की बात करने लग जाए तो कुर्बान है सब कुछ। हमारी लड़ाई किसी धर्म, मजहब और दल के साथ नहीं है। जो रामजी का काज करेगा, हम उसका काज करेंगे। वो कोई भी करे।
हरियाणा विधानसभा चुनाव में पंचकुला सीट से भाजपा से टिकट पाने की चाह रखने वाले कन्हैया मित्तल का नया बयान सियासी गलियारों में चर्चा का विषय बन गया है। बीजेपी से टिकट कटने के बाद उन्होंने कांग्रेस में जाने की इच्छा जताई थी। खुद एक वीडियो शेयर करके कांग्रेस पार्टी में शामिल होने की संभावनाएं जताई थी। कन्हैया मित्तल ने कहा था कि सनातन की बात करने वाला एक ही दल न हो, किसी की मदद के लिए हर दल से लोग आएं और हर पार्टी में सनातन की बात हो। इसीलिए इच्छा है कि कांग्रेस ज्वॉइन करूं। अपने बयान के 24 घंटे बाद ही उन्होंने यूटर्न लिया था। एक और वीडियो शेयर किया था जिसमें उन्होंने कहा था कि पिछले दो दिनों से मुझे ये अहसास हुआ कि मेरे सभी सनातनी भाई-बहन और खास भाजपा का शीर्ष नेतृत्व मुझे बहुत प्यार करता है और मेरी चिंता करता है। दो दिनों से देख रहा हूं कि आप सब परेशान हैं, उसके लिए मैं क्षमा चाहता हूं और जो मेरे मन की बात मैंने कही थी कि मैं कांग्रेस जॉइन करने वाला हूं, उसे वापस लेता हूं क्योंकि मैं नहीं चाहता किसी सनातनी का भरोसा टूटे। उन्होंने कहा था, आज मैं टूटूंगा तो पता नहीं कितने और टूटेंगे। हम सब मिलकर राम के थे, राम के हैं और राम के रहेंगे।
कन्हैया मित्तल ने भारत में एक मंच कलाकार के रूप में अपना करियर शुरू किया, जहाँ उन्होंने भक्ति गीतों और विशेष रूप से भजनों पर ध्यान केंद्रित किया। उन्होंने अपने धार्मिक गीतों और प्रसिद्ध खाटू श्याम गीतों के कारण उच्च स्तर की पहचान प्राप्त की। उनके पिता एक व्यवसायी और आंशिक रूप से नास्तिक थे, जो ईश्वर में विश्वास नहीं करते थे।खाटू श्याम जी मंदिर की उत्पत्ति हिंदू पौराणिक कथाओं, विशेष रूप से महाकाव्य महाभारत में गहराई से निहित है । यहाँ पूजे जाने वाले देवता, खाटू श्याम जी, बर्बरीक माने जाते हैं, जो भीम (पांडव भाइयों में से एक) के पोते और घटोत्कच के पुत्र थे।
बहरहाल, खाटू श्याम के कथित भक्त ने कांग्रेस व राम मंदिर फिर से खड़ा कर दिया। राहुल गांधी के राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा को लेकर दिए गए एक विवादित बयान पर घमासान मच गया था। कई संतों ने उनके बयान की आलोचना की और नाराजगी जताई। राम मंदिर के मुख्य पुजारी सतेंद्र दास ने कहा कि कांग्रेस सरकार राम के अस्तित्व को नकारती रही है। वहीं भाजपा ने भी मुद्दे को लेकर कांग्रेस पर हमला बोला था। कांग्रेस नेता राहुल गांधी अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा समारोह को नाच-गाना बताकर विवादों में घिर गए थे।
भाजपा प्रवक्ता डॉ. सुधांशु त्रिवेदी ने राहुल के बयान को राम मंदिर का अपमान करार दिया था। राहुल गांधी ने हरियाणा के असंध और बरवाला में चुनावी रैलियों के दौरान अयोध्या में रामलला के प्राण-प्रतिष्ठा समारोह को लेकर टिप्पणी की थी। उन्होंने कहा, अयोध्या में हारे क्यों? आपने राम मंदिर खोला। सबसे पहले राष्ट्रपति को कहा कि आप आदिवासी हो, आप अंदर नहीं जा सकतीं। आपको अलाउ नहीं है। उसके बाद अमिताभ बच्चन, अदाणी-अंबानी को बुला लिया। किसी एक मजदूर को आने नहीं दिया। आपने बढ़ई को देखा, किसान को देखा, मजदूर को देखा, कोई नहीं था। वहां नाच गाना चल रहा था। प्रेस वाले हाय-हाय कर रहे थे।
राहुल ने कहा था इसलिए अवधेश प्रसाद (इंडिया गठबंधन के प्रत्याशी) ने इनको (भाजपा) पटका। पूरा हिंदुस्तान देख रहा है। राहुल के बयान पर नाराजगी जताते हुए अयोध्या के साधु-संतों ने कहा था कि उनकी बुद्धि खराब हो गई है। आचार्य पीठ दशरथमहल बड़ास्थान के महंत बिंदुगाद्याचार्य देवेंद्रप्रसादाचार्य ने कहा, राहुल को बोलने के पहले विषय की गंभीरता को सोचना चाहिए। राम मंदिर अयोध्या ही नहीं देश की आस्था से जुड़ा है और यहां राजा से लेकर रंक तक आते हैं, ऐसे में इस टिप्पणी को कहीं से भी न्यायसंगत नहीं कहा जा सकता। मणिरामदास जी की छावनी के उत्तराधिकारी महंत कमलनयनदास ने कहा कि राहुल गांधी अनर्गल टिप्पणी के लिए कुख्यात हो चले हैं। वह कृपया राम मंदिर और रामनगरी से दूरी बनाकर रखें। अब भजन गायक मित्तल उसी प्रकरण को हवा देकर शायद अपनी सियासत की राह खोलना चाहते हैं। (हिफी)

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