आयुष मंत्रालय से जारी औषधि व प्रसाधन सामग्री से जुड़े आदेश पर सुप्रीम रोक

सुप्रीम कोर्ट ने आयुष मंत्रालय की ओर से जारी एक अधिसूचना पर रोक लगा दी है। इस अधिसूचना के जरिए मंत्रालय की ओर से औषधि और प्रसाधन सामग्री नियम, 1945 के नियम 170 को हटा दिया गया था। यह नियम आयुर्वेदिक, सिद्ध और यूनानी दवाओं के भ्रामक विज्ञापनों पर रोक लगाता है।
जस्टिस हिमा कोहली और संदीप मेहता की बेंच ने कहा कि मंत्रालय की ओर से जारी अधिसूचना उसके (सुप्रीम कोर्ट) 7 मई, 2024 के आदेश के विपरीत है। पीठ ने कहा, अगले आदेश तक, हटाने की तिथि वाली अधिसूचना के प्रभाव पर रोक रहेगी।केंद्र की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल केएम नटराज ने कहा कि वह स्थिति स्पष्ट करते हुए एक हलफनामा दायर करेंगे।
केंद्र ने पहले राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को अगस्त 2023 में लिखे अपने पत्र का बचाव किया था, जिसमें अधिकारियों से औषधि व प्रसाधन सामग्री नियम के नियम 170 का उल्लंघन करने वाली किसी भी इकाई के खिलाफ कार्रवाई शुरू न करने के लिए कहा गया था। शीर्ष अदालत ने मई में आयुष मंत्रालय की 29 अगस्त, 2023 को लिखे पत्र को लेकर केंद्र से सवाल किया था, जिसमें लाइसेंसिंग अधिकारियों को औषधि और प्रसाधन सामग्री नियम, 1945 के नियम 170 के तहत कोई कार्रवाई शुरू नहीं करने या नहीं करने के लिए कहा गया था। पीठ ने नटराज से कहा था कि मंत्रालय पिछले साल 29 अगस्त के पत्र को तुरंत वापस ले।